07/08/2025
आज संसद भवन परिसर में उन कर्मचारियों की आवाज़ बुलंद की, जो वर्षों से देश की सेवा कर रहे हैं और अब अपने बुढ़ापे के सहारे पुरानी पेंशन से वंचित किए जा रहे हैं।
ये वही कर्मचारी हैं जिन्होंने जीवन का सबसे सुनहरा समय देश और समाज की सेवा में समर्पित कर दिया। उन्होंने अपने खून-पसीने से सरकारी तंत्र को चलाया, न्याय दिलाया, योजनाओं को गांव-गांव तक पहुँचाया और देश की प्रगति का रास्ता बनाया। आज रिटायरमेंट के बाद जीवन का सबसे बड़ा सहारा पुरानी पेंशन उनसे छीनकर बाजार आधारित NPS का झुनझुना उन्हें पकड़ा दिया गया है।
NPS शेयर बाजार का खेल है, जबकि OPS में राज्य की गारंटी होती है। क्या एक कर्मचारी को अपने भविष्य की सुरक्षा शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव पर छोड़ देना न्याय है?
👉 आज राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, और हिमाचल जैसे कई राज्य पुरानी पेंशन योजना की वापसी कर चुके हैं। तो केंद्र सरकार चुप क्यों है?
2004 में तत्कालीन भाजपा सरकार ने जो ऐतिहासिक गलती की थी, मौजूदा प्रधानमंत्री Narendra Modi जी के पास उसे सुधारकर लाखों-करोड़ों कर्मचारियों के भविष्य से जुड़े इस मुद्दे को हल करने का मौका है।
OPS को समाप्त करना इन संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ है।
अनुच्छेद 21 – जीवन और गरिमा का अधिकार।
अनुच्छेद 41 – राज्य वृद्धावस्था में सुरक्षा देगा।
Aazad Samaj Party - Kanshi Ram कर्मचारियों के हित से जुड़े इस मुद्दे में पूरी तरीके से उनके साथ खड़ी है। साथ ही MyGovIndia, Department of Pension & Pensioners' Welfare, Press Information Bureau - PIB, Government of India से मांग करती है कि–
1–नई पेंशन स्कीम (NPS) को समाप्त कर सभी केंद्र व राज्य कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) बहाल की जाए।
2. जो राज्य OPS लागू करना चाहते हैं, उन्हें केंद्र सरकार का पूर्ण सहयोग दिया जाए।
3. कर्मचारियों के वृद्धावस्था के सम्मानजनक जीवन के लिए एक राष्ट्रीय नीति बनाई जाए।
यह सिर्फ एक आर्थिक मुद्दा नहीं है — यह सामाजिक सुरक्षा और सम्मान का मुद्दा है।
बूढ़े मां-बाप की तरह, एक सेवानिवृत्त कर्मचारी को भी सुरक्षा चाहिए-न कि शेयर बाजार की सट्टेबाजी।
जय भीम, जय भारत, जय संविधान।