Sadhana sharma

Sadhana sharma मेरे बाद भी सजेंगी ये महफिलें यूं ही,
हम शायर है साहब...
कलम तोड़कर नही जाते..!☺️

 रिश्ते अक्सर दिखते सरल हैं, लेकिन भीतर से वे एक बहुत ही महीन, मुलायम धागे की तरह होते हैं—जो जुड़ता भी है, उलझता भी है,...
10/06/2025


रिश्ते अक्सर दिखते सरल हैं, लेकिन भीतर से वे एक बहुत ही महीन, मुलायम धागे की तरह होते हैं—जो जुड़ता भी है, उलझता भी है, और टूट भी सकता है अगर ज़रा भी खिंचाव ज़्यादा हो जाए। यह धागा भावनाओं से बुना होता है, विश्वास से रंगा होता है, और उम्मीद की गर्माहट में नरमाया होता है। मगर दुर्भाग्य से हम अक्सर रिश्तों की ताक़त को तभी महसूस करते हैं जब वह धागा टूटने लगता है, और उँगलियों से फिसलती जा रही उसकी गर्माहट चुभन बन जाती है।

रिश्ते एकदम साफ पानी की तरह भी होते हैं—पारदर्शी, लेकिन भीतर बहती गहराइयों से भरे हुए। हम जब पानी को देखते हैं, हमें उसका चेहरा दिखता है, पर उसकी तह में क्या है, वह तब तक समझ नहीं आता जब तक हम उस पार उतर कर न देखें। रिश्ते भी ऐसे ही होते हैं, उनका असली रूप तब दिखता है जब हम सतह से नीचे झाँकने का साहस करते हैं। मगर सच यह भी है कि साफ पानी बहुत कुछ छिपा लेता है—कभी उदासी, कभी डर, कभी एक अनकहा 'शायद'।

छोटी चिड़िया की तरह होते हैं रिश्ते। उन्हें उड़ने देना पड़ता है। जबरन पकड़ने की कोशिश करो तो वे हाथ से फिसल जाते हैं, डरते हैं, भागते हैं। लेकिन अगर उन्हें भरोसे का एक सुरक्षित घोंसला मिले, तो वे लौट कर ज़रूर आते हैं। रिश्तों को बाँध कर नहीं रखा जा सकता। उन्हें खुला आसमान चाहिए, जहाँ वे खुद तय कर सकें कि लौटना है या उड़ जाना है। यह डरावना है—लेकिन यही रिश्ता है। डर और विश्वास का एक साथ होना।

कभी-कभी रिश्ते उस नादान बच्चे जैसे होते हैं जो बिना शर्त, बिना तर्क बस प्यार करता है। वह नहीं पूछता कि 'क्यों' और 'कब तक'। वह बस साथ रहना चाहता है, हाथ पकड़ना चाहता है, मुस्कराहट के पीछे छिपे आंसू समझना चाहता है। जैसे-जैसे हम बड़े होते हैं, यह बच्चा भीतर कहीं खो जाता है। हम प्यार में गणना करने लगते हैं—कितना दिया, कितना पाया। और वहीँ से रिश्तों में दरारें पड़ने लगती हैं।

रिश्तों को बचाना एक कला नहीं, एक साधना है। वह किसी उपाय से नहीं, बल्कि समझ से होता है। हमें यह समझना होता है कि कभी-कभी सामने वाला भी थका होता है, टूटा होता है, और ज़रूरत होती है कि हम उसे बिना कोई सवाल पूछे थाम लें। कभी-कभी रिश्ते को बचाने का मतलब होता है—कुछ न कहना, बस होना। वहाँ रहना जहाँ दूसरा व्यक्ति गिरे बिना खुद को फिर से समेट सके।

रिश्ते किसी परिभाषा में नहीं बाँधे जा सकते। वे सिर्फ महसूस किए जा सकते हैं—उन मौकों पर जब कोई चुप रहकर भी सब कह देता है, जब एक हाथ पकड़ना सौ शब्दों से ज़्यादा अर्थ देता है, जब कोई बिना मांगे पास बैठ जाता है बस इसलिए कि आपको अकेलापन न लगे।

शायद इसी को कहते हैं रिश्ता—नज़ाकत का, गहराई का, और मौन का मिलाजुला संगीत।
वहाँ जहाँ हम एक-दूसरे को बाँधते नहीं, बस थाम लेते हैं।

03/06/2025

समंदर को भी है गुमान अपनी लहरों पर
उसने जमी देखी पर आसमान नहीं देखा

वो उठाता रहा दूसरों के किरदार में उंगली
झांक कर उसने अपना गिरेबान नहीं देखा

उसे गुरूर था अपनी झूठी शख्सियत पे
जिसने कभी कोई सच्चा इंसान नहीं देखा

उससे क्या ही करें हम हौसलों का जिक्र
जिसने कभी भी जंग ए मैदान नहीं देखा

तन्हा सा था वो शख्स कुछ बेबस सा भी
जिसने कभी रास्ता सुनसान नहीं देखा

क्यों करेगा वो फरेब किसी से भी साहब
जिसने कभी भी कोई बेईमान नहीं देखा

01/06/2025

मुझे भी चाहिए कुछ तेरा सा याराना,
ना फॉर्मल बातें, ना कोई समझदारी का बहाना।
थोड़ी झल्लाहटें हों, कुछ बे-सिर-पैर की बात,
और लड़ते-झगड़ते भी ना जाए साथ का साथ।

ना हों दिमाग़ के भारी भरकम उसूल,
बस दिल से निकले हर जुमला हो बेमिसाल फूल।
जो मेरी गलतियों पर ताली भी बजा दे,
और गलती से ग़म आये तो गले लगा ले।

जो कहे — चल उठ बेवकूफ, बहुत हुआ सोच लिया,
और फिर खुद ही कहे — चलो चुपचाप रो लिया।
जो मेरी टाँग खींचे, पर दुनिया से भिड़ जाए,
जब कोई मुझे आँसू की गिरफ़्त में लाए।

जिसके साथ उम्र गिननी न पड़े हँसते हुए,
और हर लम्हा लगे जैसे बचपन की तरह जिए।
जिसके बिना चाय भी कुछ फीकी लगे,
और जिसके साथ खामोशी भी संगीत लगे।

ऐसे ही कुछ बेवजह से, मगर बेहद अपने,
जो बिखरे पलों को भी मोती कर दें — बस सपने।
दिल के धड़कते कोनों में जो घर कर जाएं,
हाँ, मुझे भी तेरे जैसे दोस्त चाहिए ।

😊😊

24/03/2025

कलम के कीड़े हैं हम जब भी मचलते हैं
खुरदुरे कागज़ पे रेशमी ख़्वाब बुनते हैं

कभी तानों में कटेगी, कभी तारीफों में;ये जिंदगी है यारों, पल पल घटेगी !पाने को कुछ नहीं, ले जाने को कुछ नहीं;फिर भी क्यों...
19/03/2025

कभी तानों में कटेगी,
कभी तारीफों में;
ये जिंदगी है यारों,
पल पल घटेगी !
पाने को कुछ नहीं,
ले जाने को कुछ नहीं;
फिर भी क्यों चिंता करते हो !
इससे सिर्फ खूबसूरती घटेगी,
ये जिंदगी है यारों पल पल घटेगी !!

बार बार रफ़ू करता रहता हूँ,
जिन्दगी की जेब !!
कम्बखत फिर भी, निकल जाते हैं...,
खुशियों के कुछ लम्हें !!

ज़िन्दगी में सारा झगड़ा ही...
ख़्वाहिशों का है !!
ना तो किसी को गम चाहिए,
ना ही किसी को कम चाहिए !!

खटखटाते रहिए दरवाजा...,
एक दूसरे के मन का;
मुलाकातें ना सही,
आहटें आती रहनी चाहिए !!

उड़ जाएंगे एक दिन ...,
तस्वीर से रंगों की तरह!
हम वक्त की टहनी पर...,
बेठे हैं परिंदों की तरह !!

बोली बता देती है,इंसान कैसा है!
बहस बता देती है, ज्ञान कैसा है!
घमण्ड बता देता है, कितना पैसा है !
संस्कार बता देते है, परिवार कैसा है !!

ना राज़* है... "ज़िन्दगी",
ना नाराज़ है... "ज़िन्दगी";
बस जो है, वो आज है, ज़िन्दगी!

मिलने को तो हर शख्स,
हमसे बड़ा एहतराम से मिला,
पर जो भी मिला...,
किसी ना किसी काम से मिला !!

जीवन की किताबों पर,
बेशक नया कवर चढ़ाइये;
पर...बिखरे पन्नों को,
पहले प्यार से चिपकाइये !!!

Hota hai agar ye dil kisi ka to hone do. Banti hai koi gazal to banne do. Kisi ke naam ye aaj ki shaam hone do. Mohabbat...
15/03/2025

Hota hai agar ye dil kisi ka to hone do. Banti hai koi gazal to banne do. Kisi ke naam ye aaj ki shaam hone do. Mohabbat me ye umra bus ab tamaam hone do.

ख़ुद ही अपने पाँव पकड़ कर मैंने,,अपने किये की मांगी हैं माफियाँ...!!😏
07/03/2025

ख़ुद ही अपने पाँव पकड़ कर मैंने,,
अपने किये की मांगी हैं माफियाँ...!!😏

03/03/2025
सुना है....😍   इश्क़ वाली फ़रवरी के रंग बड़ी जल्दी उतर                        जाते हैं        तुम आना,,   मार्च फागुन में प...
02/03/2025

सुना है....😍
इश्क़ वाली फ़रवरी के रंग बड़ी जल्दी उतर
जाते हैं
तुम आना,,
मार्च फागुन में पक्के रंग वाले कमल के फूल लें
के..!!............

😍

*_"हमनें रिश्तों में वो शुरुवात भीं देखीं हैं जिसमें पाँव जमीं पर नहीं रहतें...._*🌷*_औऱ वो आख़िर भीं देखीं हैं जिसमें पाँ...
25/02/2025

*_"हमनें रिश्तों में वो शुरुवात भीं देखीं हैं जिसमें पाँव जमीं पर नहीं रहतें...._*🌷

*_औऱ वो आख़िर भीं देखीं हैं जिसमें पाँव तलें जमीं नहीं रहतीं....!"_*🌹

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*_"हसरतें तों आज़ भीं ख़त लिख़तीं हैं हमें मग़र...._*🌷*_अब हम पुरानें पतें पर नहीं रहतें....!"_*🌹            💐💐💐💐💐
24/02/2025

*_"हसरतें तों आज़ भीं ख़त लिख़तीं हैं हमें मग़र...._*🌷

*_अब हम पुरानें पतें पर नहीं रहतें....!"_*🌹

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