29/07/2025
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मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय, इंदौर पीठ में
रिट याचिका संख्या: 23845/2023
तारीख: 23 जुलाई 2025
न्यायाधीशगण:
माननीय श्री न्यायमूर्ति विवेक रूसिया
माननीय श्री न्यायमूर्ति बिनोद कुमार द्विवेदी
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पक्षकार:
याचिकाकर्ता: तनिष्क पटेल एवं अन्य
प्रतिवादी: भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) एवं अन्य
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आदेश:
न्यायमूर्ति विवेक रूसिया द्वारा:
याचिकाकर्ता, जो कि अब अधिवक्ता बन चुके विधि के छात्र हैं, ने संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत जनहित याचिका के रूप में इस न्यायालय में याचिका दायर की है। याचिका में उन्होंने निम्नलिखित निर्देशों की माँग की है:
सड़क पर उचित यातायात संकेतक (रोड साइन) लगाना,
पालदा ब्रिज के दोनों ओर खड़े ट्रकों को हटाना,
अनावश्यक स्पीड ब्रेकर हटाना,
सड़क के रख-रखाव के लिए समिति गठित करना,
और भविष्य में यदि सड़क की खराब स्थिति के कारण दुर्घटना होती है, तो उसकी जिम्मेदारी NHAI पर हो।
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कार्यवाही की स्थिति:
इस याचिका की लंबित अवधि के दौरान, दिनांक 24.06.2025 को अर्जुन बरोदिया गाँव के पास एक फ्लाईओवर निर्माण के कारण गंभीर ट्रैफिक जाम हुआ, जिससे तीन लोगों की मृत्यु हो गई क्योंकि वे समय पर अस्पताल नहीं पहुँच सके। इसके पश्चात याचिकाकर्ताओं ने 30.06.2025 को अंतरिम राहत के लिए आवेदन प्रस्तुत किया और याचिका त्वरित सूचीबद्ध करवाई।
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माँगी गई अंतरिम राहतें:
1. फीनिक्स सिटाडेल पर असुरक्षित ट्रैफिक सिग्नल हटाना, सुरक्षित यातायात बहाल करना और सर्विस लेन की अव्यवस्था को बैरिकेड से सुरक्षित करना।
2. गड्ढों की मरम्मत, सड़क की सतह सम करना, और सुरक्षा मानकों के अनुसार संकेतक व प्रकाश व्यवस्था लगाना।
3. तकनीकी विशेषज्ञ समिति द्वारा संयुक्त निरीक्षण (NHAI, स्थानीय ट्रैफिक पुलिस व स्वतंत्र विशेषज्ञ)।
4. न्यायालय द्वारा स्थल निरीक्षण या न्यायालय आयुक्त की नियुक्ति, ताकि सड़क की खतरनाक स्थिति का स्वतंत्र मूल्यांकन किया जा सके।
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NHAI का उत्तर:
NHAI ने कहा कि NH-3, इंदौर से देवास के बीच, पहले चार लेन का था, जिसे 2011 में 6 लेन में बदला गया।
अनुबंध M/s Indore-Dewas Tollways Ltd. के साथ हुआ था, जो 22.12.2022 को समाप्त कर दिया गया।
नया रख-रखाव अनुबंध M/s D.G. Belhekar & Co. को 25.07.2023 को सौंपा गया।
NHAI ने रोड पर कई “ब्लैक स्पॉट” चिन्हित किए, जैसे राऊ सर्कल, फीनिक्स मॉल, रालामंडल, अर्जुन बरोदिया।
इन स्थानों पर फ्लाईओवर निर्माण का ठेका M/s Mehrotra Buildcon Pvt. Ltd. (प्रतिवादी-7) को दिया गया है।
वर्षा और अन्य मार्गों की मरम्मत के कारण ट्रैफिक इसी मार्ग पर केंद्रित हो गया, जिससे जाम की स्थिति बनी।
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प्रतिवादी कंपनी (Mehrotra Buildcon Pvt. Ltd.) का हलफनामा:
तीन स्थानों (रालामंडल, MR-10, अर्जुन बरोदिया) पर फ्लाईओवर निर्माण जारी है।
अर्जुन बरोदिया पर दोनों ओर यातायात को सर्विस लेन पर डायवर्ट किया गया है, जो नियमित रूप से बनाए रखा जा रहा है।
विगत 6 दिनों से कोई जाम नहीं हुआ है।
ट्रैफिक जाम का मुख्य कारण गलत लेन में भारी वाहन चलाना है।
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याचिकाकर्ताओं की दलील:
न्यायालय DSC – Viacon Ventures Pvt. Ltd. बनाम लाल मनोहर पांडे (2015) मामले की तर्ज पर एक समिति गठित करे।
16.03.2023 की अधिसूचना (भारत सरकार, सड़क परिवहन मंत्रालय) का अनुपालन कराया जाए।
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NHAI की दलील:
ट्रैफिक जाम कई कारणों (वर्षा, निर्माण, त्यौहार, नियम उल्लंघन) से हो सकता है, इस पर सामान्य निर्देश नहीं दिए जा सकते।
पूर्व ठेकेदार को हटाकर नए ठेकेदार को कार्य सौंपा गया है, जो निर्माण कार्य समयसीमा में पूर्ण करेगा।
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न्यायालय की टिप्पणी और आदेश:
1. याचिकाकर्ताओं की चिंता जनहित में उचित है।
2. निर्माण कार्य के दौरान ट्रैफिक के लिए विस्तृत योजना होनी चाहिए, जिसमें चिह्न, बैरिकेडिंग, प्रकाश व्यवस्था, यातायात नियंत्रक (Flagmen) आदि हों।
3. निर्माण स्थल पर स्पष्ट और प्रतिबिंबित संकेतक, हाज़र्ड मार्कर, रंबल स्ट्रिप्स, इत्यादि जरूरी हैं।
4. सर्विस लेन पहले बनाई जानी चाहिए थी। उसकी चौड़ाई और मजबूती ट्रैफिक भार के अनुसार होनी चाहिए।
5. NH-3 एक व्यस्त राजमार्ग है, जो देवास, पिथमपुर, धार जैसे औद्योगिक क्षेत्रों को जोड़ता है।
6. निर्माण कार्य के दौरान एम्बुलेंस, पुलिस और फायर ब्रिगेड की आवाजाही में कोई रुकावट नहीं होनी चाहिए।
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अंतिम आदेश:
सेवा सड़कों का निर्माण/उन्नयन प्राथमिकता से पूर्ण किया जाए।
NHAI सेवा सड़कों के रख-रखाव की नियमित निगरानी करे और 30 दिनों में रिपोर्ट प्रस्तुत करे।
रंबल स्ट्रिप्स हटाने का आदेश नहीं दिया जा सकता क्योंकि वे दुर्घटना रोकने हेतु आवश्यक हैं।
ट्रैफिक संकेतक उचित स्थानों पर लगाए जाएं और समय-समय पर बदले जाएं।
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निष्कर्ष:
इस आधार पर यह याचिका निस्तारित की जाती है। कोई लागत नहीं लगाई गई। यदि 30 दिनों में अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की गई, तो यह याचिका पुनः सूचीबद्ध की जाएगी।
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(न्यायमूर्ति विवेक रूसिया)
(न्यायमूर्ति बिनोद कुमार द्विवेदी)
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