
06/01/2025
9 नवंबर 1928 को पंजाब में जन्मे दारा सिंह अपने समय के विश्व प्रसिद्ध फ्रीस्टाइल पहलवान थे। उनकी कुश्ती का सफर गांव के मेले से शुरू हुआ, जहां उनकी ताकत और कुश्ती कौशल को देखकर लोग हैरान रह जाते थे। 1959 में, जब कनाडा के वर्ल्ड चैंपियन जॉर्ज गार्डीयांका और न्यूजीलैंड के जॉन डिसिल्वा ने दारा सिंह को चुनौती दी, तो कोलकाता में आयोजित कॉमनवेल्थ कुश्ती चैंपियनशिप में उन्होंने इन दोनों को हराकर अपना लोहा मनवाया।
दारा सिंह का सबसे यादगार मुकाबला तब हुआ जब उन्होंने अपने से ज्यादा वजन वाले पहलवान किंग कॉन्ग को हराया। रांची में हुए इस मुकाबले में 130 किलो के दारा सिंह ने 200 किलो के किंग कॉन्ग को पटखनी देकर रिंग से बाहर फेंक दिया। उनकी यह जीत आज भी कुश्ती के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज है।
दारा सिंह न केवल कुश्ती में, बल्कि भारतीय सिनेमा में भी अपनी छाप छोड़ने वाले पहले पहलवानों में से एक थे। 'किंग कॉन्ग,' 'रसगुल्ला,' और 'धरती का लाल' जैसी फिल्मों में उन्होंने अपने कुश्ती के हुनर और अभिनय का जादू बिखेरा।
उनका सबसे चर्चित किरदार 'रामायण' में हनुमान का था, जिसने उन्हें हर घर में लोकप्रिय बना दिया। उनकी मेहनत, संकल्प और समर्पण ने यह साबित कर दिया कि असंभव को संभव बनाया जा सकता है।
दारा सिंह की कहानी संघर्ष और सफलता की अद्वितीय मिसाल है। उनकी अविश्वसनीय दृढ़ता और ताकत ने उन्हें एक ऐसा स्थान दिलाया, जो हमेशा दिलों में जिंदा रहेगा। उनके जीवन से हमें यह सीखने को मिलता है कि सच्चे जज्बे और मेहनत से हर चुनौती को पार किया जा सकता है।