17/09/2024
कड़वी यादों को छोड़ो, मीठी यादों का दामन पकड़ो,
इन यादों से ही है सम्बंध हमारे, या होंगे बुरे या प्यारे प्यारे।
जीवन की राह में, कई मोड़ आते हैं,
कुछ यादें हंसाती हैं, कुछ रुलाती हैं।
परंतु, हर याद का अपना एक रंग होता है,
कभी धूप की तरह चमकता, कभी छांव की तरह ठंडा।
कड़वी यादें भी सिखाती हैं हमें,
जीवन के कठिन पाठ, जो हमें मजबूत बनाते हैं।
परंतु, मीठी यादें हमें सुकून देती हैं,
उन लम्हों की मिठास, जो दिल को छू जाती है।
जब भी मन उदास हो, और दिल भारी हो,
कड़वी यादों को छोड़, मीठी यादों का दामन पकड़ो।
उन लम्हों को याद करो, जब हंसी बिखरी थी,
जब अपनों का साथ था, और खुशियों की बारिश थी।
यादें ही तो हैं, जो हमें जोड़ती हैं,
भूतकाल से वर्तमान तक, एक पुल बनाती हैं।
कभी बचपन की शरारतें, कभी जवानी के सपने,
हर याद में छुपा है, एक अनमोल खजाना।
कड़वी यादों को छोड़ो, मीठी यादों का दामन पकड़ो,
इन यादों से ही है सम्बंध हमारे, या होंगे बुरे या प्यारे प्यारे।
जीवन की इस यात्रा में, कई साथी मिलते हैं,
कुछ साथ चलते हैं, कुछ बिछड़ जाते हैं।
परंतु, हर साथी की यादें, दिल में बस जाती हैं,
कभी हंसी के रूप में, कभी आंसू के रूप में।
मीठी यादें हमें प्रेरित करती हैं,
आगे बढ़ने की, और नए सपने देखने की।
कड़वी यादें हमें सिखाती हैं,
गलतियों से सीखने की, और सुधारने की।
जब भी जीवन में कठिनाई आए,
और राहें मुश्किल लगें,
कड़वी यादों को छोड़, मीठी यादों का दामन पकड़ो।
उन लम्हों को याद करो, जब सब कुछ सही था,
जब दिल में उमंग थी, और जीवन में रंग था।
यादें ही तो हैं, जो हमें संबल देती हैं,
भविष्य की ओर बढ़ने की, और नए रास्ते खोजने की।
कभी पुरानी तस्वीरें, कभी पुराने खत,
हर याद में छुपा है, एक अनमोल संदेश।
कड़वी यादों को छोड़ो, मीठी यादों का दामन पकड़ो,
इन यादों से ही है सम्बंध हमारे, या होंगे बुरे या प्यारे प्यारे।
जीवन की इस किताब में, हर पन्ना खास है,
कुछ पन्ने हंसी के, कुछ आंसुओं के।
परंतु, हर पन्ने में छुपा है, एक अनमोल सबक,
जो हमें सिखाता है, जीवन जीने का सही तरीका।
कड़वी यादों को छोड़ो, मीठी यादों का दामन पकड़ो,
इन यादों से ही है सम्बंध हमारे, या होंगे बुरे या प्यारे प्यारे।
इस कविता में, जीवन की सच्चाई छुपी है,
यादों का महत्व, और उनका असर।
कड़वी यादें भी जरूरी हैं, परंतु,
मीठी यादें ही हैं, जो हमें सुकून देती हैं।
कड़वी यादों को छोड़ो, मीठी यादों का दामन पकड़ो,
इन यादों से ही है सम्बंध हमारे, या होंगे बुरे या प्यारे प्यारे।
विनय कुमार गुप्ता