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भारत में सबसे लंबे बालों का रिकॉर्ड स्मिता श्रीवास्तव के नाम है, जिनके बाल 236.22 सेंटीमीटर (7 फीट 9 इंच) लंबे हैं और यह...
02/07/2025

भारत में सबसे लंबे बालों का रिकॉर्ड स्मिता श्रीवास्तव के नाम है, जिनके बाल 236.22 सेंटीमीटर (7 फीट 9 इंच) लंबे हैं और यह गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज है।
इसके अलावा, हाल ही में एलिस उर्फ आशा देवी ने भी 8 फुट 7 इंच लंबे बालों के साथ इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स 2025 और एलीट बुक ऑफ रिकॉर्ड्स 2025 में अपना नाम दर्ज कराया है।
पुरुषों में, सिदक दीप सिंह चहल का नाम "Longest hair on a living male teenager" के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है।

02/07/2025

Good morning everybody 🌞

वी.एन. पार्थिबन कौन हैं?प्रोफेसर वी.एन. पार्थिबन चेन्नई, भारत के एक प्रोफेसर हैं, जिन्हें अपनी अद्भुत शैक्षणिक डिग्रियों...
30/06/2025

वी.एन. पार्थिबन कौन हैं?
प्रोफेसर वी.एन. पार्थिबन चेन्नई, भारत के एक प्रोफेसर हैं, जिन्हें अपनी अद्भुत शैक्षणिक डिग्रियों की संख्या के लिए विश्व स्तर पर पहचाना जाता है। उन्हें अक्सर दुनिया के सबसे ज़्यादा शिक्षित व्यक्तियों में से एक माना जाता है।
उनकी प्रमुख उपलब्धियाँ और पहचान
* सैकड़ों डिग्रियाँ: वी.एन. पार्थिबन के पास 145 से अधिक शैक्षणिक डिग्रियाँ हैं। इनमें कई एम.ए. (कला स्नातकोत्तर), एम.कॉम. (वाणिज्य स्नातकोत्तर), एम.एससी. (विज्ञान स्नातकोत्तर), एम.एल. (कानून स्नातकोत्तर), एम.बी.ए. (बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन स्नातकोत्तर), और विभिन्न शोध डिग्रियाँ (एम.फिल) शामिल हैं। उन्होंने दशकों तक लगातार अध्ययन करके ये डिग्रियाँ हासिल की हैं।
* सीखने का जुनून: उन्हें शिक्षा के प्रति गहरा जुनून और परीक्षाएँ देने का बहुत शौक है। कहा जाता है कि वह अपनी छुट्टियाँ विभिन्न परीक्षाओं में शामिल होकर बिताते हैं।
* शिक्षण: अपनी पढ़ाई के अलावा, वह चेन्नई के विभिन्न कॉलेजों में सौ से अधिक विषयों को पढ़ाते भी हैं।
* मान्यता: उनकी इस अनूठी उपलब्धि ने काफी मीडिया का ध्यान आकर्षित किया है और उन्हें इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स द्वारा "अधिकतम शैक्षणिक डिग्रियाँ" (पुरुष) रखने के लिए मान्यता मिली है।
वी.एन. पार्थिबन का सीखने के प्रति समर्पण वास्तव में असाधारण है और कई लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

"चार दांत वाले हाथी" (Char dant wale Hathi) का अर्थ है चार दांतों वाले हाथी।आधुनिक हाथी आमतौर पर दो बड़े दाँत (टस्क) वाल...
29/06/2025

"चार दांत वाले हाथी" (Char dant wale Hathi) का अर्थ है चार दांतों वाले हाथी।
आधुनिक हाथी आमतौर पर दो बड़े दाँत (टस्क) वाले होते हैं। हालांकि, इतिहास में और पौराणिक कथाओं में चार दांतों वाले हाथियों का उल्लेख मिलता है:
* गोम्फोथेरे (Gomphotheres): ये हाथियों के एक विलुप्त समूह थे जो लाखों साल पहले पृथ्वी पर मौजूद थे। इनमें से कई प्रजातियों के चार दांत होते थे - दो ऊपरी जबड़े में और दो निचले जबड़े में।
* पौराणिक और धार्मिक संदर्भ: भारतीय पौराणिक कथाओं में, विशेष रूप से हिंदू धर्म में, चार दांतों वाले हाथियों का उल्लेख मिलता है।
* ऐरावत (Airavata): इंद्र देव का वाहन, ऐरावत, अक्सर चार दांतों वाले सफेद हाथी के रूप में वर्णित किया जाता है।
* रामायण में उल्लेख: रामायण में भी ऐसे हाथियों का वर्णन है जो चार दांतों वाले थे और लंका की रक्षा करते थे।
इसलिए, जब "चार दांत वाले हाथी" की बात आती है, तो यह या तो गोम्फोथेरे जैसे विलुप्त प्रजातियों का जिक्र हो सकता है, या फिर पौराणिक हाथियों का, खासकर ऐरावत का।

Mother's Love....❤️
28/06/2025

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Have a Fresh Morning For Your.....❤️
27/06/2025

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The Great Banyan Tree 🌳कोलकाता का बॉटनिकल गार्डन, जिसे आधिकारिक तौर पर आचार्य जगदीश चंद्र बोस इंडियन बॉटनिक गार्डन के ना...
26/06/2025

The Great Banyan Tree 🌳

कोलकाता का बॉटनिकल गार्डन, जिसे आधिकारिक तौर पर आचार्य जगदीश चंद्र बोस इंडियन बॉटनिक गार्डन के नाम से जाना जाता है, शिवपुर, हावड़ा में स्थित एक विशाल और ऐतिहासिक उद्यान है। यह हुगली नदी के पश्चिमी तट पर स्थित है, जो कोलकाता शहर के सामने है।
मुख्य जानकारी और विशेषताएं:
* स्थापना और इतिहास: इस उद्यान की स्थापना 1787 में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के कर्नल रॉबर्ट किड ने की थी। इसका प्रारंभिक उद्देश्य व्यापारिक और वैज्ञानिक उद्देश्यों के लिए पौधों की खेती करना था, जिसमें चाय, मसाले और औषधीय प्रजातियां शामिल थीं। समय के साथ, यह वानस्पतिक अनुसंधान और संरक्षण का एक महत्वपूर्ण केंद्र बन गया। 2009 में, इसे प्रसिद्ध भारतीय प्लांट फिजियोलॉजिस्ट और भौतिक विज्ञानी सर जगदीश चंद्र बोस के सम्मान में "आचार्य जगदीश चंद्र बोस इंडियन बॉटनिक गार्डन" नाम दिया गया।
* विशाल क्षेत्र और पादप विविधता: यह उद्यान लगभग 273 एकड़ (109 हेक्टेयर) के विशाल क्षेत्र में फैला हुआ है। यहाँ 12,000 से अधिक पौधों की प्रजातियों का अद्भुत संग्रह है, जिनमें दुर्लभ और लुप्तप्राय प्रजातियाँ भी शामिल हैं।
* मुख्य आकर्षण - द ग्रेट बरगद का पेड़ (The Great Banyan Tree): यह उद्यान का सबसे प्रसिद्ध और प्रतिष्ठित आकर्षण है। यह दुनिया के सबसे चौड़े पेड़ों में से एक है और गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज है। यह एक ही पेड़ है जिसके हजारों वायवीय जड़ें (aerial roots) हैं जो जमीन में उतर गई हैं, जिससे यह एक छोटे जंगल जैसा दिखता है। यह पेड़ लगभग 250 साल से अधिक पुराना है।
* अन्य आकर्षण और संग्रह:
* कैक्टी हाउस (Cactus House): विभिन्न प्रकार के कैक्टस का प्रभावशाली संग्रह।
* पामेटम (Palmetum): ताड़ के पेड़ों की एक विस्तृत श्रृंखला।
* बैंबूसेटम (Bambusetum): बांस की विभिन्न प्रजातियाँ।
* ऑर्चिडारियम (Orchidarium): ऑर्किड का एक सुंदर संग्रह।
* जलीय उद्यान: इसमें किंग लेक जैसी कृत्रिम झीलें हैं जो प्रवासी पक्षियों और जलीय पौधों की प्रजातियों का घर हैं। कुछ झीलों में नौका विहार भी संभव है।
* औषधीय पौधों का खंड: यहाँ स्वदेशी और विदेशी पौधे हैं जिनका उपयोग आयुर्वेद और आधुनिक चिकित्सा में किया जाता है।
* पुस्तकालय: इसमें पुस्तकों का एक मूल्यवान संग्रह है।
* किड स्मारक: उद्यान के संस्थापक कर्नल रॉबर्ट किड का स्मारक।
* प्राकृतिक सौंदर्य: उद्यान की हरी-भरी हरियाली और शांत वातावरण कोलकाता की हलचल भरी शहर से एक सुकून भरी छुट्टी प्रदान करता है। यहाँ अनेक आकर्षक रास्ते और पेड़ों की कतारें हैं जो एक सुंदर परिदृश्य बनाते हैं।
आगंतुक जानकारी:
* समय:
* मार्च से सितंबर: सुबह 8:00 बजे से शाम 5:30 बजे तक। टिकट काउंटर शाम 4:30 बजे बंद हो जाता है।
* अक्टूबर से फरवरी: सुबह 8:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक। टिकट काउंटर शाम 4:00 बजे बंद हो जाता है।
* बंद दिन: सोमवार को आगंतुकों के लिए बंद रहता है।
* प्रवेश शुल्क:
* भारतीय नागरिक: ₹10 प्रति व्यक्ति।
* विदेशी नागरिक: ₹100 प्रति व्यक्ति।
* कैमरा शुल्क: ₹20।
* सुझाव:
* यह उद्यान बहुत बड़ा है, इसलिए इसे पैदल घूमना मुश्किल हो सकता है। प्रवेश द्वार पर छह सीटों वाली कारें किराए पर उपलब्ध हैं जो आपको पूरे क्षेत्र में घुमा सकती हैं।
* यह "नो प्लास्टिक" और "नो स्मोकिंग" ज़ोन है।
* आगंतुकों को उद्यान के अंदर भोजन और पेय पदार्थ ले जाने की अनुमति नहीं है। परिसर के भीतर भोजन खरीदने के विकल्प उपलब्ध हैं।
* आरामदायक जूते पहनें।
* घूमने का सबसे अच्छा समय सर्दियों के महीने (नवंबर से फरवरी) होते हैं जब मौसम सुहावना होता है।
कैसे पहुँचे:
* टैक्सी/निजी वाहन: कोलकाता शहर से टैक्सी या निजी कार द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है। यह हुगली नदी के हावड़ा तरफ स्थित है।
* बस: कई शहर बसें हैं जिन पर "बी गार्डन" लिखा होता है, जो सीधे उद्यान के प्रवेश द्वार पर छोड़ देती हैं।
* रेल: शालीमार रेलवे स्टेशन उद्यान के सबसे करीब है, हालांकि यह कोलकाता के उपनगरीय ट्रेन स्टेशनों से सीधे जुड़ा नहीं है।
बॉटनिकल गार्डन कोलकाता में प्रकृति प्रेमियों, वनस्पति विज्ञान के छात्रों और शांतिपूर्ण वातावरण की तलाश करने वालों के लिए एक ज़रूरी जगह है।

स्नेक आइलैंड, ब्राज़ीलब्राज़ील का स्नेक आइलैंड, जिसे आधिकारिक तौर पर इल्हा दा क्वेइमाडा ग्रांडे के नाम से जाना जाता है, ...
24/06/2025

स्नेक आइलैंड, ब्राज़ील
ब्राज़ील का स्नेक आइलैंड, जिसे आधिकारिक तौर पर इल्हा दा क्वेइमाडा ग्रांडे के नाम से जाना जाता है, एक ऐसी जगह है जहाँ साँपों की इतनी बड़ी संख्या पाई जाती है कि यह इंसानों के लिए बेहद खतरनाक मानी जाती है। यह अटलांटिक महासागर में, ब्राज़ील के साओ पाउलो तट से लगभग 33 किलोमीटर दूर स्थित है।

Natural beauty...😱❤️
23/06/2025

Natural beauty...😱❤️

दुनिया का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन ग्रैंड सेंट्रल टर्मिनल (Grand Central Terminal) है, जो न्यूयॉर्क सिटी, अमेरिका में स्थि...
23/06/2025

दुनिया का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन ग्रैंड सेंट्रल टर्मिनल (Grand Central Terminal) है, जो न्यूयॉर्क सिटी, अमेरिका में स्थित है।
यह कई मायनों में सबसे बड़ा है:
* प्लेटफ़ॉर्म की संख्या के हिसाब से: इसमें 44 प्लेटफ़ॉर्म हैं, जो दो अंडरग्राउंड स्तरों पर फैले हुए हैं।
* क्षेत्रफल के हिसाब से: यह लगभग 48 एकड़ (19 हेक्टेयर) में फैला हुआ है।
ग्रैंड सेंट्रल टर्मिनल एक वास्तुशिल्प चमत्कार है और हर दिन लाखों लोग इसका उपयोग करते हैं। यह अपनी सुंदरता और ऐतिहासिक महत्व के लिए भी जाना जाता है।

पेड़ पर बिजली क्यों गिरती है?पेड़ पर बिजली गिरने की मुख्य वजह यह है कि पेड़ ऊँचे होते हैं और इनमें पानी की अच्छी मात्रा होत...
22/06/2025

पेड़ पर बिजली क्यों गिरती है?
पेड़ पर बिजली गिरने की मुख्य वजह यह है कि पेड़ ऊँचे होते हैं और इनमें पानी की अच्छी मात्रा होती है।
बिजली हमेशा सबसे छोटे और आसान रास्ते से जमीन तक पहुँचने की कोशिश करती है। जब आंधी आती है और गरज के साथ बारिश होती है, तो हवा में मौजूद बादलों में बहुत ज़्यादा स्थैतिक बिजली (static electricity) जमा हो जाती है। जब यह बिजली इतनी बढ़ जाती है कि हवा इसे रोक नहीं पाती, तो यह बादलों से ज़मीन की ओर डिस्चार्ज होती है।
अब समझते हैं कि पेड़ क्यों आसान रास्ता बनते हैं:
* ऊँचाई (Height): पेड़ आसपास की ज़मीन से ज़्यादा ऊँचे होते हैं। इससे वे बादलों में मौजूद बिजली के लिए एक सीधा मार्ग प्रदान करते हैं, जिससे बिजली के लिए उन पर गिरना आसान हो जाता है।
* पानी और नमी (Water and Moisture): पेड़ों में, खासकर उनकी पत्तियों और तनों में, बड़ी मात्रा में पानी होता है। पानी बिजली का एक अच्छा चालक (good conductor) होता है। जब बिजली पेड़ से टकराती है, तो पानी उसमें से गुज़रने का एक रास्ता बन जाता है, जिससे बिजली ज़मीन में आसानी से प्रवेश कर पाती है।
संक्षेप में, पेड़ की ऊँचाई और उसमें मौजूद पानी की वजह से वे बिजली के लिए एक आकर्षक और आसान "शॉर्टकट" बन जाते हैं, जिससे उन पर बिजली गिरने की संभावना बढ़ जाती है।

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