Swapnil Mangalkar

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लंका विजय के बाद श्रीराम, सीता और लक्ष्मण अयोध्या लौटे। भरत ने खुशी-खुशी राजगद्दी उन्हें सौंपी। अयोध्या नगरी दीपों से जग...
15/06/2025

लंका विजय के बाद श्रीराम, सीता और लक्ष्मण अयोध्या लौटे। भरत ने खुशी-खुशी राजगद्दी उन्हें सौंपी। अयोध्या नगरी दीपों से जगमगा उठी – यही दिन दीपावली कहलाया। श्रीराम ने धर्मपूर्वक राज किया, जिसे रामराज्य कहा गया। लेकिन कुछ लोगों के संदेह के कारण सीता को पुनः वनवास जाना पड़ा। वहाँ उन्होंने लव और कुश को जन्म दिया। ऋषि वाल्मीकि की छत्रछाया में वे बड़े हुए। अंत में राम ने अश्वमेध यज्ञ किया, जहाँ लव-कुश ने राम की सेना को चुनौती दी। पहचान होने पर पिता-पुत्र मिलन हुआ। अंततः राम ने धरती को अलविदा कहकर भगवान विष्णु के रूप में वैकुंठ गमन किया।

13/06/2025

रेल्वे, रस्ते अपघातात दगावलेल्यांचं जीवनमूल्य विमान अपघातापेक्षा कमी असतं काय?

सीता हरण के बाद श्रीराम और लक्ष्मण व्याकुल हो उठे। वे सीता की खोज में दक्षिण दिशा की ओर बढ़े। मार्ग में शबरी से मिले, जि...
12/06/2025

सीता हरण के बाद श्रीराम और लक्ष्मण व्याकुल हो उठे। वे सीता की खोज में दक्षिण दिशा की ओर बढ़े। मार्ग में शबरी से मिले, जिसने प्रेमपूर्वक जूठे बेर खिलाए। फिर वे हनुमान और सुग्रीव से मिले। बाली-वध के बाद सुग्रीव की सहायता से वानर सेना बनाई गई। हनुमान ने लंका जाकर सीता को अशोक वाटिका में देखा और श्रीराम का संदेश दिया। लंका दहन के बाद युद्ध की तैयारियाँ शुरू हुईं। समुद्र पर सेतु बना, और राम की सेना लंका पहुँची। महायुद्ध में रावण का वध हुआ। सीता की अग्नि परीक्षा के बाद तीनों अयोध्या लौटे।

वन में श्रीराम, सीता और लक्ष्मण कठिन जीवन जीने लगे। वे चित्रकूट पहुंचे, जहाँ भरत उन्हें मनाने आए, लेकिन श्रीराम ने धर्म ...
12/06/2025

वन में श्रीराम, सीता और लक्ष्मण कठिन जीवन जीने लगे। वे चित्रकूट पहुंचे, जहाँ भरत उन्हें मनाने आए, लेकिन श्रीराम ने धर्म निभाते हुए वापस लौटने से मना कर दिया। भरत ने उनकी खड़ाऊँ लेकर अयोध्या की गद्दी पर रख दी। वन में वे ऋषियों से मिले, राक्षसों का संहार किया और जनता की रक्षा की। पंचवटी में उन्होंने कुटिया बनाई। यहीं शूर्पणखा आई, जिसने सीता का अपमान किया। लक्ष्मण ने उसकी नाक काट दी। यह घटना रावण के क्रोध का कारण बनी। रावण ने सीता का हरण कर लिया। तब श्रीराम का असली संघर्ष शुरू हुआ

12/06/2025

"सजधज में रौशनी की बात हो,
उस तस्वीर में आपकी ज़ात हो।
हर रंग लगे जैसे आपसे जिए,
ख़ुशबू सी मुस्कान में बरसात हो!" 🌸😊

अयोध्या के राजा दशरथ ने राम को युवराज बनाने का निश्चय किया। लेकिन रानी कैकेयी ने अपनी दो वर मांग लिए – राम का 14 वर्षों ...
29/05/2025

अयोध्या के राजा दशरथ ने राम को युवराज बनाने का निश्चय किया। लेकिन रानी कैकेयी ने अपनी दो वर मांग लिए – राम का 14 वर्षों का वनवास और भरत का राज्याभिषेक। राजा दशरथ वचनबद्ध होकर दुखी मन से राम को वन भेजते हैं। राम आज्ञा का पालन करते हैं और माता सीता तथा भाई लक्ष्मण के साथ वन को प्रस्थान करते हैं। अयोध्या में शोक छा जाता है। भरत राम के पास वन जाते हैं, पर राम लौटने से मना करते हैं। भरत राम की खड़ाऊं लेकर अयोध्या लौटते हैं और उन्हें सिंहासन पर रख राज्य चलाते हैं।

01/04/2025


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