31/10/2025
टीटू रायजादा हिमाचल प्रदेश के उन उभरते हुए कलाकारों में से एक हैं जिन्होंने अपनी मधुर आवाज़ और सच्ची भावनाओं से पहाड़ी संगीत को नई पहचान दी है। उनके गीत केवल संगीत नहीं, बल्कि भावनाओं का सागर हैं — ऐसे गीत जो सुनने वालों के दिलों को गहराई तक छू जाते हैं। टीटू रायजादा के हर गीत में हिमाचल की मिट्टी की खुशबू, पहाड़ों की ठंडी हवाओं का एहसास, लोक संस्कृति की मधुरता और अपनेपन की गर्माहट महसूस की जा सकती है।
उन्होंने अपने हर पहाड़ी गीत के ज़रिए न सिर्फ़ मनोरंजन किया है, बल्कि अपने प्रदेश की समृद्ध परंपरा और लोक संस्कृति को भी संजोने का कार्य किया है। उनके गीतों में माँ-बहनों के स्नेह, युवाओं की उमंग, बुज़ुर्गों की सीख और पहाड़ की सादगी की झलक साफ़ दिखाई देती है। आजकल उनकी “निर्मल की नाटी” पूरे हिमाचल में चर्चा का विषय बनी हुई है — जो भी इस नाटी को सुनता है, उसके दिल में एक अलग ही भाव उमड़ पड़ता है। इस गीत में इतनी गहराई और सच्चाई है कि कई लोग इसे सुनकर भावुक हो उठते हैं, आँखें भर आती हैं, और दिल से कहते हैं — “ये तो हमारी मिट्टी की आवाज़ है।”
टीटू रायजादा ने अपने गीतों के माध्यम से यह साबित कर दिया है कि पहाड़ी संगीत में आज भी वो ताकत है जो किसी भी दिल को छू सके। उनकी कला ने न केवल हिमाचल के लोकसंगीत को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया है, बल्कि युवा पीढ़ी को अपनी जड़ों और परंपराओं से जोड़ने का कार्य भी किया है।
हम सभी को टीटू रायजादा जैसे कलाकार पर गर्व है — जिन्होंने अपने सुरों से हिमाचल की आत्मा को जीवंत कर दिया है। उनका हर गीत हमें याद दिलाता है कि हमारी संस्कृति, हमारी बोली और हमारा संगीत ही हमारी पहचान है, और जब तक ऐसे कलाकार हिमाचल की धरती पर जन्म लेते रहेंगे, तब तक हमारी लोकधुनें हमेशा जीवित रहेंगी।