Eduplanet career point etawah road sirsaganj

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17/12/2025

#एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB)
#प्रमुख अपडेट्स:
■भारत का ग्रोथ फोरकास्ट: वित्तीय वर्ष 2025-26 में GDP ग्रोथ का अनुमान बढ़ाकर 7.2%
■क्षेत्रीय विकास: एशिया और प्रशांत क्षेत्र के लिए विकास आउटलुक को 5.1% तक बढ़ाया गया है

#भ्रष्टाचार विरोधी अभियान: एडीबी के अध्यक्ष ने भ्रष्टाचार को गरीबों पर टैक्स बताया और इसके खिलाफ सख्त रुख अपनाने की बात कही.
#डिजिटल और ऊर्जा: स्पेन में डिजिटल लचीलापन बढ़ाने और परमाणु ऊर्जा को जीवाश्म ईंधन के विकल्प के रूप में समर्थन देने के लिए ऊर्जा नीति को अपडेट किया है.
#मानव संसाधन: हे क्यूंग "एचके" यू को प्रशासन और कॉर्पोरेट प्रबंधन के लिए नया उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है.

13/12/2025

#ऑस्ट्रेलिया में 16 साल से कम आयु के लोगों पर लगा सोशल मीडिया उपयोग पर प्रतिबंध
■विश्‍व का पहला सोशल मीडिया प्रतिबंध ऑस्ट्रेलिया में लागू हो गया है।
■इसके अंतर्गत 16 साल से कम आयु के लाखों बच्चों और किशोरों के सोशल मीडिया अकाउंट बंद कर दिए गए हैं।
#प्रतिबंधित साइट्स
● इंस्टाग्राम,
●फेसबुक,
●थ्रेड्स,
●एक्स,
●स्नैपचैट,
●किक,
●ट्विच,
●टिकटॉक,
●रेडिट
● यूट्यूब

■नियम तोड़ने पर माता-पिता और बच्चों को सजा नहीं होगी,
■लेकिन किसी भी उल्लंघन के लिए टेक कंपनियों पर 3 करोड़ 20 लाख डॉलर तक का जुर्माना लग सकता है।
■सरकार ने कहा है कि यह प्रतिबंध युवाओं को हानिकारक सामग्री से बचाने के लिए है।
■हालांकि, इस कदम पर कई प्रमुख टेक्नोलॉजी कंपनियों और अभिव्‍यक्ति की स्‍वतंत्रता के पैरोकारों ने चिंता व्यक्त की है।
■जबकि माता-पिता और बाल सुरक्षा समूहों ने इसका स्वागत किया है।
■प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने पिछले वर्ष सितंबर में घोषणा की थी कि ऑस्ट्रेलिया सोशल मीडिया के इस्तेमाल के लिये आयु सीमा लागू करेगा।

12/12/2025

#नाथूला दर्रा
■सिक्किम के एक सांसद ने केंद्र से नाथूला दर्रा के माध्यम से सीमा व्यापार को तुरंत पुनः शुरू करने का आग्रह किया और वर्ष 2020 से इसके निलंबन के कारण गंभीर आजीविका प्रभावों को उजागर किया।
■यह भारत–चीन सीमा पर पूर्वी सिक्किम में स्थित एक उच्च-ऊँचाई वाला हिमालयी दर्रा है, जिसकी ऊँचाई 4,302 मीटर है।
■यह सबसे ऊँची मोटर योग्य सड़कों में से एक है और दोनों देशों के बीच एक महत्त्वपूर्ण रणनीतिक एवं सीमा व्यापार केंद्र है।
■यह सिक्किम और तिब्बत को जोड़ने वाले दो प्राचीन दर्रों में से एक है, दूसरा है जेलेप ला।
#ऐतिहासिक संबंध
■ यह प्राचीन सिल्क रोड की एक शाखा का हिस्सा है, जिसने ऐतिहासिक रूप से हिमालय पार व्यापार को सुगम बनाया।
#सांस्कृतिक संबंध:
■नाथूला मार्ग के माध्यम से मानसरोवर का मार्ग पूरी तरह से मोटर योग्य है, केवल माउंट कैलाश की परिक्रमा के लिये 35–40 किमी की पैदल यात्रा आवश्यक होती है।
#व्यापार पोस्ट की स्थिति
■ वर्ष 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद बंद नाथूला को वर्ष 2006 में द्विपक्षीय समझौतों के बाद पुनः खोला गया था।
■हालाँकि, वर्ष 2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान व्यापार फिर से बाधित हुआ और तब से यह पुनः शुरू नहीं हुआ है।
#सिक्किम राज्य में स्थित अन्य दर्रे हैं जेलेप ला, डोंकिया दर्रा, चिवाभंजंग दर्रा।

12/12/2025

#उम्मीद (UMEED) पोर्टल
■अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने 6 जून 2025 को मौजूदा वक्फ संपत्तियों के प्रमाणित डेटा को अपलोड करने के लिये यूनिफाइड वक्फ मैनेजमेंट, एम्पावरमेंट, एफिशिएंसी एंड डेवलपमेंट (UMEED) पोर्टल लॉन्च किया।

■वर्तमान वक्फ संपत्तियों के प्रमाणित डेटा को अपलोड करने के लिये छह महीने की अवधि दी गई थी, जो अब 6 दिसंबर 2025 को समाप्त हो गई है।
■उम्मीद पोर्टलपूरे भारत में वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण और नियमन के लिये डिज़ाइन किया गया एक केंद्रीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म है।
#उम्मीद पोर्टल की विशेषताएँ:
■पंजीकरण के दौरान संपत्तियों में सटीक माप और भौगोलिक स्थान डेटा शामिल किया जाएगा।
■समय सीमा के बाद पंजीकृत न की गई संपत्तियों को विवादित के रूप में चिह्नित किया जाएगा और उन्हें वक्फ ट्रिब्यूनल भेजा जाएगा।
■संशोधित कानून के तहत लाभार्थियों के अधिकार स्पष्ट करने के लिये कानूनी जागरूकता उपकरण प्रदान किये जाएंगे।
■महिलाओं के नाम पर पंजीकृत संपत्तियों को वक्फ के रूप में नामित नहीं किया जा सकता, लेकिन महिलाएँ, बच्चे और अति-निम्न आय वर्ग (EWS) अभी भी पात्र लाभार्थी बने रहेंगे।
(पुरानी प्रणाली):
■विगत वक्फ संपत्ति डिजिटलीकरण प्रणाली, जो त्रुटियों, डुप्लीकेट प्रविष्टियों और असंगत डेटा के लिये जानी जाती थी, को औपचारिक रूप से 8 मई 2025 को बंद कर दिया गया।
#वक्फ:
■वक्फ इस्लामी कानून के तहत एक स्थायी दानधर्मीय निधि है, जिसमें संपत्ति को धार्मिक या सार्वजनिक कल्याण के उद्देश्यों के लिये दान किया जाता है।
इसे बेचा, विरासत में नहीं दिया जा सकता या स्थानांतरित नहीं किया जा सकता।

12/12/2025

#दीपावली यूनेस्को की अमूर्त विरासत सूची में शामिल
■दीपावली का त्योहार, जिसे प्रकाश का उत्सव भी कहा जाता है, यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची में शामिल किया गया है।
■इस सम्मान की आधिकारिक घोषणा यूनेस्को की अंतर-सरकारी समिति के 20वें सत्र के दौरान की गई।
■दीपावली का यह सम्मिलन भारत की ओर से सूचीबद्ध 16वाँ तत्व है।
■इस निर्णय को 194 सदस्य देशों के प्रतिनिधियों, अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों और यूनेस्को के वैश्विक नेटवर्क के सदस्यों की उपस्थिति में अपनाया गया।

#विरासत सूची का महत्व
■दीपावली को इस सूची में शामिल करने से इसे एक जीवंत विरासत के रूप में मान्यता मिलती है।
■दीपावली को सामाजिक बंधनों को मजबूत करने और पारंपरिक शिल्प कौशल को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है।
■यह महोत्सव उदारता और खुशहाली के मूल्यों को बढ़ावा देता है।
#सतत विकास लक्ष्यों में योगदान:
■आजीविका संवर्धन
■लैंगिक समानता
■सांस्कृतिक शिक्षा
■सामुदायिक कल्याण

#केंद्रीय संस्कृति मंत्री की टिप्पणी
■केंद्रीय मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि यह मान्यता भारत और दुनिया भर के उन समुदायों के लिए कितना गौरवपूर्ण है जो दीपावली की भावना को बनाए रखते हैं।
■उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह उत्सव जन-केंद्रित है, जिसमें समुदाय के विभिन्न सदस्यों का योगदान शामिल है:
●मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कुम्हार पारंपरिक दीये बना रहे हैं।
●कारीगर उत्सव की सजावट की तैयार कर रहे हैं
●किसान, मिठाई बनाने वाले, पुजारी और सदियों पुरानी परंपराओं को कायम रखने वाले परिवार
●दीपावली के उत्सव को विभिन्न महाद्वीपों में फैलाने में भारतीय प्रवासी समुदाय की जीवंत भूमिका को सराहा गया।

10/12/2025

#मानवाधिकार दिवस
■मानवाधिकार दिवस प्रत्येक वर्ष 10 दिसंबर को वर्ष 1948 में मानव अधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा (UDHR) को अपनाए जाने की स्मृति में मनाया जाता है
■जो गरिमा, समानता और स्वतंत्रता के प्रति वैश्विक प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।
■यह दिवस औपचारिक रूप से 1950 में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के प्रस्ताव द्वारा स्थापित किया गया जिसने सभी देशों से इसे प्रतिवर्ष मनाने का आह्वान किया।
#वर्ष 2025 की थीम “दैनिक आवश्‍यकताएँ” है, जो बुनियादी सेवाओं तक पहुँच को एक मानवाधिकार के रूप में केंद्रित करती है।
#भारत और मानवाधिकार:
■भारत में मानवाधिकारों की रक्षा का आधार भारतीय संविधान तथा मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 है, जिसके अंतर्गत राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) की स्थापना वर्ष 1993 में की गई।
■मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 "मानवाधिकार" को जीवन, स्वतंत्रता, समानता और व्यक्ति की गरिमा से संबंधित अधिकारों के रूप में परिभाषित करता है
■जो संविधान द्वारा प्रत्याभूत हैं या अंतर्राष्ट्रीय प्रसंविदाओं में निहित हैं और भारत में न्यायालयों द्वारा प्रवर्तनीय हैं।
#राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC)
■ यह एक स्वतंत्र वैधानिक निकाय है, जो भारत में मानवाधिकारों के संरक्षक के रूप में कार्य करता है।
■इसकी स्थापना पेरिस सिद्धांतों (1991) के अनुरूप की गई थी।
■आरंभ से अब तक, NHRC ने 23.8 लाख से अधिक मानवाधिकार शिकायतें दर्ज की हैं और 264 करोड़ रुपए से अधिक राहत राशि की अनुशंसा की है।
■अधिकार संरक्षण हेतु, NHRC स्वतः संज्ञान, जाँच, शिविर बैठकें और नीतिगत परामर्श जैसे उपायों का उपयोग करता है।

09/12/2025

#भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (IISF), 2025
■भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (India International Science Festival- IISF) का 11वाँ संस्करण 6-9 दिसंबर, 2025 तक हरियाणा के पंचकूला में आयोजित किया गया।

■IISF 2025 का विज़न: ‘विज्ञान से समृद्धि: आत्मनिर्भर भारत के लिये’।
■आयोजन: पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (MoES) और भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (IITM), पुणे के सहयोग से।
#भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (IISF) वर्ष 2015 में शुरू किया गया, यह भारत के प्रमुख मंचों में से एक बन गया है जो वैज्ञानिक सहयोग, नवाचार, जागरूकता और जन सहभागिता को बढ़ावा देता है।
■पिछले कुछ वर्षो में इसने प्रत्येक संस्करण में विभिन्न कार्यक्रमों, व्यापक भागीदारी और कई प्रमुख पहलों के माध्यम से अपनी पहुँच और प्रभावशीलता को लगातार बढ़ाया है।
#उद्देश्य
■ भारत की वैश्विक विज्ञान और प्रौद्योगिकी में बढ़ती स्थिति को उजागर करना,
■भारत की वैज्ञानिक संस्कृति को सशक्त बनाना,
■जन सहभागिता का विस्तार करना तथा अनुसंधान,
■ नवाचार एवं प्रतिभा विकास में राष्ट्रीय लक्ष्यों का समर्थन करना।

08/12/2025
07/12/2025

#रौलाने उत्सव
■रौलाने उत्सव (Raulane Festival) हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में मनाया जाने वाला एक अनोखा और प्राचीन शीतकालीन त्योहार है
■ जो 'सौनी' नामक दिव्य परियों और संरक्षक आत्माओं को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है
■जहाँ दो पुरुष 'रौला' (दूल्हा) और 'रौलाने' (दुल्हन) के रूप में सजकर, पारंपरिक वेशभूषा और आभूषण पहनकर, प्रकृति और इन आत्माओं के प्रति आभार व्यक्त करते हैं और उनसे आशीर्वाद मांगते हैं
■ जिसे 5000 साल पुरानी परंपरा माना जाता है।

#प्रमुख तथ्य
■स्थान: किन्नौर, हिमाचल प्रदेश (विशेषकर कल्पा गाँव)।
■समय: सर्दियों के अंत में, मार्च के महीने में।
■उद्देश्य: सर्दियों के दौरान गाँव की रक्षा करने वाली 'सौनी' परियों को सम्मानपूर्वक विदा करना और अच्छी फसल व समृद्धि के लिए प्रार्थना करना।
■विशेषता: इसमें दो पुरुष, 'रौला' (वर) और 'रौलाने' (वधू), भारी किन्नौरी ऊनी वस्त्र, मुखौटे और आभूषण पहनकर दिव्य युगल का रूप धारण करते हैं।
■अनुष्ठान: इसमें देव-यात्राएँ, पारंपरिक नृत्य (धीमे, ध्यानमग्न), ढोल-नगाड़े, और सामुदायिक भोज शामिल होते हैं।
■महत्व: यह किन्नौर की सांस्कृतिक पहचान, सामूहिक एकता और प्रकृति के प्रति गहरे सम्मान को दर्शाता है।
■यह उत्सव किन्नौर की प्राचीन परंपराओं और लोक-धार्मिक मान्यताओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो प्रकृति और अलौकिक शक्तियों के बीच के संबंध को दर्शाता है।

06/12/2025

#अंतर्राष्ट्रीय चीता दिवस
■ अमेरिकी जीवविज्ञानी डॉ. लॉरी मार्कर, जो चीता संरक्षण कोष (Cheetah Conservation Fund) की संस्थापक हैं, द्वारा स्थापित यह दिवस उस चीते खयाम की स्मृति में मनाया जाता है, जिसे उन्होंने पाला था।
■यह दिवस चीता प्रजाति के विलुप्त होने को रोकने और संरक्षण प्रयासों को मज़बूत करने की वैश्विक पहल को उजागर करता है।
#प्रोजेक्ट चीता
■ भारत ने 70 वर्षों से अधिक समय से देश में विलुप्त हो चुके चीतों को पुनः स्थापित करने के लिये वर्ष 2022 में प्रोजेक्ट चीता शुरू किया।
■प्रोजेक्ट टाइगर के तहत संचालित, प्रोजेक्ट चीता विश्व की पहली अंतरमहाद्वीपीय बड़ी जंगली मांसाहारी स्थानांतरण परियोजना है और चीता एक्शन प्लान को क्रियान्वित करती है।
■इस परियोजना का उद्देश्य सुरक्षित आवासों में प्रजननशील चीता आबादी को शामिल करना, जो ऐतिहासिक क्षेत्र में विस्तारित हैं।
■खुले वनों और सवाना पारिस्थितिकी तंत्र को पुनर्स्थापित करने के लिये चीतों को एक प्रमुख प्रजाति के रूप में उपयोग करना, स्थानीय आजीविका में सुधार के लिये पारिस्थितिक विकास और पारिस्थितिक पर्यटन को बढ़ावा देना।
■इस परियोजना को राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण द्वारा मध्य प्रदेश वन विभाग और भारतीय वन्यजीव संस्थान के साझेदारी में कार्यान्वित किया जा रहा है और इसका निरीक्षण वर्ष 2023 में स्थापित चीता प्रोजेक्ट संचालन समिति द्वारा किया जाता है।
#उपलब्धियाँ
■नामीबिया से 8 और दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतों को कुनो राष्ट्रीय उद्यान में स्थानांतरित किया गया, जहाँ उन्होंने प्राकृतिक व्यवहार प्रदर्शित किया।
■दिसंबर 2025 तक भारत में कुल 32 चीते हैं, जिनमें से 21 देश में ही जन्मे हैं।

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