
04/05/2025
देखिए दुनिया को ग़ौर से, हर नक़्श में फ़साना है,
कहीं ख़ामोशी में शोर है, कहीं अश्कों में तराना है।
जो ज़ाहिर है, वो हकीकत नहीं, जो छुपा है, वो अफ़साना है,
हर इक चेहरा दिल का आईना नहीं, हर मुस्कान पर यक़ीनाना है।