Rahul Singh Pundhir

Rahul Singh Pundhir जय हिन्द जय भारत माता जय हिन्दू राष्ट्र

इस सबके बाद भी परिवार न्यायालय में मुकदमों की भीड़ बता रही है कि विवाह बचना मुश्किल हो रहे है  ।किसी भी धर्म, समाज का सं...
07/12/2024

इस सबके बाद भी परिवार न्यायालय में मुकदमों की भीड़ बता रही है कि विवाह बचना मुश्किल हो रहे है ।

किसी भी धर्म, समाज का संगठन इस ओर नहीं सोच रहा

29/11/2024

बहुत सही बात कही आप ने सहमत हुँ 🙏

28/11/2024

रिटायरमेंट के बाद सेवानिवृत्त सचिव (IAS) राजीव यदुवंशी का आत्मबोध लेख

> रिटायरमेंट के बाद मेरी पहली दिवाली थी। मेरे मन में उन सभी वर्षों की यादें ताज़ा हो गईं जो मैंने सेवा में बिताए थे। खासतौर पर वरिष्ठ पदों पर रहते हुए। दिवाली से एक हफ़्ते पहले लोग तरह-तरह के उपहार लेकर आना शुरू कर देते थे। उपहार इतने ज़्यादा होते थे कि जिस कमरे में हम सारा सामान रखते थे, वह किसी उपहार की दुकान जैसा लगता था। कुछ चीज़ों को लोग घृणा भरी नज़रों से देखते थे और उन्हें हमारे अनजान रिश्तेदारों को देने के लिए अलग रख देते थे। सूखे मेवे इतने ज़्यादा होते थे कि अपने रिश्तेदारों और दोस्तों में बाँटने के बाद भी बहुत सारे बच जाते थे। लेकिन इस बार, स्थिति बिल्कुल अलग थी। दोपहर के 2 बज चुके थे लेकिन कोई भी हमें दिवाली की शुभकामना देने नहीं आया था। मैं अचानक भाग्य के इस उलटफेर से बहुत ही उदास महसूस कर रहा था। अपनी इस सोच से बचते हुये मैंने एक अख़बार का आध्यात्मिकता वाला कॉलम पढ़ना शुरू कर दिया।

सौभाग्य से मुझे एक दिलचस्प कहानी मिली जो एक गधे के बारे में थी। जो पूजा समारोह के लिए देवी-देवताओं की मूर्तियों को अपनी पीठ पर लाद कर ले जा रहा था। रास्ते में जब वह गांवों से गुजरता तो लोग मूर्तियों के आगे सिर झुकाते। हर गांव में पूजा- अर्चना के लिए भीड़ जुटती। गधे को लगने लगा कि गांव वाले उसे प्रणाम कर रहे हैं और वह इस सम्मान और आदर से रोमांचित ही हो उठा

> मूर्तियों को पूजा स्थल पर छोड़ने के बाद गधे के मालिक ने उस पर सब्जियां लाद दी और वे वापसी की यात्रा पर निकल पड़े। इस बार गधे पर किसी ने ध्यान ही नहीं दिया। वह अल्पज्ञानी जानवर इतना निराश हुआ कि उसने गांव वालों का ध्यान खींचने के लिए बार-बार रेंकना शुरू कर दिया। शोर से वे लोग चिढ़ गए और उन्होंने उस बेचारे प्राणी को पीटना शुरू कर दिया, जिसे इस बात का जरा भी अंदाजा नहीं था कि उसने ऐसा क्या किया कि उसे इतना क्रूर व्यवहार झेलना पड़ा है। अचानक मुझे बोध हुआ कि वास्तव में, मैं भी इस गधे जैसा ही था। सम्मान और आदर के वे सारे उपहार मेरे लिए नहीं थे बल्कि मेरे ऊपर लदी उन मूर्तियों को थे। अब जब मुझे इस सच्चाई का बोध हुआ तो मैं मेहमानों का इंतजार करने के बजाए मैंने दिवाली मनाने में अपनी पत्नी के साथ शामिल होना चाहा लेकिन वो भी मुझे साथ लेने के मूड में नहीं थी। उसने तीखा जवाब दिया कि जब मैं इतने सालों से कहती रही कि तुम गधे के अलावा कुछ नहीं हो तो तुमने कभी नहीं माना पर आज एक अखबार में छपी खबर ने सच्चाई उजागर कर दी तो तुमने उसे तुरंत स्वीकार कर लिया।

इसलिए समय रहते अपनी पद-प्रतिष्ठा के साथ–साथ समाज के लिए भी लिखना, बोलना और सहयोग करना सीख जायें वर्ना गधे जैसे हालात होंगे

> #सारांश: जो व्यक्ति अपनी नौकरी के दौरान अपने पद को देख जरूरत से ज्यादा फड़फड़ाने की कोशिश में करता है और मौका-बेमौका लोगों को धौंस दिखाता है उसका सेवानिवृत्ति उपरांत यही हाल होता है। आगे उसका जिन्दगी में जब भी किसी भुक्तभोगी व्यक्ति से वास्ता पड़ता है तो वो कभी मौका नहीं चूकता। और वह उसकी सरेआम खूब धुलाई कर देता हैं। इंसान का सरल स्वभाव ही इंसानी जिन्दगी को सरल और सफल बनाता है।

24/08/2024

मुश्किल नहीं है कुछ दुनिया में,
आप जरा हिम्मत तो करिए।
ख्वाब बदलेंगे हकीकत में,
आप जरा कोशिश तो करिए।।

आंधियां सदा चलती नहीं,
मुश्किलें सदा रहती नहीं।
मिलेगी आपको मंजिल आपकी,
बस आप जरा कोशिश तो करिए।।

मेरा  #गांव अब उदास रहता है.. ✍️लड़के जितने भी थे मेरे गांव में।जो बैठते थे दोपहर को आम की छांव में।बड़ी रौनक हुआ करती थ...
23/08/2024

मेरा #गांव अब उदास रहता है.. ✍️

लड़के जितने भी थे मेरे गांव में।
जो बैठते थे दोपहर को आम की छांव में।
बड़ी रौनक हुआ करती थी जिनसे घर में
वो सब के सब चले गए शहर में।
ऐसा नही कि रहने को मकान नही था।
बस यहां रोटी का इंतजाम नहीं था।
हास परिहास का आम तौर पर उपवास रहता है।
मेरा #गांव अब उदास रहता है।।

बाबू जी ठंड में सिकुड़े और पसीने मे नहाए थे।
तब जाकर तीन कमरे किसी तरह बनवाए थे।
अब तीनों कमरे खाली हैं मैदान बेजान है।
छतें अकेली हैं गलियां वीरान हैं।।
मां का शरीर भी अब घुटनों पर भारी है।
पिता को हार्ट और डाईविटीज की बीमारी है।
अपने ही घर में मां बाप का वनवास रहता है।
मेरा #गांव अब उदास रहता है।।

छत से बतियाते पंखे, दीवारें और जाले हैं।
कुछ मकानों पर तो कई वर्षों से तालें हैं।।
बेटियों को ब्याह दिया गया ससुराल चली गई।
दीवाली की छुरछुरी होली का गुलाल चली गई।
मोहल्ले मे जाओ जरा झांको कपाट पर।
बैठे मिलेंगे अकेले बाबू जी, किसी कुर्सी किसी खाट पर।।
सावन के झूले उतर गए भादों भी निराश रहता है।
मेरा #गांव अब उदास रहता है।।

कबड्डी वालीबाल अंताक्षरी, सब वक्त की तह में दब गए।
हमारे गांव के लड़के कमाने अहमदाबाद जब गए।।
अब रामलीला दुर्गापूजा की वो बात नही रही।
गर्मियों मे छतों पर हलचल की रात नही रही।।
दालान में बैठे बुजुर्ग भी स्वर्ग सिधार गए।
जो जीत गए थे मुश्किलों से वो बीमारियों से हार गए।।
ये अंधी दौड़ तरक्कियों की गांव सूना कर गई।
खालीपन का घाव अब तो दोगुना कर गई।
जाने वाले चले गए, कहां कोई अनायास रहता है।
मेरा #गांव अब उदास रहता है।।

#गांव

अंकिता तिवारी की ✍️.. से
#कवयित्री #अयोध्या राष्ट्रीय कवि संगम

#मेरा #घर #मां #बाबू

26/07/2024

मर्द जब कमाने निकलता है तो कभी कभी वो ज़िल्लत भी ये सोच कर बर्दाश्त कर लेता है, कि वो जिनको घर की चारदीवारी में छोड़ कर आया है वो इज़्ज़त की ज़िंदगी गुज़ार सकें..!!

मर्द वो हस्ती है जो छोटी उम्र से लेकर बुढ़ापे तक दूसरों की ख़ातिर जीता है...💯

विचारों को वश में रखिये,"वो तुम्हारें शब्द बनेंगे",शब्दों को वश में रखिये,"वो तुम्हारें कर्म बनेंगे",कर्मों को वश में रख...
19/07/2024

विचारों को वश में रखिये,
"वो तुम्हारें शब्द बनेंगे",

शब्दों को वश में रखिये,
"वो तुम्हारें कर्म बनेंगे",

कर्मों को वश में रखिये,
"वो तुम्हारी आदत बनेंगे",

आदतों को वश में रखिये,
"वो तुम्हारा चरित्र बनेगा",

चरित्र को वश में रखिये,
"वो तुम्हारा भाग्य बनेंगे"

आज ही शुरुआत करें,
एक कदम सफ़लता कि ओर
अपने विचारों को वश में रखकर।

11/07/2024

प्राइवेट स्कुल के गर्ल्स हॉस्टल के किसी कमरे मे कक्षा दस की 2 छात्राएं...
रुममेट -- ऊपर का एक और बटन खोल ना,
पिक्स जबरदस्त आएगी और एकदम कूल भी लगेगी तू..
और रील पर बहुत सारे लाइक्स कमेंट्स भी आएंगे,
रातो रात फेमस हो जाएगी तू..
ऋचा (काल्पनिक नाम)-- ना बाबा ना, अगर घर पर पता चल गया तो ? और मुझे भी शर्म आएगी ऐसे पिक्स मे। प्लीज ऐसे ही ले ले ना पिक्स....
रुममेट -- अरे तू भी ना बहुत झल्ली है, आजकल तो ज्यादातर लड़कियां रील्स पर है और देख कैसे कैसे कपड़े पहनती है और अदाएं दिखाकर नाचती है... चल कुछ नहीं होता यार, खोल बटन !

ऋचा (काल्पनिक नाम) शर्माते हुवे बटन खोलकर रील्स बनवाने लगी,,
रील बनी और वायरल भी हुई,
सेकड़ो लाइक्स और कमेंट्स...
अब वो बैठकर कमेंट्स पढ़ रही है...

Wow too hot baby...
You are looking very sexy and hot...
Will you be my gf baby ??
Awesome pic,
i wanaa feel you baby..
Bla bla bla......

कमेंट्स पढ़कर आज ऋचा (काल्पनिक नाम) सातवे आसमान पर है, उसे लग रहा है की दुनिया की सबसे सुंदर लड़की वही है और शायद उसीके लिए परी शब्द बना है।
इधर कस्बे मे ऋचा के घर एक जागरूक युवा आकर उसके माँ पापा को ऋचा (काल्पनिक नाम) की रील और उसपर आये कमेंट्स दिखा रहा था। तीनो मे कुछ बातें हुई और अगली सुबह तीनो ऋचा (काल्पनिक नाम) के हॉस्टल मे उसके साथ बैठे थे। युवा का परिचय किसी दूर के रिश्तेदार के भतीजे के रूप मे करवाया गया जो आज शहर आ रहा था जिसके साथ माँ पापा भी आ गए।
कुछ बाते हुई और साथ मे लंच किया गया, पापा और वो युवा कुछ देर वार्डन के पास भी गए और उनसे इधर उधर की बाते की।
कुछ देर बाद तीनो ने ऋचा (काल्पनिक नाम)से विदा ली। शायद किसीने नोटिस नहीं किया था लेकिन ज़ब युवा हॉस्टल के कमरे मे दाखिल हुवा था तब उसके पास एक मोटी किताब जैसा कुछ था जो वो शायद कमरे मे ही भूल आया था।

शाम को ऋचा (काल्पनिक नाम) की नजर पड़ी तो उसने देखा की एक मोटी सी एल्बम उसके स्टडी टेबल पर रखी हुई थी, उत्सुकता से ऋचा (काल्पनिक नाम) ने उसे खोलकर देखना शुरू किया.....
एल्बम मे हजारों ऐसी पेपर कटिंग्स लगी हुई थी जिनमे भोली भली लड़कियो को शिकार बनाये जाने की खबरें थी, किसी को कॉमन फ्रेंड के जरिये, किसीको कुछ खिला पीला कर, किसीको कैसे, किसीको कैसे फसाया गया इसकी पूरी जानकारी मय तारीख के करीने से सजाई गयी थी।
अरे यें क्या ????
इस कटिंग मे तो लिखा है कि अपनी ही सहेली के उत्तेजक फोटो लेकर उसको बरगलाने वाली लड़की किसी संगठन की एजेंट निकली...
अरे बाप रे,, यें मैं क्या कर रही थी।
अच्छा हुवा समय रहते बच गयी 🙏🏻

अगली सुबह पापा के पास वार्डन का काल आया, जिसमे ऋचा (काल्पनिक नाम) ने रूम बदलने और रुममेट की पूरी जानकारी चाहने की एप्लिकेशन दी जाने की बात कही।
पापा ने तुरंत ही उस युवा को काल लगाया और अपने समूह के साथ शाम को खाने पर आने का निमंत्रण दिया।

एक बच्ची समय से पहले व्यस्क होने से बच गयी।
वो युवा शायद हमारे आसपास ही हो, आपसे कुछ कहना भी चाहता हो। उसकी बात सुनें उसे दुत्कारे नहीं।

बहुत दिनो से स्कूटी का उपयोग नही होने से, विचार आया Olx पे बेच दें,कीमत Rs 30000/- डाल दी।बहुत आफर आये 15 से 28 हजार तक।...
10/07/2024

बहुत दिनो से स्कूटी का उपयोग नही होने से, विचार आया Olx पे बेच दें,कीमत Rs 30000/- डाल दी।

बहुत आफर आये 15 से 28 हजार तक। एक का 29000 का प्रस्ताव आया। उसे भी waiting में रखा।

कल सुबह काल आया, उसने कहा-"साहब नमस्कार 🙏 , आपकी गाड़ी का add देखा। पसंद भी आयी है।

परंतु 30000 जमा करने का बहुत प्रयत्न किया, 24000 ही इकठ्ठा कर पाया हूँ। बेटा इंजिनियरिंग के अंतिम वर्ष में है। बहुत मेहनत किया है उसने। कभी पैदल, कभी साईकल, कभी बस, कभी किसी के साथ।

सोचा अंतिम वर्ष तो वह अपनी गाड़ी से ही जाये। आप कृपया स्कूटी मुझे ही दिजीएगा। नयी गाड़ी मेरी हैसियत से बहुत ज्यादा है। थोड़ा समय दिजीए। मै पैसो का इंतजाम करता हूँ। मोबाइल बेच कर कुछ रुपये मिलेंगें। परंतु हाथ जोड़कर कर निवेदन है साहब,मुझे ही दिजीएगा।"

मैने औपचारिकता में मात्र Ok बोलकर फोन रख दिया।

कुछ विचार मन में आये। वापस काल बैक किया और कहा "आप अपना मोबाइल मत बेचिए, कल सुबह केवल 24 हजार लेकर आईए, गाड़ी आप ही ले जाईए वह भी मात्र 24 में ही"।

मेरे पास 29 हजार का प्रस्ताव होने पर भी 24 में किसी अपरिचित व्यक्ति को मै स्कूटी देने जा रहा था। सोचा उस परिवार में आज कितने आनंद का निर्माण हुआ होगा।

कल उनके घर स्कूटी आएगी। और मुझे ज्यादा नुकसान भी नहीं हो रहा था।ईश्वर ने बहुत दिया है और सबसे बडा धन समाधान है जो कूट-कूटकर दिया है।

अगली सुबह उसने कम से कम 6-7 बार फोन किया

"साहब कितने बजे आऊ, आपका समय तो नही खराब होगा। पक्का लेने आऊं, बेटे को लेकर या अकेले आऊ। पर साहब गाडी किसी को और नही दिजीएगा।"

वह 2000, 500, 200, 100, 50 के नोटों का संग्रह लेकर आया, मगर साथ में बेटा नहीं एक लड़की थी । नोट देखकर ऐसा लगा, पता नही कहां कहां से निकाल कर या मांग कर या इकठ्ठा कर यह पैसे लाया है।

वह लड़की एकदम आतुरता और कृतज्ञता से स्कूटी को देख रही थी । मैने उसे दोनो चाबियां दी , हेलमेट और कागज दिये। लड़की गाडी पर विनम्रतापूर्वक हाथ फेर रही थी । फिर स्कूटी पर बैठ गयी , उसकी खुशी देखते ही बनती थी ।।

उसनें पैसे गिनने कहा, मैने कहा आप गिनकर ही लाये है, कोई दिक्कत नहीं।जब जाने लगे, तो मैने उन्हे 500 का एक नोट वापस करते हुए कहा , घर जाते मिठाई लेते जाएगा।

सोच यह थी कि कही तेल के पैसे है या नही। और यदि है तो मिठाई और तेल दोनो इसमें आ जायेंगे।

आँखों में कृतज्ञता के आंसु लिये उसने मुझसे अनुमति मांगी , मैं ने जाते हुए उससे पूछा कि ये बिटिया कौन है ?

तो उसने उत्तर दिया कि यही तो मेरा बेटा है ।❤️

उसने विदा ली और अपनी स्कूटी ले गया। जाते समय बहुत ही आतुरता और विनम्रता से झुककर अभिवादन किया। बार बार आभार व्यक्त किया ।

दोस्तों जीवन में कुछ व्यवहार करते समय नफा नुकसान नहीं देखना चाहिए। अपने माध्यम से किसी को क्या सच में कुछ आनंद प्राप्त हुआ यह देखना भी होता है।

हमारे गृह जनपद कासगंज का एक खूबसूरत नजारा अंग्रेजों के जमाने का 130 से भी ज्यादा पुराना है । पुल जो अपनी मजबूती की बहुत ...
18/05/2024

हमारे गृह जनपद कासगंज का एक खूबसूरत नजारा अंग्रेजों के जमाने का 130 से भी ज्यादा पुराना है । पुल जो अपनी मजबूती की बहुत बड़ी मिसाल दे रहा है। इस पुल के ऊपर से नहर जाती है और नीचे से नदी बड़ा खूबसूरत पुल है

आपकी बेटी वेश्या नही है... इस बात को समझिये...!!अगर आज से 50 साल पहले आपको हीरा मंडी जैसी वेशभूषा धारण करके और उनकी जैसी...
14/05/2024

आपकी बेटी वेश्या नही है... इस बात को समझिये...!!

अगर आज से 50 साल पहले आपको हीरा मंडी जैसी वेशभूषा धारण करके और उनकी जैसी अदाओं के साथ वीडियो बनाने के लिए बोला जाता तो शायद आप सोचती कि यह गलत है।

आज से 10 साल पहले कोई आपकी बेटी को इस तरह के कपड़े लेकर देता तो आप उससे जीवन भर के लिए रिश्ता खत्म कर लेते।

लेकिन बॉलीवुड ने धीरे धीरे करके इस मीठे जहर को आपकी रगों में डाला है की आज छोटी छोटी बच्चियों के मां-बाप खुद उन्हें इस तरह की वेशभूषा पहन कर रील बना रहे हैं।

आपकी अपनी सोचने की क्षमता लगभग खत्म हो चुके हैं और आप ना चाहते हुए भी उसे तरह की वेशभूषा और डायलॉग और अदाएं दिखाते हुए रील बना रही है।

किसके लिए मर्दों के मनोरंजन के लिए यहां खुद के लिए या फिर आप इसे खुद का टैलेंट समझ रहे हो? सोचने वाली बात है ना कि, इससे सबसे ज्यादा फायदा कैसे मिलेगा।

कंपनी का काम होता है अपना प्रोडक्ट सेल करना और सेल करने के लिए वह किसी की हद तक गिर सकते हैं लेकिन यह आपकी अपनी सोचने समझने की क्षमता होनी चाहिए की गोबर को मफिन कह देने से वह मीठी नहीं हो जाती।

इसलिए अपनी बेटियों को समझायें... उन्हें सही मार्गदर्शन करें... सही गलत का पहचान करायें... वरना आज रील बना रही है तो कल रियल भी कर सकती है....!!

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