18/09/2025
रामलीला मैदान में रंगीन आतिशबाजी के बीच हुआ रावण वध और भगवान श्री राम का राज्याभिषेक
मंड्रेला।श्री बाल लच्छीराम श्रेणी रामलीला महोत्सव का भव्य समापन अद्भुत रंगारंग आतिशबाजी और "जय श्रीराम" के गगनभेदी नारों के बीच हुआ।आखिरी दिन का मंचन दर्शकों के लिए यादगार बन गया। मंच पर प्रभु श्रीराम की अयोध्या वापसी के साथ भरत मिलाप और राज्याभिषेक की दिव्य लीला प्रस्तुत की गई, जिसे देखने हजारों की भीड़ मैदान में उमड़ पड़ी।
रामलीला के चरम क्षण में दिखाया गया कि जैसे ही रावण को अहिरावण के वध का समाचार मिलता है, वह क्रोध और अहंकार से भरकर युद्धभूमि में उतर पड़ता है। श्रीराम और रावण के बीच घमासान संग्राम शुरू होता है। रावण का हर बार कटा हुआ सिर पुनः उग आता है जिससे रामसेना क्षणभर को विचलित हो जाती है। तभी विभीषण युद्ध के रहस्य का उद्घाटन करते हैं। विभीषण के बताए अनुसार प्रभु श्रीराम रावण की नाभि पर दिव्य बाण का संधान करते हैं और लंका के अत्याचारी राक्षस राजा का अंत कर देते हैं।इसके उपरांत लंका विजय के बाद विभीषण का राज्याभिषेक किया गया और प्रभु श्रीराम माता सीता एवं भ्राता लक्ष्मण संग अयोध्या लौट आए। अयोध्या आगमन पर दीपों की जगमगाहट और जयकारों के बीच प्रभु श्रीराम का राज्याभिषेक किया गया। यह दृश्य देख पूरा रामलीला मैदान अध्यात्म और भक्ति में सराबोर हो गया।
यही रात अंतिम, यही रात भारी
रावण वध का दृश्य जब मंचित हुआ तो पूरा वातावरण रोमांच और उत्साह से भर गया। यह वही रात थी जब सत्य ने असत्य पर, धर्म ने अधर्म पर, और मर्यादा ने दंभ पर विजय प्राप्त की। मंच से उठती तलवारों की चमक और रामधुन के स्वर हर किसी के हृदय में अमिट छाप छोड़ गए।
रावण–राम युद्ध देख दर्शकों की आंखें खुली की खुली रह गईं
राम और रावण के बीच हुआ युद्ध इतना भव्य और जीवंत प्रस्तुत किया गया कि दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। हर वार और प्रहार के साथ दर्शक सांसें थामे बैठ गए। रावण का बार-बार जीवित होना और अंततः प्रभु श्रीराम के बाण से उसका वध होना ऐसा दृश्य था जिसने दर्शकों को स्तब्ध कर दिया। दर्शक अपनी जगह से हिले तक नहीं और मंचन पूरा होने पर तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा मैदान गूंज उठा।
इस अवसर पर उपाध्यक्ष बसन्तलाल सिंहल,मंत्री सुनिल सिंघल, कोषाध्यक्ष पवन जागिङ,स्टोर किपर शेरसिंह सिंघल,सांस्क्रतिक मंत्री अशोक तवर,अनिल सिंघल,महेश सिंघल,श्यामसुन्दर जागिङ,लीलाधर वर्मा,विनोद आलङिया,ब्रह्मदत्त रोलण,भजन लाल,सिराजुदीन,चंदन जागिङ,अरविंद,विजय कङवासरा,इमरान सिक्का,प्रवीन टेलर,अभिषेक सिंघल,आशीष सिंघल,मनोज सिंघल,सुरेन्द्र रोलण,टिल्लू,चेयरमैन कुलदी सिंह शेखावत,सुरेश भार्गव,रामू,लक्ष्मीकांन्त,नारयणदत्त जोया सहित कई लोग मौजूद रहे।