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अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) की नगर कार्यकारिणी बैठक आदर्श विद्या मंदिर में आयोजित हुई, जिसमें जयपुर प्रांत के प्...
22/09/2025

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) की नगर कार्यकारिणी बैठक आदर्श विद्या मंदिर में आयोजित हुई, जिसमें जयपुर प्रांत के प्रांत मंत्री अभिनव सिंह विशेष रूप से मौजूद रहे। बैठक में संगठनात्मक विस्तार, आगामी योजनाओं और कार्यकर्ताओं की भूमिका पर चर्चा हुई।

नई कार्यकारिणी में पंकज ढाका को नगर मंत्री, हितेश गुर्जर, हरधम सिंह और विष्णु नायक को सह मंत्री, आर्यन शर्मा को कार्यालय मंत्री और अंकुश गुर्जर को सोशल मीडिया संयोजक नियुक्त किया गया। अन्य पदों पर मीनाक्षी शर्मा, ऋतु बलाना, अंकित महेजा, तेजपाल गुर्जर, सुधीर और मोनू रॉयल को जिम्मेदारी दी गई।

प्रांत मंत्री अभिनव सिंह ने कहा कि ABVP समाज और शिक्षा में युवाओं के लिए सकारात्मक बदलाव लाने में सक्रिय है। इकाई उपाध्यक्ष राजा राम ने कहा कि नई कार्यकारिणी छात्रों की समस्याओं के समाधान और शिक्षा क्षेत्र में सुधार के लिए निरंतर सक्रिय रहेगी।

फतेहपुर की न जाने कितनी प्रतिभाओं को राज्य स्तर पर खिलाया गया है, इन्हें हमेशा याद रखा जाएगा..
22/09/2025

फतेहपुर की न जाने कितनी प्रतिभाओं को राज्य स्तर पर खिलाया गया है, इन्हें हमेशा याद रखा जाएगा..

जिला क्रिकेट संघ के सचिव सुभाष जी जोशी ने सेवाओं के 55वें वर्ष में प्रवेश कर नया इतिहास रचा। लगातार पाँच दशकों से अधिक समय तक उन्होंने क्रिकेट प्रशासन को नई दिशा दी।

22/09/2025

बकवास में आया हाँ! सुनिए, मुख्यमंत्री भजनलाल की सभा में पहुँचे गुरु कृपा कोचिंग के छात्रों से।

22/09/2025

CM भजनलाल शर्मा की सभा में जबरन ले जाए गए कोचिंग छात्र बोले वोट चोर, गद्दी छोड़..

21/09/2025
यह आचार्य के मोहल्ले की NH-65 पर जाने वाली मुख्य सड़क है, जिस पर पूर्व पार्षद पुरुषोत्तम आचार्य ने मलबा डलवा रखा है। इसस...
21/09/2025

यह आचार्य के मोहल्ले की NH-65 पर जाने वाली मुख्य सड़क है, जिस पर पूर्व पार्षद पुरुषोत्तम आचार्य ने मलबा डलवा रखा है। इससे लोगों को आवागमन में परेशानी होती है और सड़क धीरे-धीरे पगडंडी में बदलती जा रही है।

फर्स्ट इंडिया न्यूज़ के युवा और निडर पत्रकार राज जी वर्मा को जन्मदिन की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ।पत्रकारिता जगत में आ...
21/09/2025

फर्स्ट इंडिया न्यूज़ के युवा और निडर पत्रकार राज जी वर्मा को जन्मदिन की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ।

पत्रकारिता जगत में आपने अपने साहस, निष्पक्षता और निर्भीक रिपोर्टिंग से नए आयाम स्थापित किए हैं। उनका योगदान न केवल युवा पत्रकारों के लिए प्रेरणा स्रोत है, बल्कि समाज में सच्चाई और पारदर्शिता की आवाज़ को भी मजबूती प्रदान करता है।

हमारी शुभकामनाएँ हैं कि आप इसी तरह अपनी कलम और निडर व्यक्तित्व से पत्रकारिता की दुनिया में नई ऊँचाइयाँ हासिल करते रहें और समाज को सही दिशा देने में अग्रणी भूमिका निभाते रहें।

दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) चुनाव हमेशा से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) और नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंड...
20/09/2025

दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) चुनाव हमेशा से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) और नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) के बीच सीधे मुकाबले के तौर पर देखे जाते रहे हैं। दोनों संगठनों की गहमागहमी, शोर-शराबा और चुनावी जंग अक्सर मुख्यधारा मीडिया की सुर्खियों में रहती है। लेकिन इसी शोर के बीच कुछ वैकल्पिक छात्र संगठन भी लगातार अपनी उपस्थिति दर्ज कराते रहे हैं। इनमें सबसे अहम नाम है AISA (ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन)।

AISA, जो कम्युनिस्ट विचारधारा से प्रेरित संगठन है, अपनी राजनीति का आधार कैडर पर टिका हुआ रखता है। यह संगठन कभी भी केवल प्रचार और दिखावे पर निर्भर नहीं करता, बल्कि जमीन पर कार्य करने वाले अपने कैडर को सबसे बड़ी ताकत मानता है। यही कारण है कि बिना किसी बड़े मीडिया कवरेज और बिना किसी भव्य चुनावी प्रचार के भी इस बार AISA की उम्मीदवार अंजलि ने अध्यक्ष पद पर 5300 से ज्यादा वोट हासिल किए।

AISA जैसे संगठनों की असली ताकत उनका कैडर रहा है। छात्र राजनीति में जहां धनबल और बाहुबल का असर बढ़ता जा रहा है, वहीं AISA जैसे संगठन वैचारिक स्तर पर छात्रों को जोड़ने और लगातार सक्रिय रहने के लिए पहचाने जाते हैं। यही कैडर उन्हें अन्य दलों से अलग पहचान देता है।

लेकिन सच यह भी है कि बीते कुछ समय में ऐसे संगठनों का प्रभाव धीरे-धीरे घटा है। इसका बड़ा कारण है कि कई जगहों पर इन संगठनों से जुड़े कार्यकर्ताओं ने भी पारंपरिक "कैडर पॉलिटिक्स" छोड़कर धनबल, व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा और विपक्षी पार्टियों से सांठ-गांठ की राजनीति पर जोर देना शुरू कर दिया है। इस बदलाव ने न सिर्फ इन संगठनों की विश्वसनीयता को चोट पहुंचाई है, बल्कि उनकी जमीनी पकड़ को भी कमजोर किया है।

ABVP और NSUI जहां बड़े संसाधनों और व्यापक नेटवर्क के सहारे चुनाव में उतरते हैं, वहीं AISA जैसे संगठन सीमित साधनों के बावजूद छात्रों को वैकल्पिक राजनीति का विकल्प देते हैं। भले ही ये चुनाव जीतने की दौड़ में पीछे रह जाएं, लेकिन इतने वोट हासिल कर पाना यह दिखाता है कि अब भी विश्वविद्यालयों में एक बड़ा तबका विचारधारात्मक राजनीति में भरोसा रखता है।

दिल्ली विश्वविद्यालय के इस चुनाव ने यह साफ किया है कि छात्र राजनीति केवल दो ध्रुवों (ABVP-NSUI) तक सीमित नहीं है। वैकल्पिक राजनीति की संभावनाएँ अब भी मौजूद हैं। AISA का प्रदर्शन भले ही सीट जीतने तक न पहुँचा हो, लेकिन यह संकेत जरूर देता है कि कैडर आधारित राजनीति, यदि ईमानदारी और वैचारिक स्पष्टता से की जाए, तो उसकी प्रासंगिकता कभी खत्म नहीं होगी।

म्हारी छोरिया, छोरो से कम हैं केअठवास की बेटियों ने भी फतेहपुर का नाम रोशन किया है।पीटीआई इंदिरा जी के सानिध्य में गांव ...
19/09/2025

म्हारी छोरिया, छोरो से कम हैं के

अठवास की बेटियों ने भी फतेहपुर का नाम रोशन किया है।

पीटीआई इंदिरा जी के सानिध्य में गांव अठवास की बालिकाओं ने शानदार उपलब्धि अर्जित की है। सीकर जिले में आयोजित टेबल टेनिस प्रतियोगिता में इन बेटियों ने अंडर-17 और अंडर-19 दोनों टीमों में जिला स्तर पर विजय प्राप्त की। वहीं, अंडर-14 टीम ने तृतीय स्थान हासिल कर न केवल गांव अठवास बल्कि पूरे फतेहपुर का मान बढ़ाया है।

श्री जीवन सिंह चौहान, उपसरपंच श्रवण सेवदा, अठवास पंचायत समिति सदस्य फतेहपुर शिशपाल कुमावत, अनिल कुमावत, रमेश शर्मा आदि ने बच्चों और अध्यापकों का स्वागत किया.

दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव (DUSU) चुनाव 2025 में NSUI को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। अध्यक्ष पद पर जोसलिन ...
19/09/2025

दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव (DUSU) चुनाव 2025 में NSUI को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। अध्यक्ष पद पर जोसलिन नंदिता चौधरी ABVP के आर्यन मान के सामने टिक भी नहीं पाईं। वोटों का अंतर इतना बड़ा रहा कि यह NSUI की रणनीति पर गंभीर सवाल खड़ा करता है।

सवाल यह भी है कि क्या NSUI ने सिर्फ़ महिला उम्मीदवार उतारकर “प्रतीकवाद” की राजनीति की? अध्यक्ष पद जैसे महत्वपूर्ण दांव को क्या इतनी लापरवाही से खेला गया?

स्थिति तब और शर्मनाक हो गई जब NSUI अपनी ही बागी उम्मीदवार उमांशी लांबा को मनाने में नाकाम रही। संगठन की कोशिशें नाकाफी साबित हुईं और उमांशी ने अलग राह पकड़ ली। यह घटना साफ़ करती है कि NSUI न सिर्फ़ रणनीति बल्कि आंतरिक एकजुटता की लड़ाई भी हार रही है।

हालाँकि, NSUI के लिए राहुल यादव झांसला ने उपाध्यक्ष पद जीतकर थोड़ी इज्जत बचा ली। उन्होंने इतना ही नहीं, बल्कि अध्यक्ष पद के विजेता आर्यन मान से भी ज्यादा वोट हासिल किए। यानी छात्र वोटर ने संगठन नहीं, बल्कि व्यक्ति और उसकी सक्रियता को तरजीह दी।

इसके उलट ABVP ने एक बार फिर यह साबित किया कि उसकी पकड़ कैंपस स्तर पर बेहद मजबूत है। मजबूत संगठन, दमदार कैंपेनिंग और स्पष्ट रणनीति ने उसे निर्णायक बढ़त दिलाई।

19/09/2025

NSUI के उपाध्यक्ष पद के उम्मीदवार को ABVP के आर्यन मान से अधिक वोट मिले हैं।

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