26/06/2025
The Great Banyan Tree 🌳
कोलकाता का बॉटनिकल गार्डन, जिसे आधिकारिक तौर पर आचार्य जगदीश चंद्र बोस इंडियन बॉटनिक गार्डन के नाम से जाना जाता है, शिवपुर, हावड़ा में स्थित एक विशाल और ऐतिहासिक उद्यान है। यह हुगली नदी के पश्चिमी तट पर स्थित है, जो कोलकाता शहर के सामने है।
मुख्य जानकारी और विशेषताएं:
* स्थापना और इतिहास: इस उद्यान की स्थापना 1787 में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के कर्नल रॉबर्ट किड ने की थी। इसका प्रारंभिक उद्देश्य व्यापारिक और वैज्ञानिक उद्देश्यों के लिए पौधों की खेती करना था, जिसमें चाय, मसाले और औषधीय प्रजातियां शामिल थीं। समय के साथ, यह वानस्पतिक अनुसंधान और संरक्षण का एक महत्वपूर्ण केंद्र बन गया। 2009 में, इसे प्रसिद्ध भारतीय प्लांट फिजियोलॉजिस्ट और भौतिक विज्ञानी सर जगदीश चंद्र बोस के सम्मान में "आचार्य जगदीश चंद्र बोस इंडियन बॉटनिक गार्डन" नाम दिया गया।
* विशाल क्षेत्र और पादप विविधता: यह उद्यान लगभग 273 एकड़ (109 हेक्टेयर) के विशाल क्षेत्र में फैला हुआ है। यहाँ 12,000 से अधिक पौधों की प्रजातियों का अद्भुत संग्रह है, जिनमें दुर्लभ और लुप्तप्राय प्रजातियाँ भी शामिल हैं।
* मुख्य आकर्षण - द ग्रेट बरगद का पेड़ (The Great Banyan Tree): यह उद्यान का सबसे प्रसिद्ध और प्रतिष्ठित आकर्षण है। यह दुनिया के सबसे चौड़े पेड़ों में से एक है और गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज है। यह एक ही पेड़ है जिसके हजारों वायवीय जड़ें (aerial roots) हैं जो जमीन में उतर गई हैं, जिससे यह एक छोटे जंगल जैसा दिखता है। यह पेड़ लगभग 250 साल से अधिक पुराना है।
* अन्य आकर्षण और संग्रह:
* कैक्टी हाउस (Cactus House): विभिन्न प्रकार के कैक्टस का प्रभावशाली संग्रह।
* पामेटम (Palmetum): ताड़ के पेड़ों की एक विस्तृत श्रृंखला।
* बैंबूसेटम (Bambusetum): बांस की विभिन्न प्रजातियाँ।
* ऑर्चिडारियम (Orchidarium): ऑर्किड का एक सुंदर संग्रह।
* जलीय उद्यान: इसमें किंग लेक जैसी कृत्रिम झीलें हैं जो प्रवासी पक्षियों और जलीय पौधों की प्रजातियों का घर हैं। कुछ झीलों में नौका विहार भी संभव है।
* औषधीय पौधों का खंड: यहाँ स्वदेशी और विदेशी पौधे हैं जिनका उपयोग आयुर्वेद और आधुनिक चिकित्सा में किया जाता है।
* पुस्तकालय: इसमें पुस्तकों का एक मूल्यवान संग्रह है।
* किड स्मारक: उद्यान के संस्थापक कर्नल रॉबर्ट किड का स्मारक।
* प्राकृतिक सौंदर्य: उद्यान की हरी-भरी हरियाली और शांत वातावरण कोलकाता की हलचल भरी शहर से एक सुकून भरी छुट्टी प्रदान करता है। यहाँ अनेक आकर्षक रास्ते और पेड़ों की कतारें हैं जो एक सुंदर परिदृश्य बनाते हैं।
आगंतुक जानकारी:
* समय:
* मार्च से सितंबर: सुबह 8:00 बजे से शाम 5:30 बजे तक। टिकट काउंटर शाम 4:30 बजे बंद हो जाता है।
* अक्टूबर से फरवरी: सुबह 8:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक। टिकट काउंटर शाम 4:00 बजे बंद हो जाता है।
* बंद दिन: सोमवार को आगंतुकों के लिए बंद रहता है।
* प्रवेश शुल्क:
* भारतीय नागरिक: ₹10 प्रति व्यक्ति।
* विदेशी नागरिक: ₹100 प्रति व्यक्ति।
* कैमरा शुल्क: ₹20।
* सुझाव:
* यह उद्यान बहुत बड़ा है, इसलिए इसे पैदल घूमना मुश्किल हो सकता है। प्रवेश द्वार पर छह सीटों वाली कारें किराए पर उपलब्ध हैं जो आपको पूरे क्षेत्र में घुमा सकती हैं।
* यह "नो प्लास्टिक" और "नो स्मोकिंग" ज़ोन है।
* आगंतुकों को उद्यान के अंदर भोजन और पेय पदार्थ ले जाने की अनुमति नहीं है। परिसर के भीतर भोजन खरीदने के विकल्प उपलब्ध हैं।
* आरामदायक जूते पहनें।
* घूमने का सबसे अच्छा समय सर्दियों के महीने (नवंबर से फरवरी) होते हैं जब मौसम सुहावना होता है।
कैसे पहुँचे:
* टैक्सी/निजी वाहन: कोलकाता शहर से टैक्सी या निजी कार द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है। यह हुगली नदी के हावड़ा तरफ स्थित है।
* बस: कई शहर बसें हैं जिन पर "बी गार्डन" लिखा होता है, जो सीधे उद्यान के प्रवेश द्वार पर छोड़ देती हैं।
* रेल: शालीमार रेलवे स्टेशन उद्यान के सबसे करीब है, हालांकि यह कोलकाता के उपनगरीय ट्रेन स्टेशनों से सीधे जुड़ा नहीं है।
बॉटनिकल गार्डन कोलकाता में प्रकृति प्रेमियों, वनस्पति विज्ञान के छात्रों और शांतिपूर्ण वातावरण की तलाश करने वालों के लिए एक ज़रूरी जगह है।