
18/09/2025
शारदीय नवरात्र 22 सितंबर सोमवार से
प्राचीन शिव मंदिर बिश्नाह से महामण्डलेश्वर अनूप गिरी महाराज ने बताया कि इस वर्ष शारदीय नवरात्र 22 सितंबर सोमवार से प्रारंभ होकर एक अक्टूबर बुधवार तक रहेंगे। एक अक्टूबर को महानवमी है। इस बार नवरात्र दस दिन के होंगे। 22 सितंबर का पूरा दिन शुभ है इसलिए आप बारह बजे तक घटस्थापना कर लें। राहुकाल का त्याग करें, सोमवार का राहुकाल सुबह साढ़े सात बजे से सुबह नौ बजे तक होता है।
पूजा विधि:- घर में पूजा स्थान में पूर्व दिशा या ईशान कोण में लकड़ी की चौकी पर मंडप बनाएं, चौकी पर लाल चमकीला कपड़ा बिछायें। ध्यान रखें कि पूजा करने वाले व्यक्ति का मुँह पूर्व दिशा या ईशान कोण में हो। खेत से मृतिका लाकर उसकी दो अंगुल ऊँची सतह चौकी पर बनायें और उसमें सप्तधान बोयें। कलश स्थापना करें कलश में जल, गंध, पुष्प, अक्षत, सिक्के आदि डालें यदि मंत्र मालूम न हो तो वस्तु का नाम लेकर समर्प्यामी कहकर वस्तु को कलश में डालें। कलश के कंठ में मौली बांधे, कलश के ऊपर नारियल रखें। चौकी के ऊपर माता जी की मूर्ति या फोटो रखें। अखण्ड ज्योत के लिए बड़े दीप पात्र की व्यवस्था करें, जिससे बार-बार घी न डालना पड़े। अखण्ड ज्योत बुझने से पूजन खंडित हो जाता है। पूरे नवरात्र व्रत करें प्रातः माता का पूजन करें, प्रसाद चढ़ायें, दुर्गा सप्तशती का पाठ करें, कपूर से माता की आरती करें। नवमी के दिन पूजन, पाठ करके हवन करें। उसके बाद कन्या पूजन करें, कन्याओं के चरण स्वच्छ जल से धोकर उन्हें चुनरी ओढ़ायें, उनके मस्तक पर तिलक लगाएं, भोजन करायें अपनी सामर्थ्य अनुसार उनको दक्षिणा दें।
सावधानियाँ:- पूरे नवरात्र ब्रह्मचर्य का पालन करें। पलंग या गद्दे पर न सोयें। चोरी, छल, कपट, क्रोध, नशा, जुआ, सट्टे आदि बुरी बातों से दूर रहें। घर में कबाड़ न रखें, घर को साफ रखें। घर की छत पर भी कबाड़ न रखें, छत खाली रखें। प्रतिदिन धुले कपड़े पहनकर ही माता की पूजा करें।
मनोकामना पूर्ति:- इस वर्ष दस दिन के नवरात्र होने से मनोकामना पूर्ति के लिए बहुत शुभ समय है। आपको जो भी समस्या हो या आपकी जो भी मनोकामना हो आप पूरे नवरात्र उसका उपाय करें, उपाय करते समय तीन बार अपनी मनोकामना बोलें। माता के आशीर्वाद से आपकी मनोकामना शीघ्र पूर्ण हो जाएगी।
शादी:- जिनकी शादी नहीं हो रही हो वह पूरे नवरात्र माता के मंदिर में सुहाग का सामान चढ़ायें।
मुकदमा:- माता के मंदिर में लाल झंडा लगाएं।
वाहन:- माता के मंदिर में किसी धातु का या मिट्टी का शेर चढ़ायें।
संतान:- ग़रीब बच्चों को खिलौने बांटे।
घर में सुख समृद्धि:- घर में पूजा स्थान में पीतल का स्वस्तिक रखें। पूरे नवरात्र स्वस्तिक का पूजन करें। नवमी के दिन स्वस्तिक घर के मुख्य द्वार पर लगाएं।
व्यवसाय वृद्धि:- घर में पूजा स्थान में श्री यंत्र रखें। पूरे नवरात्र श्री यंत्र का पूजन करें, नवमी के दिन श्री यंत्र दुकान में लगाएं।
शत्रु शांति:- घर में पूजा स्थान में चाँदी का त्रिशूल रखकर पूरे नवरात्र त्रिशूल का पूजन करें। नवमी के दिन त्रिशूल को घर में या दुकान में रखें।
मनचाहा तबादला:- माता जी के मंदिर में पीतल की घंटी चढ़ायें।
पढ़ाई:- पीले वस्त्र में धार्मिक पुस्तक बांधकर माता जी के मंदिर में चढ़ायें।
विदेश यात्रा:- जिस देश जाना हो उसका नक्शा घर में पूजा स्थान में रखें। नवमी के दिन नक्शा अपने कमरे की पश्चिमी दीवार पर लगायें।
नौकरी:- नौकरी से संबंधित कागजात की फोटोकॉपी मार्कशीट, सर्टिफिकेट आदि पीले कपड़े में लपेटकर घर में पूजा स्थान में रखें।
बीमारी:- पाँच गौमती चक्र घर में पूजा स्थान में रखें। नवमी के दिन गौमती चक्र रोगी के सिरहाने रख दें।
धन प्राप्ति:- चाँदी का सिक्का घर में पूजा स्थान में रखें। नवमी के दिन सिक्का अपने पर्स में रखें।
डूबी रकम निकालने के लिए:- पाँच तरह के फल पूरे नवरात्र माता जी के मंदिर में चढ़ायें।
मकान:- माता जी के मंदिर के परिसर में ईंट पत्थर का मकान बनाकर उस पर लाल झंडी लगायें।
कर्ज मुक्ति:- पान के पत्ते पर लौंग, इलायची, गोल सुपारी रखकर माता जी के मंदिर में चढ़ायें।