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कहानी: शेर और चूहे का खेल - रहस्यमय शिकारी का आतंकअफ्रीका के घने जंगल में, जहां सूरज की रोशनी भी मुश्किल से जमीन तक पहुँ...
11/12/2024

कहानी: शेर और चूहे का खेल - रहस्यमय शिकारी का आतंक
अफ्रीका के घने जंगल में, जहां सूरज की रोशनी भी मुश्किल से जमीन तक पहुँचती थी, वहाँ एक शक्तिशाली शेर राज करता था। इस शेर के बारे में एक खौफनाक अफवाह थी—उसकी गुफा के पास जो भी जानवर जाता, वह कभी वापस नहीं लौटता। जानवर इस जगह को "मौत की गुफा" कहते थे।

एक साहसी चूहा
एक दिन, जंगल में एक छोटा चूहा अपनी मस्ती में मग्न था। वह हर छेद और झाड़ी में ताक-झांक करता रहता था। अचानक, उसकी नजर गुफा के विशाल दरवाजे पर पड़ी।
"तो यही है वो कुख्यात गुफा?" चूहे ने खुद से कहा।
चूहा डरने की बजाय मुस्कुराया।
"मैं तो इतना छोटा हूँ, शेर मुझे क्यों देखेगा?" उसने मजाकिया लहजे में कहा और गुफा के अंदर झाँकने लगा।

पहली मुलाकात: मौत के करीब
गुफा के अंदर शेर गहरी नींद में पड़ा था। उसके चारों ओर खून के धब्बे और टूटी हड्डियाँ थीं। यह नजारा किसी भूतिया जगह से कम नहीं था। चूहे की नन्हीं आवाज ने शेर को जगा दिया।
शेर ने अपनी भारी पलकों को खोला, उसकी आँखें जलती हुई मशालों जैसी चमक रही थीं।
"तूने मेरी नींद खराब की है, अब तू इसका अंजाम भुगतेगा!" शेर की दहाड़ से गुफा गूँज उठी।

चूहा काँपते हुए बोला, "मुझे माफ कर दीजिए, महाराज। मैं छोटा हूँ, लेकिन वादा करता हूँ कि एक दिन आपकी मदद जरूर करूंगा।"
शेर हँस पड़ा। "तू? मेरी मदद करेगा? तू जानता है मैं कौन हूँ?"
चूहा धीमी आवाज में बोला, "आप जंगल के राजा हैं। लेकिन राजा का दिल बड़ा होना चाहिए।"
शेर मुस्कुराया और उसे जाने दिया।

गुफा का राज और डरावना शिकारी
कुछ दिनों बाद, जंगल में अजीब घटनाएँ होने लगीं। शेर को महसूस हुआ कि कोई लगातार उसकी गतिविधियों पर नजर रख रहा है। उसकी गुफा के बाहर अजीब आवाजें आतीं और कभी-कभी गुफा के पास खून के निशान मिलते।

एक रात, शेर गहरी नींद में था, जब उसके पंजे किसी मोटी रस्सी में फँस गए। उसने दहाड़ लगाई, लेकिन रस्सियाँ इतनी मजबूत थीं कि वह छूट नहीं सका। गुफा के अंधेरे में एक परछाई हिली, और वहाँ शिकारी खड़ा था।
"अब तू जंगल का राजा नहीं, मेरी जागीर का गुलाम है," शिकारी ने ठहाका लगाया।

चूहे की वापसी
चूहा इस सबको दूर से देख रहा था। वह शेर के पास पहुँचा और धीमे से बोला, "महाराज, मैंने कहा था कि एक दिन मैं आपकी मदद करूंगा।"
चूहा अपनी नुकीले दाँतों से रस्सियों को काटने लगा। कुछ ही देर में शेर आजाद हो गया।
dono ne milkar
शिकारी को जंगल से बाहर भगा दिया गया। शेर ने चूहे की ओर देखा और कहा, "मैंने तुझे छोटा समझकर मजाक उड़ाया था, लेकिन तूने दिखा दिया कि दिमाग हमेशा ताकत से बड़ा होता है।"
उस दिन से शेर और चूहा केवल दोस्त ही नहीं, बल्कि जंगल के सबसे बड़े रक्षक बन गए।

01/12/2024

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30/11/2024

बैंक में 500 करोड़ रूपए की चोरी की कहानी

द हीस्ट जो कभी हुआ ही नहींशुरुआतरात का वक़्त। मुंबई के बीचोबीच स्थित एक हाई-सिक्योरिटी बैंक, "सेंट्रल फॉर्च्यून बैंक"। य...
30/11/2024

द हीस्ट जो कभी हुआ ही नहीं

शुरुआत

रात का वक़्त। मुंबई के बीचोबीच स्थित एक हाई-सिक्योरिटी बैंक, "सेंट्रल फॉर्च्यून बैंक"। यह बैंक अपनी अटूट सुरक्षा और करोड़ों की संपत्ति के लिए मशहूर था। इस बैंक के लॉकर रूम को दुनिया का सबसे सुरक्षित स्थान माना जाता था। लेकिन इस रात कुछ ऐसा होने वाला था जिसे कोई सोच भी नहीं सकता था।

एक टीम, पाँच लोग, और एक प्लान। महीनों की प्लानिंग के बाद, राजवीर और उसकी टीम ने इस बैंक को लूटने का मन बना लिया था।

प्लान

प्लान सिंपल था –

1. बैंक के सर्वर को हैक करके अलार्म सिस्टम को डिसेबल करना।

2. नकली पहचान पत्र के ज़रिए बैंक के अंदर घुसना।

3. लॉकर रूम तक पहुँचने के लिए बैंक के मैनेजर को किडनैप करना।

4. लॉकर तोड़कर 500 करोड़ की संपत्ति उड़ा ले जाना।

रात का खेल

राजवीर और उसकी टीम तय समय पर बैंक पहुँची। सब कुछ प्लान के मुताबिक हो रहा था। हैकर ने सर्वर को हैक कर लिया। टीम बैंक के अंदर घुस चुकी थी। लेकिन जब वे लॉकर रूम तक पहुँचे, तो वहाँ का नज़ारा देखकर उनके होश उड़ गए।

लॉकर पहले से खाली थे।

झटका

राजवीर ने चिल्लाते हुए कहा,
"यह मज़ाक है! कोई हमसे पहले यहाँ तक कैसे पहुँच सकता है?"

टीम के सारे लोग हैरान थे। बैंक की हाई-सिक्योरिटी को तोड़ना नामुमकिन था। लेकिन सवाल यह था कि जो 500 करोड़ वहाँ होने चाहिए थे, वो कहाँ गए?

सस्पेंस का गहराना

राजवीर ने तुरंत अपने हैकर को सर्वर की पूरी जानकारी निकालने को कहा। हैकर ने बताया कि बैंक का अलार्म सिस्टम दो घंटे पहले ही किसी ने डिसेबल कर दिया था।
"लेकिन हमने तो अभी-अभी यह किया है!" हैकर ने कहा।

इसका मतलब, कोई और टीम पहले से ही यह सब प्लान कर चुकी थी।

खतरनाक मोड़

इसी बीच, राजवीर को बैंक के सीसीटीवी रूम में कुछ संदिग्ध फुटेज मिली। फुटेज में दिखाई दिया कि तीन नकाबपोश लोग लॉकर रूम से बाहर जा रहे हैं। लेकिन अजीब बात यह थी कि यह फुटेज 48 घंटे पुरानी थी।

राजवीर ने गुस्से में कहा,
"अगर यह लूट पहले हो चुकी थी, तो यह खबर कहीं सामने क्यों नहीं आई?"

पुलिस का आगमन

अचानक बैंक के बाहर पुलिस की गाड़ियाँ पहुँच गईं। किसी ने गुप्त सूचना देकर बताया था कि बैंक में चोरी होने वाली है। राजवीर और उसकी टीम ने भागने की कोशिश की, लेकिन बैंक के सारे रास्ते बंद हो चुके थे।

खुलासा

जब पुलिस ने राजवीर को पकड़ा और उससे पूछताछ की, तो एक खौफनाक सच्चाई सामने आई।

बैंक की असली लूट दो दिन पहले हुई थी। और यह प्लान किसी और ने नहीं, खुद बैंक के मैनेजर और कुछ अधिकारियों ने किया था। उन्होंने लूट की खबर छुपाई और राजवीर की टीम को बलि का बकरा बनाने की योजना बनाई।

आखिरी दांव

राजवीर ने जेल जाते-जाते पुलिस को एक आखिरी बात कही:
"यह खेल अभी खत्म नहीं हुआ है। जिसने हमें फँसाया है, वो भी बच नहीं पाएगा।"

अंधकारमय अंत

कुछ हफ्तों बाद, बैंक मैनेजर और उसके साथी रहस्यमयी तरीके से गायब हो गए। और इस केस को हमेशा के लिए बंद कर दिया गया।

"यह लूट कभी हुई ही नहीं, लेकिन इसका बदला हमेशा याद रहेगा।"

Address

Jaunpur

Telephone

9648996262

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