
11/05/2025
बहू और ससुर का गुप्त प्यार (भाग 6 - सच का सामना)**
राहुल के सवाल ने पूरे बगीचे में सन्नाटा फैला दिया। अंकिता का शरीर कांप रहा था, उसकी आँखों में डर साफ झलक रहा था। विक्रम ने तुरंत ही स्थिति संभाली।
**"बेटा, अंकिता को चक्कर आ रहा था। मैं उसे ताजी हवा लेने बाहर लाया था,"** विक्रम ने शांत स्वर में कहा, लेकिन उनकी आँखों की चमक कुछ और ही कहानी कह रही थी।
राहुल ने संदिग्ध नजरों से दोनों को देखा। **"तभी तुम दोनों इतने करीब क्यों थे?"**
अंकिता ने घुटने टेक दिए, आँसू उसके गालों पर बहने लगे। **"माफ़ करना राहुल... मैं..."**
विक्रम ने बीच में ही टोक दिया। **"बेटा, तुम थके हुए हो। जाओ आराम करो। हम अंदर आते हैं।"**
राहुल ने एक बार फिर दोनों को गौर से देखा, फिर बिना कुछ कहे अंदर चला गया। लेकिन उसकी चुप्पी सबसे डरावनी थी...
अगली सुबह जब अंकिता उठी तो राहुल का सूटकेस गायब था। उसके फोन पर एक मैसेज चमक रहा था:
**"मुझे सब पता है। कभी वापस नहीं आऊंगा।"**
विक्रम ने पीछे से उसके कंधे छूए। **"अब तुम सिर्फ मेरी हो..."**