
07/06/2025
*Axiom Mission 4 (Ax-4) एक निजी मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन है, जिसे अमेरिकी कंपनी Axiom Space द्वारा NASA और SpaceX के सहयोग से संचालित किया जा रहा है। यह मिशन 8 जून 2025 को अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च होगा। इस मिशन का उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर वैज्ञानिक अनुसंधान और अंतरिक्ष में दीर्घकालिक मानव उपस्थिति के लिए आवश्यक तकनीकों का परीक्षण करना है।
मिशन की प्रमुख विशेषताएं:
*लॉन्च वाहन: SpaceX का Falcon 9 रॉकेट, जो Crew Dragon अंतरिक्ष यान को अंतरिक्ष में ले जाएगा।
*मिशन अवधि: लगभग 14 से 21 दिन, जिसमें चालक दल ISS पर विभिन्न वैज्ञानिक प्रयोग और तकनीकी परीक्षण करेंगे।
*चालक दल:
कमांडर: पेगी व्हिटसन (अमेरिका) – अनुभवी NASA अंतरिक्ष यात्री।
पायलट: ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला (भारत) – भारतीय वायुसेना के पायलट और ISRO के गगनयान मिशन के लिए चयनित अंतरिक्ष यात्री।
*मिशन विशेषज्ञ:
स्लावोस्ज़ उज़्नान्स्की-विस्नेव्स्की (पोलैंड) – यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) के परियोजना अंतरिक्ष यात्री।
टिबोर कापू (हंगरी) – हंगेरियन स्पेस ऑफिस के प्रतिनिधि।
*भारत के लिए महत्व:
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला इस मिशन के माध्यम से अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय बनेंगे, पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा के बाद।
शुक्ला ISS पर ISRO और भारतीय संस्थानों द्वारा विकसित प्रयोगों का संचालन करेंगे, जिसमें अंतरिक्ष कृषि, माइक्रोग्रैविटी में मानव शरीर पर प्रभाव, और माइक्रोबियल अनुकूलन जैसे विषय शामिल हैं।
यह मिशन भारत के गगनयान कार्यक्रम के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनुभव और प्रशिक्षण प्राप्त होगा।
*मिशन के वैज्ञानिक उद्देश्य:
माइक्रोग्रैविटी में पौधों की वृद्धि का अध्ययन, विशेषकर हरी मूंग और मेथी जैसे सुपरफूड्स की खेती।
मानव शरीर पर अंतरिक्ष के प्रभावों का अध्ययन, जैसे मांसपेशियों की क्षीणता और माइक्रोबायोम में परिवर्तन।
अंतरिक्ष में दीर्घकालिक मानव उपस्थिति के लिए आवश्यक जीवन समर्थन प्रणालियों का परीक्षण।
*अतिरिक्त जानकारी:
मिशन के दौरान, शुभांशु शुक्ला भारतीय छात्रों के साथ ISS से लाइव बातचीत करेंगे, जिससे युवा पीढ़ी को अंतरिक्ष विज्ञान के प्रति प्रेरित किया जा सके।
यह मिशन अंतरराष्ट्रीय सहयोग का एक उदाहरण है, जिसमें NASA, ISRO, ESA, और अन्य एजेंसियां मिलकर काम कर रही हैं।
Axiom Mission 4 न केवल भारत के लिए, बल्कि वैश्विक अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए भी एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो भविष्य में अंतरिक्ष में दीर्घकालिक मानव उपस्थिति की दिशा में एक बड़ा कदम है।