15/07/2025
#चापाकल_और_लेयर
उत्तरी बिहार के मैदानी इलाकों में भूजल (Groundwater) की उपलब्धता और चापाकल (हैंडपंप) से पानी निकालने की व्यवस्था लेयर (aquifer layer) पर निर्भर करती है।
🌹चापाकल क्या होता है :- चापाकल लोहे का एक यंत्र है जिसे चांपकर भुजल को हम बाहर खींचते हैं। हमारे चापाकल का मुख्य रूप से 3 भाग होता है। सबसे निचे फ़िल्टर जो लेयर में स्थापित रहता है, यही पानी को छानकर ऊपर पाइप में भेजता है। दूसरा भाग होता है लोहा या प्लास्टिक का पाइप, जिसमें लेयर का पानी भरा रहता है। और तीसरा भाग होता है चापाकल का हेड या मोटर जिसकी मदद से हम पाइप की पानी को बाहर निकालते हैं।
🌹चापाकल का लेयर क्या होता है?
लेयर (Aquifer) का मतलब है धरती के नीचे वह परत जिसमें पानी संचित होता है और जहाँ से चापाकल के ज़रिये पानी निकाला जाता है। ये परतें बालू, कंकड़, बजरी आदि की बनी होती हैं, जो पानी को सोखती और रोक कर रखती हैं।
🌹बिहार के मैदानी भाग में खासकर 3 प्रमुख लेयर पाए जाते हैं:-
#ऊपरी_लेयर (Shallow Aquifer) सतह से 20–40 फीट निचे होता है। यह लेयर बारिश होने पर नदी, तालाब, गड्ढा और कुंये के जल से भरता (रिचार्ज) होता है। यह लेयर अक्सर सूख भी सकता है।
#मध्य_लेयर (Middle Aquifer) सतह से यह 120–180 फीट निचे होता है। पहला लेयर का पानी ही छनकर धीरे धीरे इस लेयर में पहुंचता है। अधिकांश चापाकल इसी लेयर में होता है। यह थोड़ा गहराई वाला लेयर है और यहाँ पानी अधिक शुद्ध और स्थायी रूप से मिलता है। परन्तु प्रथम लेयर के सूखने पर यह भी प्रभावित होता है।
#गहरा_लेयर (Deep Aquifer) जमीन की सतह से यह 250–400 फीट भीतर होता है। यह लेयर सबसे मोटा स्थायी और शुद्ध जल स्रोत वाला है। सार्वजनिक स्थल, शहरी क्षेत्र में बोरिंग या समर्सिबल के लिए उपयुक्त है।
नोट:- लेयर हर जगह का थोड़ा ऊपर निचे हो सकता है।
🌹पानी की गिरती सतह (groundwater depletion) का मुख्य कारण है लेयर से जिस अनुपात में पानी हम निकाल रहे हैं उसका उस अनुपात में रिचार्ज नहीं होना। लेयर रिचार्ज होता है नदी, तालाब, कुआँ, आहर पईन आदि में बर्षा का पानी इकट्टा होने से। आज आवासीय क्षेत्र में हम अक्सर ऐसे क्षेत्रों को भरते जा रहे हैं साथ ही अपना घर आँगन दरवाजा और सामने की सड़क नाली सभी का पक्कीकरण हो रहा है । इससे पानी जमीन के अंदर नहीं जा पाता है जिससे लेयर रिचार्ज नहीं हो पाता।