Maa vaishno Devi Katra

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जय माता दी 🙏🚩
❣️'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै' ❣️
😍Lives in Vaishno Devi Katra 😍
☝️वैष्णो देवी डेली ताजा अपडेट ☝️
मां वैष्णो देवी को मानने वाले भक्त ही अपनें परिवार से जुड़े 🙏🚩

*पहली बार लोडेड goods train लेकर पहुंचे Katra से Reasi* कटरा से रियासी 1st ट्रेन ट्रायल कंप्लीट 25.12.2024         For t...
25/12/2024

*पहली बार लोडेड goods train लेकर पहुंचे Katra से Reasi* कटरा से रियासी 1st ट्रेन ट्रायल कंप्लीट 25.12.2024

For the first time, we reached Reasi from Katra with a loaded goods train

Indian railway में तकरीबन 32000 वैकेंसी निकली
23/12/2024

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वैष्णो देवी कटरा से कश्मीर तक रेलवे ट्रैक कंप्लीट बोलो जय माता दी
23/12/2024

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19/12/2024

ये स्टोरी ज्यादा से ज्यादा भक्तों को मालूम होनी चाहिए 👇👇

मेरी तेरी क्रिसमस कहने के पहले ......🤔
सन 1510
गोआ के तात्कालिक मुश्लिम शासक यूसुफ आदिल शाह को पराजित कर ईसाई पुर्तगालियों ने गोआ में अपनी सत्ता स्थापित की। अगले पच्चीस तीस वर्षों में गोआ पर ईसाई पुर्तगाली पूरी तरह स्थापित हो गए। फिर शुरू हुआ गोआ का ईसाईकरण। कुछ लोग उनकी कथा के प्रभाव में आ कर धर्म बदल लिए और ईसाई हुए। जो धन ले कर बदले उन्हें धन दिया गया, जो भय से बदल सकते थे उन्हें भयभीत कर बदला गया। और जो नहीं बदले..?

गांव के बीच मे एक हिन्दू को खड़ा करा कर उसे आरा से चीरा जाता, हिन्दू युवतियों को नग्न कर सँड़सी से उनके स्तन नोचे जाते.. स्त्रियों को नग्न कर उनकी दोनों टांगो में दो रस्सी बाँध दी जाती और दोनों रस्सियां दो घोड़ों से जोड़ दी जातीं। दोनों घोड़े दो ओर दौड़ाये जाते और पल भर में एक शरीर दो भाग में बंट जाता। अरे रुकिए! यह कार्य केवल पुर्तगाली सैनिक नहीं करते थे, उनके साथ एक ईसाई पादरी रहता था जो बाइबल पढ़ कर अपनी देख-रेख में कार्य प्रारम्भ कराता था। पुर्तगाली ईसाइयों को किसी गाँव मे यह खेल दो बार खेलने की आवश्यकता नहीं हुई, क्योंकि जिस गाँव मे एक बार यह आयोजन हो जाता, उस गाँव की सारी प्रजा उसी दिन ईसाई हो जाती थी।

पर भारत तो भारत है न! यहाँ के हिन्दू इतनी जल्दी कैसे हार मान लेते? ऊपर से सारा गोआ ईसाई हो गया था, पर अंदर ही अंदर फिर अधिकांश जन हिन्दू हो गए थे। घर में मिट्टी के नीचे दबा कर सनातन धर्मग्रंथ रखे जाने लगे। बच्चों को धर्म का ज्ञान दिया जाने लगा। रामायण-महाभारत, वेद-पुराण पढ़े-पढ़ाने जाने लगे।

पर ईसाई भी तो ईसाई थे न! वे भी इतनी शीघ्रता से कैसे पराजय स्वीकार कर लेते? तो सन 1560...

गोआ के बीचोबीच एक चिता तैयार की गई थी। लकड़ी की नहीं, सनातन के प्रतिक जैन ,बौद्ध , सिख हिन्दू धर्मग्रंथों की। पिछले छह महीने में हर सनातन हिन्दू (बौद्ध ,जैन ,सिख ,) के घर का कोना कोना छान कर,मिट्टी कोड़ कोड़ कर इन धर्मग्रंथों को निकाला गया था। मराठी और संस्कृत भाषा में लिखे गए इन महत्वपूर्ण सनातन हिंदू धर्मग्रन्थों की चिता, और उसके ऊपर हाथ पैर बाँध कर डाले गए हिन्दू... कुछ किताबें कहती हैं पाँच सौ लोग थे, कुछ कहती हैं हजार... कुछ किवदन्तियां कई हजार बताती हैं। ईश्वर जाने कितने थे।

निकट खड़े पादरी ने अपनी पवित्र पुस्तक पढ़ी, और फिर सैनिक की ओर संकेत किया। सैनिक ने चिता में अग्नि प्रवाहित की और भारत धू-धू कर जल उठा। अग्नि की लपटें बढ़ीं, और उनके साथ ही बढ़ती गयीं दो प्रकार की ध्वनियां... एक जीवित जल रहे हिंदुओं के चीत्कार की ध्वनि, और दूसरी निकट खड़े ईसाइयों के अट्ठहास की ध्वनि...

सनातन का हर अंग बौद्ध, जैन , सिख , हिंदू जल रहा था, और अग्नि की लपटों के साथ ऊपर उठता जा रहा था चर्च! और वहाँ से हजारों कोस दूर रोम में बैठा सेंटा-क्लॉज मुस्कुरा उठा था।
यह भारत मे ईसाई धर्म के प्रारम्भ का सत्य था।

अपने बच्चों को सेंटा क्लॉज की पोशाक पहना कर खुश होने वाले हिन्दुओं! तुम्हारा सेंटा जब मुस्कुराता है तो लगता है कि वह गोआ की बेटियों की नोची गयी छातियों पर मुस्कुरा रहा है, एक वहशी दैत्य की तरह! तुम नहीं जानते कि क्रिसमस का जो केक तुम खा रहे हो वह गोआ की उन माओं के रक्त से सना हुआ है जिनके नग्न शरीर को घोड़े से चीरवा दिया गया था। क्रिसमस की तुम्हारी शुभकामनाओं में मुझे अपने उन पूर्वजों की चीखें सुनाई देती हैं जिन्हें उनके धर्मग्रन्थों के साथ जीवित ही जला दिया गया था। क्यों? केवल इसी लिए कि वे हिन्दू थे।

गोआ एक उदाहरण मात्र है। भारत मे अंग्रेजी सत्ता के काल मे हिंदुओं-मुसलमानों पर ऐसे असंख्य अत्याचार ईसाइयों ने किए हैं। गिनने लगेंगे तो घृणा अपने चरम पर पहुँच जाएगी।

सेंटा क्लॉज गिफ्ट नहीं देता। सेंटा ने जब भी दिया, भारत को नरसंहार, अत्याचार, शोषण का ही गिफ्ट दिया है। सेंटा क्लॉज भारत पर हुए अत्याचार का प्रतीक है। इसका सम्मान करना, इसका त्योहार मनाना अपने पूर्वजों के अपमान जैसा है।

तुम इसे धर्मनिरपेक्षता कहते हो? शत्रु-परम्पराओं का सम्मान धर्मनिरपेक्षता नहीं, मूर्खता है मित्र! वे झारखण्ड के जंगलों में तुम्हारे देवी-देवताओं को गाली देते हैं और तुम उनके पर्वों को उत्साह से मनाते हो? वे तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, गोआ, केरल में तुम्हारे पूर्वजों को गाली देते हैं और तुम उनका सम्मान करते हो? वे आसाम, मेघालय, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश में सनातन धर्म का लगभग-लगभग नाश कर चुके और तुम इससे अनभिज्ञ प्रेम के गीत गा रहे हो? तनिक सोचो तो, क्या हो तुम? मित्र! तुम अनजाने में अपनी संस्कृति, अपने धर्म, अपने राष्ट्र, अपनी परम्पराओं, अपने पूर्वजों की प्रतिष्ठा की हत्या में सहयोग कर रहे हो। मित्र! तुम हत्या कर रहे हो...
साभार

और सेक्युलरिज्म? इसे भारत को क्या ईसाइयों से सीखना होगा? एक उदाहरण देता हूँ, सातवीं शताब्दी में भारत के एक हिन्दू शासक अनंगपाल ने राय पिथौरा किले के पास एक ही प्रांगण में 'हिन्दू,बौद्ध और जैन' तीनो धर्मों के सत्ताईस मन्दिरों का निर्माण कराया था। यहाँ जाने वाला हर श्रद्धालु तीन धर्मों के आराध्यों की एक ही साथ पूजा करता था। भारत का वह मन्दिर कुतुबुद्दीन ऐबक ने तेरहवीं शताब्दी के प्रारम्भ में ही तोड़ दिया, पर क्या कोई आज भी मुझे पूरी दुनिया मे ऐसा कोई दूसरा स्थान दिखा सकता है? क्या कोई ऐसा स्थान है जहाँ किसी ईसाई ने किसी दूसरे धर्म का धर्मस्थल बनवाया हो? नहीं न?

मित्र! इस धरा पर धर्मनिरपेक्षता हमसे ही प्रारम्भ हो कर हम पर ही समाप्त हो जाती है। पर यह याद रहे, धर्मनिरपेक्षता के भ्रम में आत्महंता बनना केवल और केवल मूर्खता है।

स्वतन्त्रता के बाद वामपंथियों द्वारा थोपी गयी षड्यंत्रपूर्ण परिभाषा के अनुसार मेरी बातें साम्प्रदायिक दिख रही होंगी, पर मुझे गर्व है अपने साम्प्रदायिक होने पर.. मैं अपने पूर्वजों के हत्यारों को क्षमा नहीं कर सकता। मेरे अंदर यदि किसी को घृणा भरी हुई दिखती है तो गर्व है मुझे अपनी घृणा पर। अपने शत्रुओं के प्रति इसी घृणा ने भारत की रक्षा की है, नहीं तो यूनान, मिस्र, रोम कबके मिट गए।

शुभकामनाएं देनी हैं तो मेरे उस मित्र गंगा महतो को जन्मदिन की शुभकामना दीजिये जो झारखण्ड में ईसाइयों के प्रहार के विरुद्ध सनातन का ध्वज लिए अकेले खड़ा है। संता-बंता सब मूर्खता......क्या अब भी कहेंगे मेरी तेरी क्रिसमस ?🤔 - *डॉ विश्वास चौहान*

19/12/2024

Vaishno Devi Katra Se Live Update 19.12.2024

I've received 100,000 reactions to my posts in the past 30 days. Thanks for your support. 🙏🤗🎉
15/12/2024

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13/12/2024

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2025 शुरू होने से पहले 1 लाख जय माता दी लिख सकते है क्या जय माता दी 🙏
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02/12/2024

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