
14/06/2025
ये पारी कोई चमत्कार नहीं थी। न ही कोई कालजयी करिश्मा। लेकिन जब भी टेस्ट क्रिकेट या अफ्रीकी क्रिकेट का इतिहास लिखा जाएगा, एडन मार्करम की इस पारी को अमर गाथा की तरह याद किया जाएगा।
एक ऐसी पारी जिसने 50 वर्षों से साउथ अफ़्रीका के माथे पर लगे ‘चोकर्स’ के कलंक को धोने की शुरुआत कर दी है।
कितनी ही बार अफ़्रीका ने ट्रॉफी को छूने की कोशिश की—हर बार नियति ने कोई नया मोड़ दे दिया। और बीते साल, भारत के खिलाफ हार ने घाव और गहरा कर दिया।
ये नहीं कि इस टीम ने दिग्गज नहीं देखे। एबी डिविलियर्स, स्टेन, अमला, पोलॉक, स्मिथ—हर नाम एक प्रतीक। मगर जरूरत थी एक ऐसी पारी की, जो नॉकआउट में वक्त के खिलाफ खड़ी हो जाए।
वो पारी एडन मार्करम ने खेली। धैर्य, साहस और संकल्प की मिसाल।
सिर्फ रन नहीं बनाए—एक उम्मीद जिंदा की।
सलाम है उस जुझारू जज़्बे को।
बधाई हो, साउथ अफ़्रीका। तुम्हारी कहानी अब बदल रही है। 💚