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text story #प्रेरणादायक कहानियाँ, शायरी और # #सोच बदलने वाली बातें – #हर दिन एक नई सोच।"

12/05/2025

#इंदिरा गांधी ने #पाकिस्तान के बारे में कई बार अलग-अलग संदर्भों में बयान दिए थे, #खासकर 1971 के भारत-पाक युद्ध के समय, जब #बांग्लादेश का #गठन हुआ था। उनके कुछ प्रमुख कथन इस प्रकार हैं:
1. 1971 युद्ध के #दौरान:
"हम #नफरत के साथ नहीं, शांति के साथ आगे बढ़ना चाहते हैं। लेकिन अगर हम पर युद्ध थोपा गया, तो हम मजबूती से जवाब देंगे।"
2. #बांग्लादेश की स्वतंत्रता के समय:
"आज हम एक नया इतिहास लिख रहे हैं। पाकिस्तान ने हमें युद्ध में घसीटा, लेकिन अब इतिहास गवाह है कि अन्याय के खिलाफ लड़ाई में भारत खड़ा रहा।"
3. पाकिस्तान की नीतियों पर आलोचना करते हुए:
"पड़ोसी देशों से अच्छे संबंध तभी संभव हैं जब वे आतंक और घुसपैठ की राजनीति छोड़ दें।"

 #कॉलेज के दिनों में उससे पहली बार बात हुई थी, सिर्फ एक  #पेन मांगने के  #बहाने।धीरे-धीरे  #दोस्ती हुई, फिर प्यार... और ...
10/05/2025

#कॉलेज के दिनों में उससे पहली बार बात हुई थी, सिर्फ एक #पेन मांगने के #बहाने।

धीरे-धीरे #दोस्ती हुई, फिर प्यार... और #फिर वो एक दिन चली गई, बिना कुछ कहे।

#आज 4 साल बाद, उसका मैसेज आया:
“कैसे हो? शादी कर ली?”

मैंने जवाब दिया,
“नहीं... क्योंकि किसी और से वैसा प्यार कभी हुआ ही नहीं।”

 #शहर के कोने में एक अधूरा मकान खड़ा था — न  #खिड़की पूरी, न  #दरवाजा लगा। लोगों का कहना था कि ये मकान नहीं,  #सरकारी टै...
09/05/2025

#शहर के कोने में एक अधूरा मकान खड़ा था — न #खिड़की पूरी, न #दरवाजा लगा। लोगों का कहना था कि ये मकान नहीं, #सरकारी टैक्स से भागने का #प्लान है!

#रमेश भाई, जो इस जमीन के #मालिक थे, हर महीने थोड़ा-थोड़ा बनवाते और फिर रुक जाते। कारण? "अभी #मकान पूरा नहीं हुआ, टैक्स किस बात का!"

लेकिन टैक्स #विभाग ने भी सोच लिया — " #अबकी बार, टैक्स से नहीं बचने देंगे!" एक रात, टैक्स विभाग के बाबू शर्मा जी खुद प्रकट हुए... सपने में नहीं, असली में!

“रमेश जी,” #उन्होंने कहा, “मकान चाहे अधूरा हो, पर जमीन तो आपकी है। और ये जो लाइट लगवा रखी है रात में? ये तो साफ बताता है कि कोई न कोई चाल है।”

रमेश जी बोले, “अरे साहब, ये तो मजदूरों के लिए लगवाई है। टैक्स देने को तैयार हूँ, बस थोड़ी मोहलत दे दीजिए।”

शर्मा जी ने मुस्कराकर कहा, “आप मोहलत नहीं, माफी मांग रहे हैं। चलिए, आधा टैक्स भरिए और मकान पूरा करिए, हम भी इंसान हैं, सरकार थोड़े ही हैं!”

बात बनी, रमेश जी ने टैक्स भर दिया और मकान भी अगले 3 महीने में पूरा हो गया। अब वो बिल्डिंग रात को चमकती है, और लोग कहते हैं – “ये वो मकान है, जहां एक बार टैक्स वाला भूत आया था!”

07/05/2025

"जो आज थका नहीं, वो कल चमकेगा ज़रूर।"@@@

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