
18/06/2025
रानी लक्ष्मी बाई
(एक वीरांगना की गाथा)
झाँसी की रानी, वीर बलिदानी,
शौर्य की वो थी एक कहानी।
नारी होकर रण में आई,
अंग्रेज़ों से लड़ी लड़ाई।
घोड़े पे चढ़ तलवार चलाई,
दुश्मन की हर चाल विफलाई।
बचपन से ही थी साहसी नारी,
देशभक्ति थी उसकी सवारी।
"मैं अपनी झाँसी नहीं दूँगी!"
ये प्रतिज्ञा जैसे आग बन गई।
वीरगति को वो प्राप्त हुई,
पर स्वतंत्रता की राह खुली।
आज भी गूंजे उसकी वाणी —
"झाँसी की रानी थी, मर्दानी!"