20/09/2025
मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी 25 सितंबर को करेंगे दीन दयाल लाडो लक्ष्मी योजना का शुभारंभ : डीसी प्रीति
आवेदक द्वारा एप के माध्यम से करना होगा आवेदन
पात्र महिलाओं को डीबीटी के माध्यम से जारी होंगे 2100 रुपये
कैथल, 20 सितंबर
जिला ब्यूरो प्रमुख निर्मल कुमार
डीसी प्रीति ने बताया कि आगामी 25 सितम्बर को हरियाणा सरकार द्वारा दीन दयाल लाडो लक्ष्मी योजना हरियाणा राज्य में महिलाओं हेतु शुरू की जा रही है। मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी इस दिन पंचकुला से इस योजना का शुभारंभ करेंगे और lado Lakshmi App को लांच करेंगे। उसी दिन से पात्र महिलाएं योजना के लिए पंजीकरण कर सकती हैं।
उन्होंने कहा कि इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को वित्तीय स्वंतत्रता मजबुत करने, सामाजिक सुरक्षा प्रदान करके महिला सशक्तिकरण को बढावा देना है, जिससे उनकी समग्र भलाई और सामाजिक भागीदारी को बढावा मिल सके, ओर महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकें। दीन दयाल लाडो लक्ष्मी योजना पात्र प्रत्येक पात्र महिला को 2100 रुपये प्रति माह की राशि डीबीटी के माध्यम से सीधे उनके बैंक खातों में वितरित की जाएगी। इस योजना की पात्र महिला हरियाणा की स्थायी निवासी ओर उसकी आयु 23 वर्ष से या उससे अधिक होनी चाहिये। आवेदक के परिवार की वार्षिक आमदनी एक लाख रुपये से अधिक नही होनी चाहिएं। जो महिला किसी अन्य राज्य से हरियाणा में विवाहित है जिसका पति हरियाणा का निवासी है ओर आवेदन के समय पिछले 15 वर्ष या उससे अधिक समय से हरियाणा में रह रहा हो। ऐसी महिला उक्त योजना की पात्र है।
डीसी प्रीति ने बताया कि यदि कोई किसी अन्य योजना का लाभ जैसे कि वृद्धावस्था सम्मान भत्ता, विधवा एवं निराश्रित महिलाओं को मिलने वाली वित्तीय सहायता, दिव्यांग पैंशन, लाडली सुरक्षा भत्ता, कश्मीरी विस्थापितों को मिलने वाली वित्तीय सहायता, बौना भत्ता, तेजाब पीड़ितों को मिलने वाली वित्तीय सहायता, अविवाहित एवं विधूर व्यक्तियों को मिलने वाली वित्तीय सहायता, पदम अवार्डी को मिलने वाले हरियाणा गौरव सम्मान, इत्यादि का लाभ प्राप्त कर रही है तो वह दीन दयाल लाडो लक्ष्मी योजना का लाभ नही प्राप्त कर सकती।
इसके अतिरिक्त तीसरी या चौथी स्टेज के कैंसर पीड़ितों को मिलने वाली वित्तीय सहायता, दुर्लभ बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों को मिलने वाल वित्तीय सहायता, Haemophilia, Thalassemia and Sickle Cell Anemia और समय-समय पर जारी अन्य योजनाएं की पात्र महिलाएं इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकती है। आय कर देने वाली एवं किसी अन्य सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थान से किसी भी प्रकार से वित्तीय सहायता का लाभ प्राप्त कर रही महिलाएं इस योजना की पात्र नही है। उक्त योजना के आवेदन हेतु एक lado Lakshmi App 25 सितंबर को लांच की जाएगी। आवेदक द्वारा स्वय उक्त एप्लीकेशन के माध्यम से आवेदन करते समय अपनी पूर्ण जानकारी आवेदन में भरी जानी है।
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गन्ना फसल में अन्तः फसलीकरण अपनाएं किसान: प्रबन्ध निदेशक कृष्ण कुमार
कैथल, 20 सितम्बर
जिला ब्यूरो प्रमुख निर्मल कुमार
सहकारी चीनी मिल के प्रबन्ध निदेशक कृष्ण कुमार ने गांव सेरधा व कमोदा में किसानों को गन्ने की अधिक से अधिक शरद्कालीन बीजाई (सितंबर-अक्टूबर) करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि हरियाणा प्रदेश में गन्ने की शरद्कालीन (सितंबर-अक्टूबर) बुआई फसल क्षेत्रफल के लगभग 10-12 प्रतिशत हिस्से में की जाती है। अगेती शरद्कालीन गन्ना फसल, बसन्तकालीन गन्ने से 20-25 प्रतिशत अधिक पैदावार देती है व जल्दी पककर तैयार हो जाती है। इस समय गन्ना फसल में अन्तः फसलीकरण अपना कर बिना किसी दुष्प्रभाव के अतिरिक्त आमदनी किसान आसानी से ले सकते हैं। इस दौरान किसान तोरिया, सरसों, मटर, मेथी, चना, मसरी, लहसुन, आलू, धनिया अन्तः फसलें गन्ने के साथ आसानी से उगा सकते हैं।
उन्होंने बताया कि बैड प्लांटर विधि द्वारा गेहूं की फसल सुगमतापूर्वक उगाई जा सकती है। प्रबन्ध निदेशक ने किसानों का आह्वान किया कि गन्ना बीजाई की पुरानी पद्धति छोड़कर नई तकनीक के साथ गन्ने की खेती करनी होगी ताकि लेबर की समस्या का आसानी से समाधान हो सके, इसके लिए 4 फीट पर गन्ने की बीजाई करें ताकि तैयार फसल को शुगरकेन हारवेस्टर से मिल द्वारा आसानी से कटवाया जा सके। मौके पर मौजूद गन्ना प्रबन्धक डॉ रामपाल ने किसानों को शुगर मिल द्वारा गन्ना फसल पर दी जाने वाली सुविधाओं जैसे अगेती किस्मों सी.ओ. 118, सी.ओ. 239, सी.ओ.एच.-188, सी.ओ.एच.-160 व सी.ओ. 15023 का ब्याज रहित गन्ना बीज, मिट्टी उपचार के लिए ब्याज रहित कीटनाशी व बीज उपचार के लिए नम गर्म हवा संयंत्र किसानों को मुफ्त उपलब्ध कराए जाने बारे विस्तृत जानकरी दी। उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि प्रत्येक किसान अपनी 50 प्रतिशत कृषि भूमि पर गन्ना फसल उगाकर अपनी आर्थिक स्थिति को सुदढ़ करे तथा प्रदेश व देश की प्रगति में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे।
इस अवसर पर निदेशक रामेश्वर ढुल, कृष्ण कुमार, दलशेर सिंह, बलबीर सिंह, गुरनाम जाखौली, पंडित हरिकेश सौंगल, राजीव सौंगल, रामेश्वर सौगल सहित काफी संख्या में किसान मौजूद रहे।