28/04/2025
चर्चा में: स्क्रैमजेट इंजन
डीआरडीओ द्वारा स्क्रैमजेट इंजन का सफल परीक्षण
25 अप्रैल, 2025 को हैदराबाद में नवनिर्मित अत्याधुनिक स्क्रैमजेट कनेक्ट टेस्ट सुविधा में 1,000 सेकंड से अधिक समय तक लंबी अवधि के सक्रिय कूल्ड स्क्रैमजेट सबस्केल कॉम्बस्टर का ग्राउंड परीक्षण ।
विकास-रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला (डीआरडीएल), हैदराबाद।
स्क्रैमजेट इंजन क्या है?
कल्पना करें, आप एक सुपरफास्ट हवाई जहाज में बैठकर बहुत तेज़ी से आकाश में उड़ रहे हैं। उस हवाई जहाज में ऐसा इंजन लगा है जो हवा से खुद ही ईंधन लेता है और बहुत तेज़ी से उड़ान भरने में मदद करता है। यह इंजन खास है क्योंकि इसमें कोई घूमने वाले हिस्से नहीं होते, और यह हवा के दबाव से काम करता है। इस इंजन को स्क्रैमजेट (Scramjet) कहते हैं।
स्क्रैमजेट इंजन
Scramjet-Supersonic Combusting Ramjet engine.
यह रैमजेट (एयर ब्रीदिंग इंजन) का उन्नत संस्करण है और सुपरसोनिक वायु प्रवाह और दहन के माध्यम से प्रणोद उत्पन्न करता है।
यह हाइपरसोनिक गति से चलता है तथा मैक 5 से अधिक की उच्च गति पर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करता है।
हाइपरसोनिक मिसाइल के विकास में महत्वपूर्ण।
हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल एक प्रकार का हथियार है जो ध्वनि की गति से पांच गुना अधिक (> 6100 किमी प्रति घंटा) लंबी अवधि तक यात्रा कर सकता है और यह एयर ब्रीदिंग इंजन द्वारा संचालित होता है।
स्क्रैमजेट इंजन के बारे में जानिए:
1. स्क्रैमजेट का मतलब क्या है?
स्क्रैमजेट एक प्रकार का जेट इंजन है जो सुपरसोनिक गति (यानि ध्वनि की गति से भी तेज़) पर काम करता है। "Scram" का मतलब होता है "Supersonic Combustion Ramjet", यानी जब हवा बहुत तेज़ गति से इंजन में प्रवेश करती है और उसमें ईंधन जलाया जाता है। इसमें कोई घूमने वाले भाग नहीं होते जैसे पारंपरिक जेट इंजन में होते हैं।
2. स्क्रैमजेट कैसे काम करता है?
हवा का संपीड़न: स्क्रैमजेट इंजन तब काम करता है जब विमान बहुत तेज़ गति से उड़ता है, माच 5 (ध्वनि की गति से पाँच गुना तेज़) या उससे अधिक। जब विमान इतनी तेज़ गति से उड़ता है, तो हवा इंजन में घुसती है और संकुचित हो जाती है।
ईंधन का जलना: संकुचित हवा के साथ ईंधन मिलकर उसमें जलता है। चूँकि यह प्रक्रिया बहुत तेज़ी से होती है, यह इंजन को उच्च गति पर चलते रहने में मदद करता है।
कोई घूमने वाला हिस्सा नहीं: पारंपरिक जेट इंजन में कंप्रेसर, टरबाइन और पंखे होते हैं, जो घूमते हैं, लेकिन स्क्रैमजेट में ऐसा कोई हिस्सा नहीं होता। यह बिना घूमे ही तेज़ी से उड़ता है।
3. स्क्रैमजेट का सबसे बड़ा फायदा क्या है?
हवा से ईंधन प्राप्त करना: स्क्रैमजेट इंजन को उड़ान के दौरान हवा से ऑक्सीजन मिलती है, इसलिए इसे खुद से ऑक्सीजन या रॉकेट जैसे भारी टैंक लेकर नहीं उड़ना पड़ता।
बहुत तेज़ी से उड़ान भरना: यह इंजन इतनी तेज़ी से उड़ान भरने में मदद करता है कि हम कल्पना भी नहीं कर सकते। माच 5 से लेकर माच 15 तक की गति तक उड़ने की क्षमता है।
उपग्रह प्रक्षेपण: स्क्रैमजेट इंजन का इस्तेमाल अंतरिक्ष यानों को अंतरिक्ष में भेजने में भी किया जा सकता है। यह बहुत जल्दी और कम लागत में उपग्रहों को भेजने में मदद करेगा।
4. स्क्रैमजेट के प्रयोग:
स्पीड: स्क्रैमजेट इंजन माच 5 से माच 15 तक की गति में काम कर सकता है। यानी ये विमान बहुत तेजी से आकाश में उड़ सकते हैं।
सैन्य उपयोग: स्क्रैमजेट मिसाइलों और अन्य सैन्य उपकरणों में भी इस्तेमाल हो सकता है, क्योंकि यह इतनी तेज़ी से उड़ सकता है कि दुश्मन उसे पकड़ नहीं पाता।
आंतरिक्ष यात्रा: भविष्य में हम इसे अंतरिक्ष में उपग्रह भेजने के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे अंतरिक्ष यात्रा बहुत तेज़ और सस्ती हो सकती है।
क्या हैं इसकी समस्याएँ?
उड़ान की शुरुआत: स्क्रैमजेट इंजन को शुरू करने के लिए विमान को पहले बहुत तेज़ी से उड़ना पड़ता है, जैसे माच 4 (ध्वनि की गति से चार गुना तेज़)। इस कारण इसे शुरुआत में रॉकेट की तरह मदद की ज़रूरत होती है।
बहुत गर्मी: जब इंजन इतनी तेज़ गति से उड़ता है, तो उसमें बहुत ज़्यादा गर्मी उत्पन्न होती है। इस गर्मी को सहन करने के लिए खास सामग्री की आवश्यकता होती है, जो बहुत महंगी होती है।
स्मूद दहन: हवा और ईंधन का दहन (जलना) सुपरसोनिक गति पर नियंत्रित करना बहुत मुश्किल होता है, और इस काम में उच्च तकनीकी चुनौतियाँ होती हैं।
आधुनिक परीक्षण और विकास:
भारत में स्क्रैमजेट परीक्षण:
भारत के ISRO (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) ने 2016 में सफलतापूर्वक एक स्क्रैमजेट इंजन का परीक्षण किया। इसके बाद, DRDO (रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन) भी हाइपरसोनिक प्रौद्योगिकी पर काम कर रहा है, जो भविष्य में सैन्य और अंतरिक्ष अभियानों में मदद करेगा।
दुनिया में परीक्षण:
NASA ने 2004 में अपने X-43A विमान के जरिए माच 9.6 (ध्वनि की गति से 9.6 गुना) की गति पर स्क्रैमजेट इंजन का सफल परीक्षण किया।
DARPA (अमेरिकी रक्षा विभाग) और चीन भी हाइपरसोनिक तकनीक पर काम कर रहे हैं।
निष्कर्ष:
स्क्रैमजेट इंजन भविष्य में उड़ान भरने, उपग्रहों को भेजने, और अंतरिक्ष यात्रा को अधिक सस्ता और तेज़ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। यह एक ऐसे इंजन का उदाहरण है, जो हवा से ऊर्जा प्राप्त करता है और बिना घूमने वाले हिस्सों के भी बहुत तेज़ गति से काम करता है।