
26/08/2025
यह आसन 🧘 संतुलन, एकाग्रता और स्थिरता बढ़ाता है, तथा चिंता और अवसाद को कम करने में मदद करता है।
वृक्ष मुद्रा (वृक्षासन) करने के चरण
1. शुरुआती मुद्रा:
सीधे खड़े हो जाएं, पैर कूल्हों की सीध में और हाथ नीचे की ओर हों।
2. पैर मोड़ें:
अपना दाहिना घुटना मोड़ें और दाहिने पैर के तलवे को बाईं जांघ पर मजबूती से टिकाएं।
3. हाथ उठाएं:
संतुलन बनने पर, गहरी सांस लेते हुए दोनों हाथों को सिर के ऊपर उठाएं और हथेलियों को एक साथ लाकर 'नमस्ते' की मुद्रा में लाएं।
4. संतुलन बनाए रखें:
अपने संतुलन और स्थिरता के लिए अपने कूल्हों को स्थिर रखें।
5. साँस पर ध्यान:
गहरी साँसें लेते रहें, और हर साँस छोड़ते हुए शरीर को आराम दें।
6. आसन से बाहर आएं:
धीरे-धीरे साँस छोड़ते हुए अपने हाथों को नीचे लाएं और फिर दाहिने पैर को भी नीचे ले आएं।
7. दूसरे पैर से दोहराएं:
बाएँ पैर को दाहिनी जांघ पर रखकर इन चरणों को दोहराएं।
वृक्ष मुद्रा के लाभ
संतुलन और एकाग्रता:
यह खड़े होकर किए जाने वाले आसनों में से एक है जो संतुलन और एकाग्रता को बढ़ाता है।
मानसिक शांति:
यह मानसिक शांति प्रदान करता है और चिंता, अवसाद तथा तनाव को कम करने में सहायक है।
शरीर को मजबूत बनाता है:
यह पैरों, कोर और पीठ की मांसपेशियों को मजबूत करता है, जिससे शरीर का आसन और संरेखण सुधरता है।
ऊर्जा बढ़ाता है:
यह आसन शरीर को स्फूर्ति प्रदान करता है, जिससे आप अधिक जागृत और सतर्क महसूस करते हैं।
आत्मविश्वास:
यह आत्म-सम्मान और आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद करता है।