
21/09/2025
डिग्री इंजीनियरिंग की
फिर भी नकल करके चपरासी बनने की चेष्टा
यह रवि झाझरिया है। इंजीनियरिंग कर चुका है लेकिन चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भर्ती की परीक्षा दे रहा है। इतने तक तो ठीक है। कह सकते हैं कि कोई काम छोटा या बड़ा नहीं होता लेकिन यह भाई इंजीनियरिंग की डिग्री के बावजूद चपरासी की नौकरी भी नकल करके हासिल करना चाहता था। इसलिए इसलिए अपने अंडर गारमेंट्स में छुपा कर स्मार्ट वॉच परीक्षा केंद्र पर ले गया। वहां से पेपर का फोटो खींचकर बाहर भेजा। परीक्षा केंद्र पर कार्यरत परीक्षकों की सतर्कता से यह पकड़ा तो गया लेकिन यह घटना सवाल बहुत सारे छोड़ गई।
क्या हमारे यहां इंजीनियरिंग की डिग्री लिया हुआ युवा चपरासी की परीक्षा भी बिना नकल के नहीं निकाल सकता? जबकि चपरासी भर्ती में शामिल होने के लिए मात्र दसवीं पास होना जरूरी है और इसका मतलब यह हुआ की दसवीं कक्षा से ऊपर का सिलेबस पेपर में नहीं आना है। फिर भी इंजीनियरिंग किए हुए युवा अगर नकल करके चपरासी बनने की चेष्टा कर रहा है तो हमारे यहां शिक्षा का स्तर क्या है फिर? इंजीनियरिंग में क्या पढ़ाई होती होगी और कितना कॉन्फिडेंस लेकर इंजीनियरिंग कॉलेजों से बच्चे निकल रहे होंगे? रवि ने जिस इंजीनियरिंग कॉलेज से डिग्री ली है उसका नाम सामने आने का इंतजार है। जानकारों का कहना है कि जिस तरह हमारे यहां थोक में इंजीनियरिंग कॉलेज खुले और जिस संख्या में निम्न गुणवत्ता के इंजीनियर तैयार हुए हैं, वह एक चिंता की बात है। जानकारों का यह भी कहना है कि आने वाले टाइम में डॉक्टर भी इसी स्तर के तैयार होंगे। कैसी शिक्षा नीतियों पर देश चल रहा होगा, भगवान जाने।
हालांकि इस बहाने से हमारे पास अवसर है हमारी शिक्षा पद्धति और युवाओं की मानसिकता को गहराई से चेक करने का। रवि ने एक छोटी सी नौकरी के लिए अनैतिक साधन अपना कर एक तरह से अपना कैरियर चौपट कर लिया है। कोई और युवा इस तरह की गलती नहीं कर तो अच्छा है।