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16/12/2024

पुलिस का यह व्यवहार बिल्कुल भी उचित नहीं कहा जा सकता।
ये कैसे भूल जाते हैं कि एक दिन ये भी इसी तरीके से धक्के खाते हुए इस वर्दी के हकदार बने हैं।
या इनके लिए SI भर्ती जैसा शॉर्टकट था!

कोचिंग माफिया किसी के सगे नहीं...
इन्होंने स्टूडेंट के जरिए मोटी कमाई का साधन बना लिया है।

Section 498A of the Indian Penal Code was introduced to protect women from cruelty and harassment by their husbands or r...
12/12/2024

Section 498A of the Indian Penal Code was introduced to protect women from cruelty and harassment by their husbands or relatives. However, concerns have been raised about its misuse in some cases, leading to false accusations and prolonged legal battles.

Key Points About Misuse:

1. False Allegations: Critics argue that some individuals file false cases under Section 498A to settle personal disputes or as a tool for harassment.

2. Legal Burden on Families: The law's provision for immediate arrests has sometimes led to the harassment of accused families, including elderly parents and young children.

3. Supreme Court Observations: The Supreme Court of India has acknowledged instances of misuse, stating that the law should not become a weapon for vengeance or personal vendetta.

4. Amendments and Guidelines:

Courts have issued directives to prevent arbitrary arrests.

Police are advised to conduct preliminary investigations before making arrests.

Mediation and counseling are encouraged to resolve disputes amicably.

While Section 498A serves as a critical tool to protect women, balancing its application is crucial to ensure justice for both parties involved.

*'अधिकारी पत्नी रखती है महंगे शौक, पूछने पर कराया केस':* लखनऊ में स्क्वाड्रन लीडर ने अधिकारियों से की शिकायत, बोले-पत्नी के हैं गलत संबंध

https://dainik.bhaskar.com/S7omkYYNfPb

11/12/2024

शर्म आती है ऐसे सिस्टम से
जहां एक व्यक्ति न्याय की गुहार लगता हुआ, सुसाइड कर लेता है।
अंतिम इच्छा क्या?
अस्थियों का विसर्जन कोर्ट के गटर में कर दिया जाए। जिससे समाज को यह पता चल सके कि हमारे देश की कानून और न्यायिक व्यवस्था किस तरीके की है।

समाज में समानता और न्याय की बात अक्सर महिलाओं के अधिकारों और उनके सशक्तिकरण तक ही सीमित रह जाती है। हालांकि, पुरुषों के अधिकारों और उनकी समस्याओं को लेकर अभी भी जागरूकता की कमी है। झूठे दहेज उत्पीड़न के मामलों ने न केवल न्याय व्यवस्था को सवालों के घेरे में खड़ा किया है, बल्कि समाज में पुरुषों के लिए न्याय की उम्मीद को भी कमजोर किया है।

रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में हर नौवें मिनट पर एक शादीशुदा पुरुष महिला से प्रताड़ित होकर आत्महत्या कर रहा है। इन घटनाओं का मुख्य कारण झूठे दहेज उत्पीड़न और घरेलू हिंसा के मुकदमे हैं, जिनमें अधिकांश पुरुष खुद को निर्दोष साबित करने में नाकाम रहते हैं। यह आंकड़ा हमारे समाज की उस कठोर वास्तविकता को उजागर करता है, जहां पुरुषों को दोषी मानकर उनके अधिकारों की अनदेखी की जाती है।

न्याय प्रक्रिया या मानसिक उत्पीड़न?

झूठे मामलों में फंसे पुरुषों को बार-बार कोर्ट में अपराधियों की तरह खड़ा होना पड़ता है। उनके परिवार, माता-पिता और बच्चों को भी सामाजिक तिरस्कार का सामना करना पड़ता है। ऐसी स्थिति में मानसिक तनाव और अपमान पुरुषों को इस कदर तोड़ देता है कि उनके पास आत्महत्या जैसा कठोर कदम उठाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता।

कानून के दुरुपयोग की बढ़ती घटनाएं

थानों में दर्ज मामलों का विश्लेषण करने पर यह स्पष्ट होता है कि 90% से ज्यादा केस झूठे होते हैं। महिलाएं इन कानूनों का दुरुपयोग करते हुए पुरुषों से भारी रकम वसूलने का जरिया बना रही हैं। झूठे केस में फंसाने की धमकी देकर लाखों-करोड़ों रुपए ऐंठने की घटनाएं अब आम हो चुकी हैं।

महिला अधिकारों की रक्षा करना आवश्यक है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि पुरुषों के अधिकारों को छीना जाए। महिलाओं को अधिकार देकर पुरुषों को उत्पीड़ित करना समानता नहीं, बल्कि असमानता है। नारीत्व का सम्मान पुरुषों के अपमान से जुड़ा नहीं होना चाहिए।

आधुनिक नारीवाद को एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है। ऐसे कानून और नीतियां बननी चाहिए, जो महिलाओं और पुरुषों दोनों के अधिकारों की रक्षा करें। झूठे मामलों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि निर्दोष पुरुषों का उत्पीड़न रोका जा सके।


09/12/2024

प्रधानमंत्री का काफिला जयपुर एयरपोर्ट से रवाना होता हुआ..

महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजीत पवार हो सकते हैंमहाराष्ट्र विधानसभा चु...
04/12/2024

महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजीत पवार हो सकते हैं

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के 11 दिन बाद, भाजपा विधायक दल ने देवेंद्र फडणवीस को अपना नेता चुन लिया है। चंद्रकांत पाटिल, सुधीर मुनगंटीवार और पंकजा मुंडे ने फडणवीस के नाम का प्रस्ताव रखा और उनका समर्थन किया।

अब भाजपा के ऑब्जर्वर्स, विजय रूपाणी और निर्मला सीतारमण, कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात करेंगे। इसके बाद महायुति के विधायकों की बैठक में सभी की सहमति के बाद, मुख्यमंत्री और दो उपमुख्यमंत्रियों का नाम तय होगा। इस दौरान यह भी संभावना जताई जा रही है कि एकनाथ शिंदे और अजीत पवार उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं।

मुख्यमंत्री और दोनों उपमुख्यमंत्रियों का शपथ ग्रहण 5 दिसंबर को आजाद मैदान में होगा। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि इस अवसर पर कितने मंत्री शपथ लेंगे।

यह शपथ ग्रहण महाराष्ट्र की राजनीति के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है, जहां भाजपा और शिवसेना के गठबंधन के बाद अब नए नेतृत्व के साथ सरकार बनाने की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है।

Bollywood actor Rajkumar Rao in Jaipur for promotion of movie 'Vicky Vidya ki Wo wali video'
02/10/2024

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*फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने जयपुर में शॉपिंग की:* PM मोदी ने राम मंदिर का मॉडल खरीदकर गिफ्ट किया, दोनों ने रोड शो क...
26/01/2024

*फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने जयपुर में शॉपिंग की:* PM मोदी ने राम मंदिर का मॉडल खरीदकर गिफ्ट किया, दोनों ने रोड शो किया- मोदी दिल्ली रवाना
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