01/11/2025
जरा याद भी करलो जिन्होंने हरियाणा को बनाया
उन्हें आज के दिन जरूरत है याद करने की
करनाल से चौधरी मुल्तान सिंह पहली विधानसभा में डिप्टी स्पीकर, पानीपत से फतेह चंद पहले विधायक थे
हरियाणा को बनाने में बाबू मूलचंद , मुल्तान सिंह, देवीलाल, दलबीर सिंह, चिरंजीलाल तथा मंगसैन की अहम भूमिका
करनाल 01 नवंवर (शैलेंद्र जैन): हरियाणा साठ साल का हो गया हैं। 59 साल पहले एक नवंवर को हरियाणा पंजाब से अलग हुआ था। उस समय हरियाणा में 54 हलके थे। इनमें से 10 हलके आरक्षित विधानसभाथे। आज अतीत के झरोखे से यह दिखता है कि हरियाणा के पहली विधानसभा में करनाल जिले से मुल्तान सिह कल्याण विधायक थे। वह पहली विधानसभा में डिप्अी स्पीकर रहे थे। संयुक्त पंजाब की विधानसभा के 1962 -1967 के कार्यकाल में हुआ था। हरियाणा बनने के बाद पहली बार विधानसभा के चुनाव 19 67 में हुएथे। उस समय घरौंडा से विधायक के रूप में मुल्तान सिंह कल्याण विघायक बने थे। उन्हें मंत्री भी बनाया गया। हरियाणा की पहली विधानसभा में चांद राम, रणबीर सिंह हुड्डा, देवी लाल, चौधरी दलबीर सिंह, मुल्तान सिंह, पंडित चिंरजी लाल,डा. मंगलसैन ,फतेह चंद विज, खुर्शीद अहमद, राव निहाल सिंह, आसेप्रभा जैन, रिजक राम, तैयब हुसैन, चंद्रावती हरियाणा के पहले सीएम भगवत दयाल शर्मा बने। जो केवल मार्च 1967 तक अपने पद पर रर्हे। हरियाणा में उनके बाद कोई भी ब्राह्मण समाज से मुख्यमंत्री नहीं बन पाया। वह मध्यप्रदेश के राज्यपाल भी रहे। हरियाणा विधानसभा के पहले चुनाव हुए तो उस समय 54 हलकों से बढ़ा कर 70 हलके कर दिए। उसके बाद 1977 में 90 विधानसभा हलके कर दिए थे। उस समय 17 हलके आरक्षित थे। संयुक्त पंजाब से हरियाणा को अलग करने में मुख्य भूमिका बाबू मूल चंद देवी लाल चिरंजी लाल शर्मा, मुल्तान सिंह के साथ मंगल सैन चौधरी दलबीर सिंह की रही। हरियाणा को बने 60 साल हो गए लेकिन जिन लोगों का हरियाणा को बनाने में योगदान रहा उन्हें कोई भी याद नहीं करता हैं। हरियाणा के पहले सांसदों और विधायकों को लोग भूल चुके हैं। जिन लोगों के कारण हरियाणा अस्तित्व में आया उन्हें लोग याद करना नहीं चाहते हैं।