27/09/2024
कहानी: बुढ़िया और उसका कुत्ता
गांव के कोने में, एक बुढ़िया रहती थी जिसका नाम था दादी कुमारी। वह अकेली थी, लेकिन उसके पास एक वफादार साथी था—एक छोटा सा कुत्ता जिसे उसने 'टिंकू' नाम दिया था। टिंकू एक प्यारा और चंचल कुत्ता था, जो हमेशा दादी के चारों ओर घूमता रहता। दोनों का आपस में गहरा रिश्ता था, जैसे एक मां और उसके बच्चे का होता है।
हर सुबह, दादी कुमारी अपने छोटे से बगीचे में जाकर पौधों की देखभाल करती। टिंकू हमेशा उसके पास रहता, कभी कुत्ते की तरह भौंकता, कभी दादी के पैरों के इर्द-गिर्द घूमता। दादी कुमारी टिंकू को प्यार से बुलाती, "आओ, मेरे बेटे, देखो ये फूल कितने सुंदर हो गए हैं।" टिंकू उसके चारों ओर कूदता और खुश होकर उसके साथ खेलता।
गांव में सब लोग दादी कुमारी को जानते थे। उनकी उम्र के कारण लोग उन्हें बहुत सम्मान देते थे। वह हमेशा गांव के बच्चों को कहानियां सुनाती, और टिंकू बच्चों का प्रिय साथी बन जाता। बच्चे जब भी दादी के पास आते, टिंकू खुशी से उनका स्वागत करता। वह हमेशा उनके साथ खेलता और दादी की गोद में बैठता।
एक दिन, गांव में एक बड़ा तूफान आया। बारिश तेज हो रही थी और हवा में गरज थी। दादी कुमारी और टिंकू अपने घर में सुरक्षित थे, लेकिन अचानक बिजली गिरने से एक पेड़ गिर गया, जिससे दादी का घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गया। दादी घबरा गईं, लेकिन टिंकू ने उन्हें सांत्वना दी। वह दादी के पैरों पर बैठ गया, जैसे कह रहा हो कि "मैं आपके साथ हूं।"
तूफान के बाद, गांव में हर कोई दादी कुमारी की मदद के लिए आया। बच्चों ने मिलकर मलबा साफ किया और बुढ़िया के घर को ठीक किया। टिंकू ने सभी को देखकर खुशी से भौंका, जैसे वह भी उनकी मदद करने में लगा हुआ हो। दादी ने सबका धन्यवाद किया और कहा, "आप सबने मेरी मदद की है, लेकिन सबसे बड़ा साथी तो मेरा टिंकू है। उसने मुझे अकेला नहीं छोड़ा।"
दिन बीतते गए, और दादी कुमारी और टिंकू का बंधन और भी मजबूत होता गया। दादी कुमारी ने समझा कि जीवन में अकेलापन कितना कठिन हो सकता है, लेकिन सच्चे प्यार और दोस्ती से हर मुश्किल का सामना किया जा सकता है। टिंकू ने दादी को हर दिन खुशी दी, और उन्होंने एक-दूसरे के साथ अपनी जिंदगी का हर पल बिताया।
अंत में, दादी कुमारी ने सोचा, "टिंकू मेरे लिए सिर्फ एक कुत्ता नहीं है; वह मेरे जीवन का एक अभिन्न हिस्सा है।" और इस तरह, बुढ़िया और उसका कुत्ता हमेशा के लिए एक-दूसरे के साथी बने रहे, जीवन की कठिनाइयों को मिलकर पार करते हुए।