26/11/2022
जौनपुर *समाजसेवी जज सिंह अन्ना का पांचवें दिन भी आमरण अनशन जारी अन्ना की स्वास्थ्य पूरी तरह बिगड़ी अन्ना खड़े होते ही चक्कर आकर गिर जाते हैं*। .
जौनपुर कचहरी परिसर में रविंद्र नाथ पाठक अपहरण मामले के 28वें दिन में पता नहीं लगने पर जज सिंह अन्ना का 22नवम्बर से आज पांचवें दिन में आमरण अनशन जारी रहा अन्ना में कमजोरी बहुत आ गई है और मानसिक संतुलन भी बिगड़ रहा है खड़े होते ही चक्कर आकर गिर जाते है पेशाब 2 दिन से बंद है शुगर 65 पर आ गया है चिकित्सा विभाग की टीम आती है लेकिन लापरवाही करती है तीनो टाइम ब्लड ले कर चली जाती है जिलाधिकारी कार्यालय से अभी तक कोई भी अधिकारी नहीं पहुंचा है अन्ना ने कहा कि जिलाधिकारी जौनपुर और पुलिस अधीक्षक जौनपुर और पुलिस अधीक्षक ग्रामीणों की लापरवाही के कारण इस अपहरण मामले का खुलासा नहीं हो पाया है और अन्ना ने पूरी कोशिश किया वाराणसी जोन के डीआईजी, आईजी और प्रदेश के मुख्यमंत्री मुख्य सचिव डीआईजी उत्तर प्रदेश पुलिस जौनपुर पुलिस जिलाधिकारी जौनपुर प्रधानमंत्री लोकसभा अध्यक्ष सब के पास अपने आवेदन ट्विटर के माध्यम से भेजा लेकिन किसी ने मामले को संज्ञान में नहीं लिया और ना ही क्षेत्रवासी इस मामले में पुलिस दबाव के कारण अन्ना का साथ नहीं दे रहे है और भारतीय जनता पार्टी का कोई भी नेता इस अपहरण की घटना को संज्ञान में नहीं लिया अन्ना का आज जिला कलेक्ट्रेट परिसर में पांचवा दिन भूख प्यास से तड़पते आमरण अनशन का है कोई भी अधिकारी अभी तक अन्ना के पास संज्ञान लेने नहीं आया है यह सब मामला लीपापोती का है थानाध्यक्ष बरसठी का ट्रांसफर कर दिया जाए इस घटना को 8 घंटे में पर्दाफाश किया जा सकता है दूसरी बात यह है कि पुलिस अधीक्षक जौनपुर और जिलाधिकारी जौनपुर लखनऊ की स्पेशल टीम बुला करके जांच करें इस मामले को 4 घंटे में खुलासा किया जा सकता है लेकिन सारा दोष प्रशासन का है और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी इस मामले में संज्ञान में नहीं लिया जबकि अखबार की सुर्खियों में काफी यह मामला उछाला गया यूट्यूब और चैनलों ने मामले को खूब उछाला और अन्ना ने चैनलों का आभार व्यक्त किया इंटेलिजेंस के अधिकारी अन्ना से मिलते हैं पूछताछ करके चले जाते हैं लेकिन चिकित्सा विभाग के अधिकारी से अन्ना नाखुश है बीपी सरोज को सब वोट देकर बैठे हैं लेकिन बीपी सरोज भी रविंद्र नाथ पाठक के घर नहीं गये ऐसे मामलों में आनाकानी करते हैं अन्ना भारतीय जनता पार्टी के लिए यह रविंद्र नाथ का अपहरण चुनाव में खतरा बनकर उभरेगा।