
01/11/2024
नहीं अकेला आया हूं, मेरे साथ खुदा भी है, माता-पिता की आंखों में उसी खुदा की दुआ भी है.
नींद अपनी भूला के सुलाया हमको, आंसू अपने गिरा के हंसाया हमको.
भूलाना नहीं पिता का प्यार, ना भूलाना अपनी मां का दुलार.
मां-बाप की डांट उस हथोड़ी की मार की तरह होती है, जिसे खाए बिना एक संतान कभी पत्थर से मूर्ती नहीं बन सकती है.
मेरी ज़िंदगी का हर एक पल तुमसे ही शुरू हुआ.
मां - बाप की एहमियत क्या होती है कोई मुझसे पूछे.