28/08/2025
86 वर्षीय "मंदा बा" या मारि की कहानी ,अहमदाबाद के साधारण से परिवार में जन्मी मंडा बा आज सबके लिए एक जिंदा मिसाल हैं जो हिम्मत हार की बैठे हैं।
मंडा बा एक साधारण सी औरत जो अपनी जिंदगी को पूरे जोश से जीती हैं,उमर को आड़े नहीं आने देती किसी भी काम में ,सीखना आज भी नहीं छोड़ती 70 कि उमर में स्कूटर चलाना सीखा ।अपने 6 भाई बहनों को अकेले पाला ,दूसरी महिलाओं को शिक्षित करना,काम सीखाना आत्म निर्भर बनना सिखाना,समाज सेवा यह सब ब करती हैं।
यह कहानी आपके लिए हैं तो हिम्मत बात जरिए ज़िंदगी एक ही है उसमें अपनेआपको निराश न करें और ज़िंदगी को किसी पर निर्भर रहकर न जीएं अगर खुद की सकते हो।
ऐसी कहानियों कोनखूब प्यार दें लाइक ओर शेयर करें,कमेंट में अपनी कहानी बताएं हम जरूर पोस्ट बनाएंगे अगर हमें भी इंस्पिरेशनल ओर दूसरों को उत्साहित करने वाली स्टोरी हुई।
यह कहानी किसी को हिम्मत देने के लिए है न कि किसी को आहत या दुख पहुंचाने के लिए है।
कहानी के कुछ अंश:
केरल के साइलेंट वैली नेशनल पार्क में एक वन रक्षक की है, जिन्होंने अपने पिता से जंगल की रक्षा का सबक सीखा और 16 साल की उम्र से वन रक्षक के रूप में काम करना शुरू किया, और 86 साल की उम्र में भी जंगल से जुड़ी हर चुनौती का सामना किया और उसकी रक्षा में अपना जीवन समर्पित कर दिया।
उनकी कहानी का मुख्य बिंदु:
जंगल से गहरा लगाव:
मारि के पिता 1970 के दशक में एक जलविद्युत परियोजना के खिलाफ लड़े थे, जिसने उनके जंगल को नष्ट करने की धमकी दी थी। इन घटनाओं ने मारि के दिल में जंगल के प्रति प्रेम और कर्तव्य की भावना पैदा की।
वन रक्षक का जीवन:
मारि ने 16 साल की उम्र में वन रक्षक के रूप में अपना करियर शुरू किया और साइलेंट वैली के जंगलों की रक्षा की।
वैज्ञानिकों का मार्गदर्शन:
उन्होंने जंगल में शोधकर्ताओं और वैज्ञानिकों को मार्गदर्शन दिया। इस अनुभव से उन्हें खुद भी दुर्लभ प्रजातियों को पहचानने और उनके नाम जानने का मौका मिला।
वन्यजीवों के साथ मुठभेड़ें:
मारि का हाथियों, तेंदुओं और एक बाघ से भी सामना हुआ है, जिससे उनकी हिम्मत और जंगलों के प्रति उनके समर्पण का पता चलता है।
आज भी सक्रिय:
मारि, जो अब 86 साल की हैं, वन से जुड़ी चुनौतियों का सामना करने से कतराती नहीं हैं।
जंगल एक घर, कर्तव्य और प्रेम:
मारि के लिए, जंगल सिर्फ एक जगह नहीं है, बल्कि उनकी विरासत, एक गहरा कर्तव्य और अटूट प्रेम है, जिसे उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी समर्पित कर दी है।