15/10/2025
*पिछले 8–9 दिनों से हरियाणा में जो माहौल बना हुआ है, वो सच में बहुत दर्दनाक है। हर तरफ बस उबाल है। कोई जाति की बात कर रहा है, कोई राजनीति की, कोई अपने मतलब के हिसाब से बोल रहा है लेकिन कोई ये नहीं सोच रहा कि आखिर इस सबका असर हमारे समाज पर क्या पड़ रहा है?*
*सबसे पहले ADGP Y. Puran Kumar ने आत्महत्या की और अपने सुसाइड नोट में कई IAS और IPS अफसरों पर जातिगत भेदभाव और मानसिक उत्पीड़न के आरोप लगाए और अब एक और पुलिस अधिकारी, ASI Sandeep ने भी अपनी जान दे दी, उसने भी इसी तरह के आरोप लगाए हैं।*
*लेकिन सच्चाई किसी को साफ़ नजर नहीं आ रही। सब अपनी-अपनी ढ़पली अपना अपना राग अलाप रहे हैं। कोई इसे जातिगत रंग दे रहा है, कोई राजनीतिक। पर जो सबसे साफ़ चीज़ सामने आई है वो ये कि लड़ाई ताकतवर सिस्टम और ईमानदार इंसान के बीच की है।*
*ये सब राजनीतिक भ्रष्टाचार का खेल भी हो सकता है। ये दोनों आत्म हत्याएं किसी निजी वजह से नहीं, बल्कि इस सड़े-गले सिस्टम से परेशान होकर की गई हैं। हमारा सिस्टम इतना भ्रष्ट, बेईमान और खोखला हो चुका है कि अब ईमानदार अफसर ईमानदारी से काम भी नहीं कर सकते। मेहनती आदमी मेहनत करके भी सुकून और सम्मान से जी नहीं सकता।*
*आज का सिस्टम न्याय नहीं अपितु अन्याय का गढ़ बन चुका है। कुछ लोगों के हाथ में सत्ता और ताकत इस कदर सिमट चुकी है कि वही लोग सिस्टम को अपने हिसाब से चला रहे हैं और जब कोई उनके हिसाब से नहीं चलता, तो उसे तोड़ने की और दबाने की कोशिश की जाती है। ADGP Y. Puran Kumar और ASI Sandeep जैसे अफसर इसी तरह इस तंत्र के शिकार ही तो बने हैं।*
*हर कोई अपनी रोटी सेक रहा है पर सच्चाई कोई नहीं बताना चाहता। सत्ता के गलियारों में बैठे लोग जनता को बरगला रहे हैं और उनका ध्यान भटका रहे हैं।*
*अब वक्त आ गया है कि जनता इनसे सवाल पूछे!*
👉 *सत्ता से,*
👉 *सिस्टम से,*
👉 *उन लोगों से भी जो आज हरियाणा को अपनी जेब में रख कर मनमर्जी से ही चलाना चाहते हैं।*
*ऐसा माहौल बना कर पेश किया जा रहा है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री Nayab singh Saini मजबूर और बेबस हैं। वे अपनी मर्ज़ी से कोई निर्णय नहीं ले सकते। हरियाणा के इतिहास में शायद पहली बार ऐसा हुआ होगा कि मुख्यमंत्री इतना असहाय बना कर पेश किया जा रहा है।*
*ये वही हरियाणा है जो वीरों और किसानों की भूमि मानी जाती थी, जहां का मुख्यमंत्री “लठ” की तरह मज़बूत माना जाता था, निडर और स्वाभिमानी, लेकिन आज वही हरियाणा कुछ गिने-चुने लोगों के हाथों का खिलौना बन गया है।*
*ADGP Y. Puran Kumar और ASI Sandeep ने अपनी जान देकर कम से कम हरियाणवी समाज की आँखें तो खोल ही दी हैं। अब ये हमारी ज़िम्मेदारी है कि हम इस भ्रष्ट तंत्र के खिलाफ़ आवाज़ उठाएं। धर्म और जात-पात से ऊपर उठकर एक हरियाणवी समाज के रूप में सोचें। इस गले सड़े तंत्र से लड़कर अपने हरियाणवी समाज और अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य सुरक्षित बनाने के लिए हमें यथाशीघ्र विचार करना होगा।*
*We want to change the system.* 🇮🇳