07/09/2025
अगर आज प्रोफेट मोहम्मद जिंदा होते… तो क्या वो भी देश के साथ गद्दारी करने के लिए कहते?
क्योंकि कश्मीर के हज़रतबल दरगाह में ऐसा ही हुआ है… कुछ लोगों ने दरगाह में शुक्रवार को ईद-ए-मिलाद के मौके पर अशोक स्तंभ वाली शिलापट्ट को तोड़ दिया।
जुमे की नमाज़ के बाद लोग वहां पर जमा हो गए… वक़्फ़ बोर्ड के खिलाफ नारे लगाने लगे… और पत्थरबाज़ी करने लगे… सबसे बड़ी बात… अशोक स्तंभ को पत्थरों से कुचलकर मिटा दिया गया।
अशोक स्तंभ से इतनी नफ़रत… इतनी ज़्यादा नफ़रत क्यों? देश की मर्यादा को ठेस पहुँचाई गई है… देश के साथ गद्दारी की गई है… और ये पत्थर सिर्फ़ अशोक स्तंभ को ही नहीं मारा गया, बल्कि हिंदुस्तान के संविधान और सरकार के सिस्टम को पत्थर मारकर ललकारा गया है।
जिन लोगों ने ये काम किया है… उन्हें ये पता होना चाहिए था कि अशोक स्तंभ किसी धर्म या मूर्ति-पूजा का प्रतीक नहीं है, बल्कि संविधान और राष्ट्र की एकता का प्रतीक है।
जो अशोक स्तंभ के ख़िलाफ़ है… वो देश के ख़िलाफ़ है… जो देश के ख़िलाफ़ है… हम सब उनके ख़िलाफ़ हैं। और जिन लोगों ने अशोक स्तंभ तोड़ने की औक़ात दिखाई है… वो भारत के दुश्मन हैं।
ऐसे गद्दारों को सड़कों पर घसीट कर सबक सिखाना चाहिए, ताकि अगली बार कोई देश की शान से खिलवाड़ करने की सोच भी न पाए। क्योंकि कोई भी धर्म कभी भी देश से बड़ा नहीं हो सकता।