25/05/2023
एक बेटी जिसने बिना बिजली के सरकारी स्कूल में पढ़ते हुए यह उपलब्धि हांसिल की हैं , ठेट ढ़ाणी में रहने वाली यह बच्ची जिसके पिता गुजरात के किसी शहर में अनाज की बोरी उठाने (मजदूरी)का काम करके घर का गुजारा कर रहें हैं और अपनी लाड़ली बेटी को पढ़ा रहें हैं , आप कल्पना कीजिये कि आजादी के इतने सालों बाद भी कोई घर ऐसा हैं जहाँ बिजली के नाम पर एक सरकारी खम्भा तो लगा हैं लेकिन मीटर या बिजली अभी तक नहीं पहुँची हैं, पर इन सब के बावजूद चिमनी, लालटेन या चार्जिंग बैटरी(जिसे किसी दूसरे के घर जाकर चार्ज करके ) के जरिये गाँव की ही सरकारी स्कूल में पढ़ कर यह बेटी आज 94.80 % अंक अर्जित कर रही हैं, और भूगोल जैसे विषय में 100 में 100 अंक ला रही हैं , यह प्रतिशत शहरों में रह कर इलीट क्लास स्कूलों में पढ़ कर 99.99 % अंक अर्जित करने वालो से कंही-कंही अधिक है ।
इसके पिता मेरी नजर में हीरो हैं और गाँव खुड़ासा सिणधरी बाड़मेर मेरे लिए सबसे बड़ी मोटिवेशन हैं ।।
#तुलसी_मेघवाल आप को बहुत शुभकामनाएं , बहुत बधाई 💐💐।
नोट- मेरा प्रिंट वह इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से निवेदन इस बच्ची की कहानी अपने चैनल अपने अखबार में जरूर दिखायें ।।