18/02/2025
#गोरखपुर_प्रकरण
सच्चाई तो ये है कि सिर्फ #संजयनिषाद ही नही यहां राजनीति में कोई किसी समाज का हितैषी नही है न तो कोई निषाद समाज का हितैषी है न #यादव समाज का, न #दलित समाज का, #ब्राह्मण समाज का न सैथवारों का न बनियों का
सब समाज का नाम लेकर आते है उस समाज को यूज़ करते है समाज के बच्चों से सड़कों पर नारे लगवाते है, जरूरत पडने पर कट्टा थमा के अपराधी बना देते हैं और जब नेता बनने की बात आती है लाभ कमाने की बात आती है तो उनको अपने बेटे,भतीजे और रिश्तेदारों से ज्यादा योग्य उनके समाज में कोई मिलता ही नहीं है इस तरह संगठन बना के खुद ही उसका लीडर बन के अपना परिवार चमकाते है ।
#सवाल
इन जातिवादी परिवारवादी नेताओ से सवाल ये है कि क्या जिस समाज की तुम राजनीति कर रहे हो क्या उस समाज मे तुमसे, तुम्हारे बेटे और रिश्तेदारों से योग्य व्यक्ति नहीं है?
क्या सारी योग्यता तुम्हारे ही खानदान में पैदा हुई है ?
क्या तुम अपने ही समाज के सबसे बड़े दुश्मन नहीं हो ?
क्या तुम्ही अपने समाज के सबसे बड़े शोषक नहीं हो?
क्या तुम्ही अपने समाज के पिछड़ेपन का जिम्मेदार नही हो ?
लेकिन नही उनका बचा हुआ समाज चूतिया की तरह दांत चियार के उसी स्थिति में अपने ही प्रगति से सबसे बड़े दुश्मन को भगवान की तरह पूजता है और अंततः वह समाज उसी स्थिति में रह जाता है जिस स्थिति को सुधारने के लिए उसने नेता चुना था।
#जिम्मेदारी
सबसे बड़ी जिम्मेदारी आती उस समाज के पढ़े लिखे युवाओं पर जो अपने परिजनों और आने वाली पीढ़ियों को ये समझाने और सच्चाई दिखाने की काबिलियत ही नहीं रखते है कि ये जो हमारे जाति के नाम पर वोट लेकर बैठा है वो दशकों से हमारा हक़ मार के बैठा है अपने बच्चों को बड़े बड़े स्कूल में पढ़ा के तुम्हारे वोट के बदले तुम्हारे बच्चों को प्राइमरी का टाट दिया है तुम जुवा नेता बन के दिन रात दूसरी जातियों को कोस रहे हो पर तुममें कूबत नहीं बची है कि अपने समाज के पतन पर सवाल कर सको उसके शोषणकर्ता को पहचान सको
जुवा नेता बन के बेवकूफ मत बनो वास्तव में दम हो तो सच्चाई का सामना करो और वास्तविक राजनीति करो!!
Nishad Party