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खंडेरी किले की कहानी मराठा साम्राज्य के इतिहास से जुड़ी है। यह किला शिवाजी महाराज के शासनकाल में 1679 में बनवाया गया था,...
27/07/2025

खंडेरी किले की कहानी मराठा साम्राज्य के इतिहास से जुड़ी है। यह किला शिवाजी महाराज के शासनकाल में 1679 में बनवाया गया था, जिसका मुख्य उद्देश्य मुंबई और आसपास के समुद्री रास्तों पर मराठा नियंत्रण स्थापित करना था। यह किला मराठा नौसेना का एक महत्वपूर्ण केंद्र भी रहा है।
यहां खंडेरी किले के बारे में कुछ और जानकारी दी गई है:
निर्माण:
खंडेरी किले का निर्माण 1679 में छत्रपति शिवाजी महाराज के आदेश पर किया गया था, according to a news article from today.
उद्देश्य:
किले का मुख्य उद्देश्य मुंबई और आसपास के समुद्री रास्तों पर मराठा नियंत्रण बनाए रखना था, according to a news article from today.
स्थान:
यह किला रायगढ़ में अलीबाग के पास समुद्र के बीच एक द्वीप पर स्थित है.
महत्व:
यह किला मराठा नौसेना का एक महत्वपूर्ण केंद्र था.
वर्तमान स्थिति:
आज, खंडेरी किला एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल बन गया है, according to a news article from today.
खंडेरी किला मराठा साम्राज्य के इतिहास और वास्तुकला का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, और यह आज भी पर्यटकों और इतिहासकारों के लिए एक आकर्षक स्थल है.

कालिंजर का किला, उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में स्थित एक प्राचीन और अजय किला है। यह किला विंध्य पर्वतमाला की एक पहाड़ी प...
27/07/2025

कालिंजर का किला, उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में स्थित एक प्राचीन और अजय किला है। यह किला विंध्य पर्वतमाला की एक पहाड़ी पर बना है, जो 800 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। इसका इतिहास, पौराणिक कथाओं से लेकर मुगल शासन तक, कई महत्वपूर्ण घटनाओं से जुड़ा है।
पौराणिक कथा:
हिंदू धर्म में, कालिंजर किले का एक विशेष स्थान है। Wikipedia says कि समुद्र मंथन के बाद, भगवान शिव ने विष पिया था, जिसके बाद वे कालिंजर आए और काल (मृत्यु) को पराजित किया, इसलिए इस स्थान को "काल को जीतने वाला" कहा जाता है.
इसी कारण से, किले में स्थित नीलकंठ मंदिर को "नीलकंठ महादेव" के नाम से जाना जाता है.
यह भी माना जाता है कि भगवान शिव ने विषपान के बाद यहीं पर तपस्या की थी.
ऐतिहासिक महत्व:
कालिंजर का किला, जेजाकभुक्ति (चंदेल) साम्राज्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था.
चंदेल शासकों ने 9वीं से 13वीं शताब्दी तक इस पर शासन किया और इसे अपनी राजधानी बनाया.
चंदेलों के शासनकाल में, यह किला महमूद गजनवी, कुतुबुद्दीन ऐबक और हुमायूं जैसे आक्रमणकारियों से सफलतापूर्वक बचा रहा.
1569 में, मुगल बादशाह अकबर ने इस किले पर विजय प्राप्त की और इसे अपने नवरत्नों में से एक, बीरबल को उपहार में दे दिया.
बाद में, यह किला मराठा शासक छत्रसाल के अधीन आ गया, और फिर अंग्रेजों के नियंत्रण में.
1866 में, अंग्रेजों ने किले के एक हिस्से को नष्ट कर दिया.
वास्तुकला:
कालिंजर का किला अपनी मजबूत दीवारों और जटिल वास्तुकला के लिए जाना जाता है.
यह किला एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है, जिसके कारण यह अजय माना जाता था.
किले के अंदर कई मंदिर, महल और अन्य संरचनाएं हैं.
नीलकंठ मंदिर, जो भगवान शिव को समर्पित है, किले का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.
आज कालिंजर का किला:
आज, कालिंजर का किला भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) के संरक्षण में है.
यह एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है, जो इतिहास और वास्तुकला में रुचि रखने वाले लोगों को आकर्षित करता है.
किले में कई प्राचीन मूर्तियां और स्मारक हैं जो इतिहास के विभिन्न पहलुओं को उजागर करते हैं.

रोहतास के खेलप्रेमियों के लिए गुड न्यूज! इस जगह पर 2.58 करोड़ से बनने जा रहा फुटबॉल स्टेडियमरोहतास जिले के लेरूआ गांव मे...
27/07/2025

रोहतास के खेलप्रेमियों के लिए गुड न्यूज! इस जगह पर 2.58 करोड़ से बनने जा रहा फुटबॉल स्टेडियम
रोहतास जिले के लेरूआ गांव में फुटबॉल स्टेडियम का निर्माण होगा जिसके लिए खेल विभाग ने 2.78 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं। वहीं सासाराम के दवनपुर में खेलो इंडिया के तहत 13 करोड़ रुपये से मल्टीपर्पज हॉल बनेगा। रोहतास नासरीगंज समेत कई प्रखंडों में फुटबॉल स्टेडियम बनेंगे जिससे ग्रामीण इलाकों में खेल को बढ़ावा मिलेगा।
गतिविधियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सासाराम के लेरूआ गांव के पास फुटबॉल स्टेडियम का निर्माण कराया जाएगा।

वहीं, खेलो इंडिया के तहत सासाराम नगर निगम क्षेत्र के दवनपुर में 13 करोड़ से मल्टीपर्पज हॉल निर्माण की भी स्वीकृति विभाग से मिल गई है। जिला प्रशासन के प्रस्ताव पर खेल विभाग ने अपनी मुहर लगाते हुए 2.78 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की है।

महीनों का प्रशिक्षण और फिर हवाई जहाज का सफर... बेंगलुरु से जापान पहुंचे 4 हाथीबेंगलुरु:बेंगलुरु के बन्नेरघट्टा बायोलॉजिक...
27/07/2025

महीनों का प्रशिक्षण और फिर हवाई जहाज का सफर... बेंगलुरु से जापान पहुंचे 4 हाथी
बेंगलुरु:
बेंगलुरु के बन्नेरघट्टा बायोलॉजिकल पार्क (Bannerghatta Biological Park) से चार एशियाई हाथी जापान के हिमेजी सेंट्रल पार्क- सफारी पार्क (Himeji Central Park - Safari Park) पहुंच गए हैं. इस तरह बन्नेरघट्टा बायोलॉजिकल पार्क ने ऐतिहासिक रूप से अपने पहले अंतरराष्‍ट्रीय पशु निर्यात को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है, जो इस पार्क की विरासत के लिए बड़ी उपलब्धि है. जापान पहुंचे और वहां पर बसने वाले इन चार हाथियों का नाम सुरेश (8), गौरी (9), श्रुति (7) और तुलसी (5) है.

पार्क के अधिकारियों ने सफलतापूर्वक हाथियों की यात्रा संपन्‍न होने की पुष्टि करते हुए कहा, "हमें आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि यह ऐतिहासिक यात्रा कल समाप्त हो गई है और सभी चार हाथी और हमारी टीम सफलतापूर्वक जापान के हिमेजी स्थित हिमेजी सेंट्रल पार्क सफारी पार्क में पहुंच गए हैं."
20 घंटे का सफर किया तय
इन हाथियों को कतर एयरवेज कार्गो के बोइंग 777-200F विमान से 24 और 25 जुलाई 2025 को बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा अंतराष्‍ट्रीय एयरपोर्ट से ओसाका के कंसाई अंतरराष्‍ट्रीय एयरपोर्ट तक पहुंचाया गया. जमीनी परिवहन सहित यह 20 घंटे की कठिन यात्रा थी. इस यात्रा के लिए जानवरों को महीनों तक प्रशिक्षण के साथ उचित देखभाल की गई और उन्हें यात्रा के लिए फिट प्रमाणित किया गया.
पशु विनिमय समझौते का हिस्सा
यह आदान-प्रदान सेंट्रल जू अथॉरिी आफ इंडिया के एक पशु विनिमय समझौते का हिस्सा है, जिसके तहत बन्नेरघट्टा जैविक उद्यान को बदले में 4 चीते, 4 जगुआर, 4 प्यूमा, 3 चिंपैंजी और 8 ब्लैक-कैप्ड कैपुचिन बंदर मिलेंगे.
हाथियों के साथ गई है विशेषज्ञ टीम
इस परिवर्तन को सुनिश्चित करने के लिए दो पशु चिकित्सकों, चार प्रशिक्षित हाथीपालकों, एक पर्यवेक्षक और एक जीवविज्ञानी सहित आठ बन्नेरघट्टा बायोलॉजिकल पार्क कर्मियों की टीम हाथियों के साथ जापान गई है. वे हाथियों को उनके नए घर के अनुकूल बनाने में मदद करने के लिए दो सप्ताह तक पार्क में रहेंगे. इससे पहले, हिमेजी पार्क के हाथीपालकों ने मई 2025 में बन्नेरघट्टा बायोलॉजिकल पार्क में 20 दिनों के प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लिया था.
2021 में भी जापान भेजे गए थे हाथी
यह दूसरी बार है जब भारत ने जापान में हाथियों को भेजा है. इससे पहले मई 2021 में मैसूर जू से तीन हाथियों को तोयोहाशी जू और बॉटेनिकल पार्क में भेजा गया था.

यश के पिता, अरुण कुमार, बस ड्राइवर के रूप में काम करते हैं । अपने बेटे की फिल्म स्टार के रूप में, खासकर केजीएफ फिल्मों म...
27/07/2025

यश के पिता, अरुण कुमार, बस ड्राइवर के रूप में काम करते हैं । अपने बेटे की फिल्म स्टार के रूप में, खासकर केजीएफ फिल्मों में, अपार सफलता के बावजूद, उन्होंने अपने पेशे को जारी रखने का फैसला किया है। उन्होंने पहले कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी) और बाद में बैंगलोर महानगर परिवहन निगम (बीएमटीसी) के लिए काम किया। निर्देशक एसएस राजामौली ने केजीएफ की रिलीज़ से पहले आयोजित एक कार्यक्रम में इस बात पर ज़ोर दिया और यश के पिता की उनके समर्पण और काम जारी रखने के फैसले की प्रशंसा की।

Big shout out to my newest top fans! 💎 Ved PrakashDrop a comment to welcome them to our community,
27/07/2025

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लंगोट खरीदने के लिए, आप Amazon.in जैसे ऑनलाइन मार्केटप्लेस ब्राउज़ कर सकते हैं जो विभिन्न ब्रांड्स के विभिन्न विकल्प प्र...
27/07/2025

लंगोट खरीदने के लिए, आप Amazon.in जैसे ऑनलाइन मार्केटप्लेस ब्राउज़ कर सकते हैं जो विभिन्न ब्रांड्स के विभिन्न विकल्प प्रदान करते हैं

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27/07/2025

Saiyaara Box Office Day 9: सैयारा ने नौवें दिन बनाया एक और रिकॉर्ड, बनी 2025 की सबसे ज्यादा कमाने वाली दूसरी फिल्म
अहान पांडे और अनीत पड्डा ने सैयारा के साथ बॉलीवुड में डेब्यू किया. डेब्यू के साथ ही वो छाए गए हैं. फिल्म रिकॉर्ड ब्रेक कमाई कर रही है. 9 दिनों में ही फिल्म 200 करोड़ क्लब में पहुंच गई है. जहां तक पहुंचने में बड़े-बड़े स्टार्स की हालत खराब हो जाती है. आइए जानते हैं सैयारा का अब तक का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन क्या रहा है.
Sacnilk के मुताबिक, फिल्म ने दूसरे शनिवार यानी नौवें दिन 26.5 करोड़ का कलेक्शन किया है. फिल्म के नौवें दिन के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन के आंकड़े अभी ऑफिशियल नहीं हैं. पर अगर फिल्म दूसरे शनिवार को 26.5 करोड़ की कमाई करती है तो फिल्म का टोटल कलेक्शन 217.25 करोड़ हो जाएगा.

200 करोड़ क्लब में सैयारा की एंट्री

साथ ही फिल्म ने 200 करोड़ क्लब में भी एंट्री ले ली है. फिल्म साल 2025 की दूसरी सबसे ज्यादा कमाने वाली फिल्म बन गई है. छावा पहले नंबर पर है और दूसरे नंबर पर सैयारा आ गई है.

सैयारा ने बनाया ये रिकॉर्ड

बता दें कि छावा ने 615.39 करोड़ की कमाई की थी. वहीं छावा 217 करोड़ कमा चुकी है. तीसरे नंबर पर हाउसफुल 5 है. हाउसफुल 5 ने 198.41 करोड़ का कलेक्शन किया था. तीसरे नंबर पर रेड 2 है. रेड 2 का कलेक्शन 179.30 करोड़ था. वहीं चौथे नंबर पर 165.39 करोड़ के कलेक्शन के साथ सितारे जमीन पर है.

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