04/09/2025
7 से 8 सितम्बर 2025 की रात भारत समेत पूरी दुनिया में एक बेहद खास नज़ारा दिखेगा। ये रात होगी पूर्ण चंद्रग्रहण की, जिसे लोग "रक्त चंद्र" या Blood Moon भी कहते हैं। जब धरती अपनी परछाईं से चाँद को ढक लेती है, तब चाँद लाल-नारंगी रंग का चमकता है और आसमान का नज़ारा वाकई मंत्रमुग्ध कर देने वाला हो जाता है।
भारत में ये ग्रहण लगभग हर जगह साफ़ दिखाई देगा। रात 9:58 बजे से इसकी शुरुआत होगी, करीब 11:42 बजे चाँद अपने गहरे लाल रूप में नज़र आएगा, और फिर ये सिलसिला 1:26 बजे रात तक चलेगा। कुल मिलाकर लगभग डेढ़ घंटे तक चाँद पूरी तरह धरती की छाया में डूबा रहेगा।
वैज्ञानिकों के मुताबिक इस बार का चंद्रग्रहण दुनिया के 7 अरब से ज्यादा लोग देख पाएंगे। इसकी खूबसूरती इसलिए भी खास है क्योंकि धरती का वातावरण सूरज की रोशनी को मोड़ता है और सिर्फ लाल-नारंगी किरणें चाँद तक पहुँचती हैं।
भारत में इसका धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी है। ये समय पितृ पक्ष के दौरान आ रहा है, इसलिए इसे पूर्वजों के स्मरण और पूजा से भी जोड़ा जा रहा है। ज्योतिष के हिसाब से भी इस ग्रहण का असर कई राशियों—जैसे कर्क, कन्या, तुला, कुंभ और मीन—पर ज़्यादा महसूस किया जाएगा। कहा जा रहा है कि इस दौरान भावनात्मक तनाव या बेचैनी बढ़ सकती है।
परंपरा के अनुसार ग्रहण शुरू होने से नौ घंटे पहले सूतक काल लगता है, यानी इस बार दोपहर करीब 12:57 बजे से। इस दौरान लोग नए काम शुरू करने, खाना पकाने या धार्मिक कार्यों से बचते हैं। कई साधु-संत हल्का भोजन या उपवास करने की सलाह देते हैं, ताकि शरीर और मन हल्का महसूस करे।
वैसे आप चाहे इसे आध्यात्मिक नज़रिए से देखें या सिर्फ एक खगोलीय चमत्कार के रूप में, ये रात निश्चित रूप से खास होने वाली है। एक लाल चाँद, शांत रात और आसमान में फैली धरती की परछाईं—7 सितम्बर 2025 की याद हमेशा दिल में बस जाएगी।