Flipping Facts

Flipping Facts Contact information, map and directions, contact form, opening hours, services, ratings, photos, videos and announcements from Flipping Facts, Digital creator, Makrana.

"'Sach wahi jo tark ke kasauti par khara utare.' ✨ Ajay Materialist | Rationalist 💡 | Atheist 🙌 | Breaking myths 🌀 | Spreading logic & science 🧠 | Follow for truth & reason 🔍" Subscribe my youtube channel

Shout out to my newest followers! Excited to have you onboard! Ramdas Vaisnav, Barma Naresh, राशिद सलमानी राशिद सलमानी, ...
09/07/2025

Shout out to my newest followers! Excited to have you onboard! Ramdas Vaisnav, Barma Naresh, राशिद सलमानी राशिद सलमानी, Angad Kharwar, Phithak Phakdee, Kesu Lal, Santilal Maida, Ishwerdas Vaisnav, Mansukh Kacha, Chandrabhusan Kumar, Shiv Swami

जातिवाद का सबसे बड़ा एक्सपोज़! | अंबेडकर की चेतावनी | Annihilation of Caste"अगर आप इस देश में पैदा होते हैं, तो आपकी औका...
10/03/2025

जातिवाद का सबसे बड़ा एक्सपोज़! | अंबेडकर की चेतावनी | Annihilation of Caste

"अगर आप इस देश में पैदा होते हैं, तो आपकी औकात पहले से तय कर दी जाती है।"
आप कौन हैं? आपको कौन से अधिकार मिलेंगे? आपकी ज़िंदगी कैसी होगी? ये सब कुछ एक चीज़ से तय होता है – आपकी जाति!**

1936 में डॉ. भीमराव अंबेडकर ने जातिवाद के खिलाफ सबसे बड़ी लड़ाई छेड़ी। उन्होंने एक ऐसा भाषण लिखा जो भारत के इतिहास में सबसे क्रांतिकारी भाषण माना जाता है। लेकिन जब तथाकथित ऊँचे लोग इसे सुनने से डर गए, तो उन्होंने इस किताब को खुद प्रकाशित किया – Annihilation of Caste (जाति का विनाश)।

इस किताब में अंबेडकर ने कहा – जाति सिर्फ एक सामाजिक प्रथा नहीं है, यह हिंदू धर्म के मूल में बसी हुई है!
उन्होंने सीधे कहा कि जब तक हिंदू धर्म रहेगा, जाति प्रथा खत्म नहीं हो सकती!
गांधी समेत कई लोग इसे सुधारना चाहते थे, लेकिन अंबेडकर का मानना था कि जाति सुधारने की चीज़ नहीं, खत्म करने की चीज़ है!

लेकिन सवाल यह है – क्या हम सच में जातिवाद को खत्म कर पाए?
- आज भी अगर आप शादी करना चाहें, तो जाति पहले देखी जाती है।
- आज भी दलित बच्चों को अलग बैठकर खाना परोसा जाता है।
- आज भी मंदिरों में जाति देखकर एंट्री दी जाती है!

तो क्या बदला? **क्या हम सच में आज़ाद हुए?

डॉ. अंबेडकर ने कहा था – सिर्फ कानून बदलने से कुछ नहीं होगा, जब तक समाज की सोच नहीं बदलेगी।
अगर आप जातिवाद खत्म करना चाहते हैं तो शिक्षा को हथियार बनाइए!
उन रीति-रिवाजों को मानने से इनकार करिए जो इंसानों में भेदभाव करते हैं।
अगर कोई कहे कि जाति हमारी संस्कृति का हिस्सा है, तो उसे जवाब दो – जो चीज़ इंसानों को इंसानों से छोटा बना दे, वो संस्कृति नहीं, जहर है!

डॉ. अंबेडकर ने हमें पहले ही चेतावनी दी थी –
"अगर जातिव्यवस्था को खत्म नहीं किया, तो यह हमें खत्म कर देगी।"

आज हम जाति के नाम पर लड़ रहे हैं, लेकिन अगर हम इसे नहीं मिटाएंगे, तो एक दिन जाति हमें ही मिटा देगी!

जाति का विनाश ही असली आज़ादी है!

अगर आप इस देश से जातिवाद मिटाना चाहते हैं, तो इस पोस्ट को शेयर करें और अपने दोस्तों को जागरूक करें!
हमारा समर्थन करें, ताकि यह क्रांति और तेज़ हो!

Annihilation of Caste Explained
Dr. Ambedkar on Caste System
जातिवाद पर सबसे बड़ा खुलासा
Annihilation of Caste Hindi Summary
भारत में जातिवाद कब खत्म होगा?
भीमराव अंबेडकर और जाति विनाश
जातिव्यवस्था पर अंबेडकर का सबसे बड़ा हमला
दलितों के अधिकार और अंबेडकर की चेतावनी
जातिवाद से मुक्ति कैसे पाएं?
जातिवाद का खात्मा कब होगा?

मुकेश चंद्राकर की हत्या: जब सच बोलना अपराध बन गयाछत्तीसगढ़ के बीजापुर में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या सिर्फ एक व्यक्...
05/01/2025

मुकेश चंद्राकर की हत्या: जब सच बोलना अपराध बन गया

छत्तीसगढ़ के बीजापुर में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या सिर्फ एक व्यक्ति की मौत नहीं है, यह एक ऐसी साजिश है जो स्वतंत्र पत्रकारिता के अस्तित्व पर सवाल खड़े करती है। 1 जनवरी 2025 को उनके शव को सेप्टिक टैंक में पाया गया, सिर पर गहरी चोटों के निशान और संदिग्ध परिस्थितियों ने इसे महज एक हत्या नहीं, बल्कि सुनियोजित षड्यंत्र बना दिया।

क्या कहती हैं रिपोर्ट्स?
- हत्या की परिस्थितियां:
शव एक ठेकेदार की संपत्ति पर स्थित सेप्टिक टैंक में मिला। सिर पर गंभीर चोटें थीं, जिससे धारदार हथियार से हमले की पुष्टि होती है। ([ABP Live](https://www.abplive.com/states/chhattisgarh))

- गिरफ्तारियां और षड्यंत्र:
अब तक तीन आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है, लेकिन मुख्य आरोपी ठेकेदार सुरेश चंद्राकर फरार है। क्या यह हत्या उनके साहसिक रिपोर्टिंग को रोकने के लिए की गई थी?

पत्रकारिता पर हमला
मुकेश चंद्राकर ने भ्रष्टाचार और अन्याय के खिलाफ कई रिपोर्ट्स की थीं। स्थानीय अधिकारियों और ठेकेदारों के घोटालों को उजागर करने वाले उनके लेखों ने उन्हें कई दुश्मन दिए। उनकी हत्या यह सवाल खड़ा करती है:
- क्या छोटे शहरों में सच्चाई की आवाज़ उठाना इतना बड़ा गुनाह बन चुका है?
- क्या स्वतंत्र पत्रकारिता अब सिर्फ एक जोखिम भरा पेशा बनकर रह गई है?

आंकड़ों से समझें स्थिति
- भारत में 2014 से 2022 के बीच 40 से अधिक पत्रकारों की हत्या हो चुकी है।
- Reporters Without Borders* के 2023 प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में भारत 161वें स्थान पर है। यह हमारे लोकतंत्र की स्थिति को उजागर करता है।

हमारी चुप्पी = अन्याय का समर्थन
मुकेश की मौत एक चेतावनी है कि अगर हमने अब भी आवाज़ नहीं उठाई, तो सच्चाई की लड़ाई लड़ने वालों की आवाज़ हमेशा के लिए खामोश हो सकती है। हमें यह समझना होगा कि पत्रकारों की हत्या केवल एक व्यक्ति की हत्या नहीं है, यह लोकतंत्र पर सीधा हमला है।

मांगें और समाधान
1. न्याय की मांग: मुकेश की हत्या की निष्पक्ष जांच और दोषियों को कड़ी सजा दी जाए।
2. पत्रकारों की सुरक्षा: सरकार को पत्रकारों के लिए विशेष सुरक्षा कानून लाने चाहिए।
3. स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन: सच्चाई की रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकारों और मीडिया संस्थानों को प्रोत्साहन मिलना चाहिए।

निष्कर्ष
मुकेश चंद्राकर का बलिदान हमें यह याद दिलाता है कि सच की राह आसान नहीं होती। लेकिन अगर समाज जागरूक हो और सच्चाई के लिए खड़ा हो, तो इन साजिशों का अंत संभव है।

"कुमार विश्वास: प्रेरणा या विवादों के पर्याय?"विवादों का कवि या गलत समझे गए व्यक्तित्व?क्या कुमार विश्वास को लेकर आपकी र...
04/01/2025

"कुमार विश्वास: प्रेरणा या विवादों के पर्याय?"
विवादों का कवि या गलत समझे गए व्यक्तित्व?
क्या कुमार विश्वास को लेकर आपकी राय पूरी तरह सही है?
कवि, राजनेता, और वक्ता के तौर पर पहचान बनाने वाले कुमार विश्वास को लेकर कई विवाद सामने आए हैं।
आज हम तथ्यों के आधार पर एक निष्पक्ष नज़र डालेंगे:

• क्या ये विवाद उनकी छवि को खराब करते हैं?

• या यह उनकी गलत समझी गई पर्सनालिटी का नतीजा है?

कुमार विश्वास ने कविता और राजनीति में एक बड़ा नाम कमाया है।

• उनकी कविताएं न केवल लोकप्रिय हैं, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर तीखे सवाल भी उठाती हैं।

• राजनीति में भी उनकी सक्रियता ने उन्हें एक मुखर व्यक्ति के रूप में पेश किया।

लेकिन विवादों की छाया उनसे जुड़ी रही है।
आइए देखते हैं, इन विवादों के पीछे की कहानी।

• तैमूर वाले बयान पर विवाद

• कुमार विश्वास ने एक सार्वजनिक मंच पर तैमूर नाम को लेकर कटाक्ष किया।

• कुछ लोगों ने इसे "आवश्यक सामाजिक आलोचना" कहा, तो अन्य ने इसे "व्यक्तिगत टिप्पणी" करार दिया।

• सवाल यह है: क्या यह एक कवि की अभिव्यक्ति थी, या गैर-जरूरी टिप्पणी?

• सोनाक्षी सिन्हा पर बयान

• एक इंटरव्यू में उनके सोनाक्षी सिन्हा पर दिए गए बयान ने भी विवाद खड़ा किया।

• उनकी आलोचना "मिसोगिनिस्टिक" होने के लिए हुई।

• हालांकि, उनके समर्थकों ने इसे "हल्का-फुल्का मजाक" बताया।

• डॉक्टर पर हमला और मारपीट का आरोप

• सबसे गंभीर विवाद तब उठा, जब एक डॉक्टर पर कथित हमले में उनका नाम सामने आया।

• हालांकि, उन्होंने सीधे तौर पर इस घटना से इनकार किया, लेकिन उनकी भूमिका को लेकर सवाल बने रहे।

इन विवादों के मद्देनजर कुछ सवाल उठते हैं:

• क्या यह विवाद कुमार विश्वास की व्यक्तित्व की जटिलता को दर्शाते हैं?

• या फिर यह उनकी मुखरता का नतीजा है, जो कभी-कभी विवादों का कारण बन जाती है?

सकारात्मक पक्ष:

• उन्होंने कविता के माध्यम से समाज में जागरूकता लाने का प्रयास किया।

• उनके सामाजिक योगदान और शैक्षिक पहलें सराहनीय हैं।

नकारात्मक पक्ष:

• उनके बयानों ने कई बार लोगों को आहत किया है।

• कुछ घटनाएं, जैसे डॉक्टर विवाद, उनकी छवि को धूमिल करती हैं।

कुमार विश्वास की कहानी एक गहरी सोच की मांग करती है।

• क्या एक कवि को उसकी गलतियों से परे देखा जाना चाहिए?

• या सार्वजनिक व्यक्तित्व के तौर पर उनकी हर गलती को आलोचना झेलनी चाहिए?

कुमार विश्वास एक जटिल व्यक्तित्व हैं – कवि, विचारक, और विवादों के केंद्र में रहने वाले व्यक्ति।
यह हमारे ऊपर है कि हम उनके व्यक्तित्व को संतुलित दृष्टिकोण से देखें:

• उनकी उपलब्धियों की सराहना करें।

• और उनकी गलतियों से सबक लें।

अगर आपको यह विश्लेषण संतुलित लगा, तो इसे शेयर करें।
कमेंट में अपनी राय बताएं – कुमार विश्वास, प्रेरणा या विवाद?









#कुमारविश्वास #विवादितबयान #कविता_और_विवाद #तैमूर_पर_टिप्पणी #सोनाक्षी_सिन्हा

Address

Makrana

Website

Alerts

Be the first to know and let us send you an email when Flipping Facts posts news and promotions. Your email address will not be used for any other purpose, and you can unsubscribe at any time.

Contact The Business

Send a message to Flipping Facts:

Share