13/06/2025
इजरायल ने 13 जून 2025 को ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर बड़े पैमाने पर हवाई हमले किए, जिसे "ऑपरेशन राइजिंग लॉयन" नाम दिया गया। इन हमलों में ईरान के नतांज परमाणु संयंत्र, कई परमाणु वैज्ञानिकों, और इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के कमांडर-इन-चीफ हुसैन सलामी की मौत की पुष्टि हुई है। इजरायल का दावा है कि यह हमला ईरान के परमाणु हथियार कार्यक्रम को रोकने के लिए था, क्योंकि ईरान के पास 15 परमाणु बम बनाने की सामग्री होने की आशंका थी।
# # # ईरान की संभावित प्रतिक्रिया:
1. **जवाबी सैन्य कार्रवाई**: ईरान ने इजरायल और अमेरिकी ठिकानों पर मिसाइल और ड्रोन हमलों की धमकी दी है। ईरानी मीडिया के अनुसार, ईरान ने पहले ही जवाबी कार्रवाई शुरू कर दी है, जिससे दोनों देशों के बीच युद्ध जैसे हालात बन गए हैं।
2. **परमाणु कार्यक्रम की रक्षा**: ईरान ने अपने परमाणु ठिकानों की सुरक्षा बढ़ा दी थी, खासकर नतांज और फोर्डो जैसे भूमिगत ठिकानों की। हालांकि, इजरायल के हमले ने नतांज को काफी नुकसान पहुंचाया, जिससे ईरान का परमाणु कार्यक्रम कमजोर हुआ है। ईरान अब अपने बचे हुए परमाणु संसाधनों को बचाने की कोशिश
3. **प्रॉक्सी हमले**: ईरान हमास, हिजबुल्लाह, और यमन के हूती जैसे समर्थित समूहों के जरिए इजरायल पर अप्रत्यक्ष हमले बढ़ा सकता है। ये समूह पहले भी इजरायल के खिलाफ सक्रिय रहे हैं, जैसे 7 अक्टूबर 2023 को हमास का हमला।
4. **कूटनीतिक जवाब**: ईरान ने अमेरिका के साथ परमाणु वार्ता अगली सूचना तक रद्द कर दी है। साथ ही, वह संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इजरायल की कार्रवाई की निंदा कर सकता है। ओमान जैसे मध्यस्थ देशों ने इन हमलों को "गैर-जिम्मेदार" बताया है, जिसका ईरान लाभ उठा सकता है
5. **आंतरिक एकजुटता**: ईरान की सरकार अपने नागरिकों को एकजुट करने और सैन्य ताकत दिखाने के लिए आंतरिक प्रचार बढ़ा सकती है। तेहरान में नागरिकों की मौत की खबरों से जनता में आक्रोश बढ़ सकता है, जिसे ईरान सरकार जवाबी कार्रवाई के लिए समर्थन जुटाने में इस्तेमाल कर सकती है।
# # # चुनौतियां और सीमाएं:
- **सैन्य कमजोरी**: इजरायल के हमलों ने ईरान की वायु रक्षा प्रणाली और सैन्य ठिकानों को गंभीर नुकसान पहुंचाया है, जिससे प्रत्यक्ष जवाबी हमले की क्षमता सीमित हो सकती है।
- **अंतरराष्ट्रीय दबाव**: अमेरिका ने इन हमलों में अपनी भागीदारी से इनकार किया है, और भारत जैसे देशों ने दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की है। इससे ईरान पर जवाबी कार्रवाई में सावधानी बरतने का दबाव बढ़ सकता है
- **आर्थिक और सामरिक नुकसान**: नतांज जैसे प्रमुख परमाणु ठिकाने और बैलिस्टिक मिसाइल साइट्स के नष्ट होने से ईरान की रणनीतिक शक्ति को बड़ा झटका लगा है, जिससे उसकी जवाबी कार्रवाई की रणनीति प्रभावित हो सकती है।
# # # निष्कर्ष:
ईरान संभवतः सीमित जवाबी हमले, प्रॉक्सी समूहों के जरिए कार्रवाई, और कूटनीतिक दबाव बनाने की रणनीति अपनाएगा। हालांकि, इजरायल के हमलों से उसकी सैन्य और परमाणु क्षमता को गंभीर नुकसान पहुंचा है, जिससे उसकी प्रतिक्रिया की तीव्रता और प्रभाव सीमित हो सकता है। क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है, और स्थिति विश्व युद्ध जैसे हालात की ओर बढ़ सकती है, जैसा कि कुछ स्रोतों ने चेतावनी दी है।
*नोट*: यह जानकारी 13 जून 2025 तक की खबरों पर आधारित है। स्थिति तेजी से बदल रही है, और नवीनतम अपडेट के लिए विश्वसनीय समाचार स्रोतों की जांच करें।