Dalit Satta Sangram

Dalit Satta Sangram Dalit Satta Sangram is a movement and newspaper dedicated to advancing the mission of Dr. B.R. Led by Bijender Kumar Bhartiya.

Ambedkar and Kanshi Ram, aiming for social, political, and economic empowerment of Dalit communities in India.

रानी लक्ष्मी बाई(एक वीरांगना की गाथा)झाँसी की रानी, वीर बलिदानी,शौर्य की वो थी एक कहानी।नारी होकर रण में आई,अंग्रेज़ों स...
18/06/2025

रानी लक्ष्मी बाई
(एक वीरांगना की गाथा)

झाँसी की रानी, वीर बलिदानी,
शौर्य की वो थी एक कहानी।
नारी होकर रण में आई,
अंग्रेज़ों से लड़ी लड़ाई।

घोड़े पे चढ़ तलवार चलाई,
दुश्मन की हर चाल विफलाई।
बचपन से ही थी साहसी नारी,
देशभक्ति थी उसकी सवारी।

"मैं अपनी झाँसी नहीं दूँगी!"
ये प्रतिज्ञा जैसे आग बन गई।
वीरगति को वो प्राप्त हुई,
पर स्वतंत्रता की राह खुली।

आज भी गूंजे उसकी वाणी —
"झाँसी की रानी थी, मर्दानी!"

Happy Father's Day
15/06/2025

Happy Father's Day

15/06/2025
दलित सत्ता संग्राम समाचार पत्र परिवार की तरफ से सभी को विश्व रक्तदान दिवस की हार्दिक शुभकामनायें।"रक्तदान है जीवनदान, चल...
14/06/2025

दलित सत्ता संग्राम समाचार पत्र परिवार की तरफ से सभी को विश्व रक्तदान दिवस की हार्दिक शुभकामनायें।
"रक्तदान है जीवनदान, चलो करें मानवता का सम्मान!"

दलित सत्ता संग्राम समाचार पत्र परिवार की तरफ से समस्त मानवतावादी समाज कोमहान कवि, समाज सुधारक और भक्ति आंदोलन के प्रमुख ...
11/06/2025

दलित सत्ता संग्राम समाचार पत्र परिवार की तरफ से समस्त मानवतावादी समाज को
महान कवि, समाज सुधारक और भक्ति आंदोलन के प्रमुख भारत के श्रेष्ठ क्रांतिकारी संत कबीर दास जयंती की हार्दिक बधाई एवं शुभ कामनाएँ।
बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय,
जो दिल खोजा आपना, मुझसे बुरा न कोय।
कलम की ताकत को हथियार बनायें
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"गुलामगिरी" (दासता) का प्रथम संस्करण प्रकाशन दिवस (1 जून) की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं  भारत के महान क्रन्तिकारी समाज ...
01/06/2025

"गुलामगिरी" (दासता) का प्रथम संस्करण प्रकाशन दिवस (1 जून) की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं
भारत के महान क्रन्तिकारी समाज सुधारक राष्ट्रपिता ज्योतिराव फुले की मौलिक कृति "गुलामगिरी" (दासता) का पहला संस्करण 1 जून 1873 में प्रकाशित हुआ था। मूल रूप से मराठी में लिखी गई इस पुस्तक में अंग्रेजी प्रस्तावना भी शामिल है। "गुलामगिरी" को भारत में जाति व्यवस्था की सबसे शुरुआती और सबसे प्रभावशाली आलोचनाओं में से एक माना जाता है। इस काम में, फुले ने पारंपरिक ब्राह्मणवादी आख्यानों को चुनौती दी और भारतीय इतिहास और पौराणिक कथाओं की एक वैकल्पिक व्याख्या प्रस्तुत की, जिसका उद्देश्य धर्म के नाम पर निचली जातियों (शूद्रों और अतिशूद्रों) के शोषण और अधीनता को उजागर करना था।
फुले ने "गुलामगिरी" को "संयुक्त राज्य अमेरिका के अच्छे लोगों" को नीग्रो गुलामी के कारण उनके प्रयासों के लिए प्रशंसा के प्रतीक के रूप में समर्पित किया, जिसमें सभी प्रकार की गुलामी और उत्पीड़न के खिलाफ उनके मजबूत रुख को उजागर किया गया, चाहे वह शारीरिक हो या सामाजिक पदानुक्रम पर आधारित हो। पुस्तक में संवाद प्रारूप का उपयोग किया गया है, जिसमें अक्सर फुले और धोंडीराव नामक एक वार्ताकार के बीच बातचीत को दिखाया गया है, ताकि जाति-आधारित भेदभाव और सामाजिक अन्याय के खिलाफ अपने शक्तिशाली तर्कों को स्पष्ट किया जा सके।

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दलित सत्ता संग्राम परिवार की तरफ से सभी को राजमाता अहिल्या बाई होल्कर जयंती की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें हम सब उन्हें...
31/05/2025

दलित सत्ता संग्राम परिवार की तरफ से सभी को राजमाता अहिल्या बाई होल्कर जयंती की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें
हम सब उन्हें शत - शत नमन करते हुए श्रद्धासुमन अर्पित करते हैं।

दलित सत्ता संग्राम समाचारपत्र परिवार निःस्वार्थ सेवा, त्याग और बलिदान का प्रतीक माता रमाबाई आंबेडकर को उनके परिनिर्वाण द...
26/05/2025

दलित सत्ता संग्राम समाचारपत्र परिवार
निःस्वार्थ सेवा, त्याग और बलिदान का प्रतीक माता रमाबाई आंबेडकर को उनके परिनिर्वाण दिवस पर शृद्धा सुमन अर्पित करते हुए शत - शत नमन करता है।
माता रमाबाई अम्बेडकर ने विश्वरत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर के संघर्षों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने गरीबी, बीमारी और व्यक्तिगत दुखों का सामना करते हुए भी अपने पति को हर कदम पर सहारा दिया। शिक्षा और सामाजिक न्याय के प्रति अम्बेडकर जी के समर्पण को उन्होंने समझा और उनके मिशन में अपना सब कुछ न्यौछावर कर दिया। उनके त्याग और धैर्य ने बाबा साहेब को अपने लक्ष्य प्राप्त करने में सक्षम बनाया। माता रमाबाई का जीवन भारतीय समाज में महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है, जो निःस्वार्थ सेवा और बलिदान का प्रतीक है।
बिजेंद्र कुमार
प्रधान संपादक
दलित सत्त्ता संग्राम समाचार पत्र

जो लोग फुले फिल्म का विरोद्ध कर रहे थे वे आज भारत की दोनों बेटियों को बधाई देते नहीं थक रहे हैं। उन्हें सोचना चाहिए की य...
09/05/2025

जो लोग फुले फिल्म का विरोद्ध कर रहे थे वे आज भारत की दोनों बेटियों को बधाई देते नहीं थक रहे हैं। उन्हें सोचना चाहिए की ये क्रांति ज्योति माता सावित्री बाई फुले के संघर्ष का ही परिणाम है जो भारत की दो बहनों ने पुरे विश्व में भारत का सिर ऊँचा कर दिया। आज पूरा देश इन बहनों पर गर्व कर रहा है।
"दलित सत्ता संग्राम समाचारपत्र परिवार" ऑपरेशन सिंदूर में प्रमुख भूमिका में रही कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह सभ्रवाल को सैल्यूट करता है।
एक मुस्लिम समाज से और एक चमार समाज से है। ये जानकारी विशेषकर उन लोगों के लिए जो किसी की योग्यता को जाति के आधार पर मापते हैं।
लेकिन "हम प्रथमतः व अंततः भारतीय हैं" ये है विश्वरत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव का राष्ट्रवाद और देश प्रेम।
सच्चे भारतीय बने...... मानवतावादी बने......
नमोः बुद्धाय.... जय भीम..... जय भारत......
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छत्रपति शाहू जी महाराज की पुण्यतिथि पर हम उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। कोल्हापुर के इस महान शासक और समाज सुधारक न...
06/05/2025

छत्रपति शाहू जी महाराज की पुण्यतिथि पर हम उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। कोल्हापुर के इस महान शासक और समाज सुधारक ने 6 मई 1922 को अंतिम सांस ली। उन्होंने सामाजिक समानता, शिक्षा और दलितों के उत्थान के लिए उल्लेखनीय कार्य किए। उनकी प्रगतिशील सोच और समावेशी शासन ने समाज में गहरी छाप छोड़ी। शाहू जी का जीवन हमें सामाजिक न्याय और समरसता के लिए प्रेरित करता है।

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फुले फ़िल्म की ये क्लिप जरूर देखें
03/05/2025

फुले फ़िल्म की ये क्लिप जरूर देखें

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