10/07/2024                                                                            
                                    
                                                                            
                                            बहुत दिनो से स्कूटी का उपयोग नही होने से, विचार आया Olx पे बेच दें,कीमत Rs 30000/- डाल दी।
बहुत आफर आये 15 से 28 हजार तक। एक का 29000 का प्रस्ताव आया। उसे भी waiting में रखा।
कल सुबह काल आया, उसने कहा-"साहब नमस्कार 🙏 , आपकी गाड़ी का add देखा। पसंद भी आयी है।
परंतु 30000 जमा करने का बहुत प्रयत्न किया, 24000 ही इकठ्ठा कर पाया हूँ। बेटा इंजिनियरिंग के अंतिम वर्ष में है। बहुत मेहनत किया है उसने। कभी पैदल, कभी साईकल, कभी बस, कभी किसी के साथ।
सोचा अंतिम वर्ष तो वह अपनी गाड़ी से ही जाये। आप कृपया स्कूटी मुझे ही दिजीएगा। नयी गाड़ी मेरी हैसियत से बहुत ज्यादा है। थोड़ा समय दिजीए। मै पैसो का इंतजाम करता हूँ। मोबाइल बेच कर कुछ रुपये मिलेंगें। परंतु हाथ जोड़कर कर निवेदन है साहब,मुझे ही दिजीएगा।"
मैने औपचारिकता में मात्र Ok बोलकर फोन रख दिया।
कुछ विचार मन में आये। वापस काल बैक किया और कहा "आप अपना मोबाइल मत बेचिए, कल सुबह केवल 24 हजार लेकर आईए, गाड़ी आप ही ले जाईए वह भी मात्र 24 में ही"।
मेरे पास 29 हजार का प्रस्ताव होने पर भी 24 में किसी अपरिचित व्यक्ति को मै स्कूटी देने जा रहा था। सोचा उस परिवार में आज कितने आनंद का निर्माण हुआ होगा।
कल उनके घर स्कूटी आएगी। और मुझे ज्यादा नुकसान भी नहीं हो रहा था।ईश्वर ने बहुत दिया है और सबसे बडा धन समाधान है जो कूट-कूटकर दिया है।
अगली सुबह उसने कम से कम 6-7 बार फोन किया
"साहब कितने बजे आऊ, आपका समय तो नही खराब होगा। पक्का लेने आऊं, बेटे को लेकर या अकेले आऊ। पर साहब गाडी किसी को और नही दिजीएगा।"
वह 2000, 500, 200, 100, 50 के नोटों का संग्रह लेकर आया, मगर साथ में बेटा नहीं एक लड़की थी । नोट देखकर ऐसा लगा, पता नही कहां कहां से निकाल कर या मांग कर या इकठ्ठा कर यह पैसे लाया है।
वह लड़की एकदम आतुरता और कृतज्ञता से स्कूटी को देख रही थी । मैने उसे दोनो चाबियां दी , हेलमेट और कागज दिये। लड़की गाडी पर विनम्रतापूर्वक हाथ फेर रही थी । फिर स्कूटी पर बैठ गयी , उसकी खुशी देखते ही बनती थी ।।
उसनें पैसे गिनने कहा, मैने कहा आप गिनकर ही लाये है, कोई दिक्कत नहीं।जब जाने लगे, तो मैने उन्हे 500 का एक नोट वापस करते हुए कहा , घर जाते मिठाई लेते जाएगा।
सोच यह थी कि कही तेल के पैसे है या नही। और यदि है तो मिठाई और तेल दोनो इसमें आ जायेंगे।
आँखों में कृतज्ञता के आंसु लिये उसने मुझसे अनुमति मांगी , मैं ने जाते हुए उससे पूछा कि ये बिटिया कौन है ?
तो उसने उत्तर दिया कि यही तो मेरा बेटा है ।❤️
उसने विदा ली और अपनी स्कूटी ले गया। जाते समय बहुत ही आतुरता और विनम्रता से झुककर अभिवादन किया। बार बार आभार व्यक्त किया ।
दोस्तों जीवन में कुछ व्यवहार करते समय नफा नुकसान नहीं देखना चाहिए। अपने माध्यम से किसी को क्या सच में कुछ आनंद प्राप्त हुआ यह देखना भी होता है।