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03/01/2025

मुझे पकड़कर ले जाओगे मैं फिर बैठ जाऊंगा, आज गांधी मैदान के एक कोने में बैठा हूं। कल एक लाख लड़कों के साथ गांधी मैदान में आ जाऊंगा।

गुरुकुल स्कॉलरशिप टेस्ट 2024 🎓रजिस्ट्रेशन शुरू हो गए हैं! 📝🌟कक्षा 8 से 12 के छात्रों के लिए स्कॉलरशिप और बढ़िया इनाम जीत...
24/10/2024

गुरुकुल स्कॉलरशिप टेस्ट 2024 🎓
रजिस्ट्रेशन शुरू हो गए हैं! 📝

🌟कक्षा 8 से 12 के छात्रों के लिए स्कॉलरशिप और बढ़िया इनाम जीतने का मौका!
तो जन सुराज गुरुकुल स्कॉलरशिप टेस्ट में हिस्सा लो और ₹50,000 तक के उपहार जीतने का मौका पाइए ! 🏆

📢 रजिस्ट्रेशन शुरू: आज से!
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इमामगंज और बेलागंज विधानसभा उपचुनाव में क्रमश: डॉक्टर जितेंद्र पासवान और रिटायर्ड प्रोफेसर खिलाफत हुसैन जन सुराज के उम्म...
19/10/2024

इमामगंज और बेलागंज विधानसभा उपचुनाव में क्रमश: डॉक्टर जितेंद्र पासवान और रिटायर्ड प्रोफेसर खिलाफत हुसैन जन सुराज के उम्मीदवार होंगे— in Belaganj.
— in Belaganj.

18/10/2024

It is exercise alone that supports the spirits and keeps the mind in vigor.

भारतीय सेना के वीर सपूत जनरल एस. के. सिंह को तरारी विधानसभा से जनसुराज के उम्मीदवार के रूप में घोषित किया गया है!श्री कृ...
18/10/2024

भारतीय सेना के वीर सपूत जनरल एस. के. सिंह को तरारी विधानसभा से जनसुराज के उम्मीदवार के रूप में घोषित किया गया है!

श्री कृष्ण सिंह ने नवंबर 2011 से लेकर दिसंबर 2013 में अपनी सेवानिवृत्ति तक भारतीय सेना के उप-प्रमुख (Vice Chief of Army Staff) के रूप में कार्य किया, जो कि सेना का दूसरा सबसे उच्च पद है।

1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में 8 गोरखा राइफल्स की ओर से लड़ते हुए उन्होंने दुश्मनों को धूल चटाई थी।

अब बिहार के दुश्मन, चाहे वो चारा चोर हों या कुर्सी कुमार, उन्हें मिट्टी में मिलाने को तैयार हैं जनरल साहब!

15/09/2024

True devotion is to see God in everything,to accept that he is dispenser of justice and to constantly avoid wrongdoing.

बिहार के शीर्ष 40 सबसे अधिक राजस्व देने वाले रेलवे स्टेशनSource: Indian Rail Info
14/09/2024

बिहार के शीर्ष 40 सबसे अधिक राजस्व देने वाले रेलवे स्टेशन

Source: Indian Rail Info



09/09/2024

You only live once,but if you do it right,once is enough.

07/09/2024

Courage is grace under Pressure.

07/09/2024

कृत्रिमता दौर के प्रेम भाव और मानवीय एहसास

जीनियस फिल्म में वासुदेव शास्त्री पात्र द्वारा कहा गया डायलॉग रैंक में क्या रखा है जीवन का असली आधार तो प्रेम है लगभग सभी ने सुना होगा। आदिकाल से, यानी कहा जा सकता है कि जीवन के आगमन के साथ ही प्रेम का भी आगमन हुआ, तब से अब तक यह पूरी शिद्दत के साथ विविध रूप में जारी है। प्रेम की प्रवृत्ति ने ही जीव मात्र के अस्तित्व को कायम रखा है। उसमें रंग और नूर भरा है। प्रेम शब्दों भाषाओं और सरहदों की सीमा से परे है। बहुरंगी छटाओं वाले इस डेढ़ आखर के शब्द की उड़ान और सीमाएं अनंत है। यह हवा से भी हल्की और पहाड़ से भी भारी है।

आज के बदलते दौर का असर प्रेम पर भी व्यापक रूप से पड़ा है। हर चीज की तरह इस पाकीजगी से भरे भाव पर भी व्यवसायिकता, छद्म आधुनिकता और नकारात्मकता का असर पड़ा है। कोमल एहसासों से लबरेज यह शब्द पाशविकता की जद में आने लगा है। पहले प्रेम फिर जिद, अहम, धर्म, कट्टरता, चलाकी आदि के लिए प्रेमी–प्रेमिका के साथ गलत व्यवहार,उसकी जान लेने जैसी बातें आम होने लगी हैं।

गौरतलब है कि पिछले डेढ़ दो दशकों में देश में हुए आर्थिक, सामाजिक उन्नति और बाजारवाद के विस्तार ने हमारे समाज को गहरे तक प्रभावित किया है। सूचना क्रांति की व्यापकता ने इस बदलाव के प्रभाव को और बढ़ाया है। यह बदलाव सकारात्मक और नकारात्मक दोनों संदर्भों में हुआ है। इस क्रांति ने एक और आपसी संपर्क को बढ़ाया है, वाणिज्य व्यवसाय, कला, विज्ञान,लेखन आपसी संबंध हर क्षेत्र में विस्तार का नया आयाम गढ़ा है तो दूसरी ओर समाज में नकारात्मक विचारों, व्यक्तिवाद, भोगवाद की प्रवृत्ति का फैलाव भी किया है। इन बदलावों का असर मानवीय संबंधों पर भी व्यापक रूप से पड़ा है, विशेषकर स्त्री–पुरुष के आपसी संबंधों पर।

बढ़ता व्यक्तिवाद, सब कुछ पा लेने की असीम चाहत, अपने मनचाहे को किसी भी कीमत पर हासिल करने की प्रवृत्ति आदि तथ्यों ने मानवीय रिश्तों के समीकरण को ही बिगाड़ दिया है। फलस्वरुप आज प्रेम जैसा सहज, सरल प्रवाह भी गंदला होता जा रहा है। इस दौर में काफी हद तक प्रेम महज देह,दिखावा और संपत्ति की परिधियों में सिमटने लगा है। पहले एक तरफा प्रेम, फिर उसकी असफलता पर लड़की के ऊपर तेजाब डालने, इमोशनल ब्लैकमेल करने और उसे मानसिक प्रताड़ित करने जैसे जघन्य कुकृत्य भी सरेआम हो रहे हैं। लोग प्रेम को भी अपनी शक्ति और अपने रसूक से तोलने लगे हैं। हमेशा से औरत को कमजोर और दोयम मानने, उसे अपनी संपत्ति के रूप में देखने की मानसिकता ने ऐसे अपराधों को बढ़ाया है। ऐसा लग रहा है जैसे हम प्रेम के रागात्मक और भावात्मक स्वरूप को ही भूलते जा रहे हैं।

यह बेवजह नहीं है कि इस दौर में प्रेम भी डर और भय का मामला बनता गया है। बाजारवाद प्रेम खरीदने और बेचने की दुकान सजाए बैठा है। कुछ लोगों के लिए प्रेम आत्मा के एकालाप का विषय ना होकर दिखावे, रसूक, जोर जबरदस्ती, शारीरिक भूख, और रासरंग का विषय बन चुका है। क्योंकि हर प्रेमी प्रेम में हां ही सुनना चाहता है नहीं सुनना उसके कोष का हिस्सा नहीं होता। ऐसे में प्रेम जिद और कथित सम्मान का प्रश्न बन जाता है। यही जिद का भाव कब किसी प्रेमी को हैवान बना देता है, वह खुद ही जान नहीं पाता। प्रेम के नाम पर तेजाबी हमले, हत्या, सामूहिक बलात्कार जैसी भयावह घटनाएं आम होने लगी हैं। प्रेम में होने का दावा करता युवक लड़की के ना कहने पर इसे अपने पौरुष का अपमान समझने लगता है और दर्प में आकर इतना विवेकशून्य हो जाता है कि जिसे उसने प्रेयसी कहा था, उसी की हत्या, बलात्कार जैसी घटनाओं को अंजाम देता है। दूसरी ओर प्रेम में ना सुनने पर आत्महत्या की घटनाएं भी खूब होने लगी हैं।

प्रेम वह है जो "मैं और तू" को एकसार कर दे। यह व्यक्ति में संयम,आत्मनियंत्रण और धैर्य का संचार करता है। अंधाधुंध भागते जीवन में लय का समावेश करता है। धैर्य, साहस और समर्पण प्रेम का प्राणतत्व है। यह व्यक्ति के भीतर के राग–द्वेष को मिटाकर उसमें आनंद का भाव भरता है। यह व्यक्ति को हर बाधा और विपदा से लड़ने की शक्ति देता है। परन्तु बदलते समय, बदलते परिवेश और इंसान की बदलती चाहते हैं प्रेम की परिभाषा को ही बदलती जा रही हैं।

आवश्यकता इस बात की है कि संवेदनशील होकर इस विषय पर गहराई से सोचा जाए। घर परिवार और समाज हर स्तर पर जीवन के इस महत्वपूर्ण विषय पर परिष्कृत समझ विकसित होने की आवश्यकता है। युवाओं के आवेग और भटकाव को सही दिशा देने के लिए प्रेम के सही संदर्भ को उन्हें बताने और समझाने की जरूरत है। इसी में प्रेम की जीत है।

03/09/2024

If you are not willing to risk the usual , you will have to settle for ordinary.

29/08/2024

Dirty Water DOESN'T Stop Plants from Growing So Don't Let Negative Words Stop Your Progress.

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