Ganga Dhar Dubey Official

Ganga Dhar Dubey Official this is the Official page of Gangadhar Dubey. about motivation thoughts.

With Ganga Dhar Dubey – I just got recognized as one of their top fans! 🎉
07/04/2025

With Ganga Dhar Dubey – I just got recognized as one of their top fans! 🎉

*सम्मानित साथियों के लिए बहुत ही प्रेरणादायक सुविचार पेश कर रहे हैं।* *👉 1, अहंकार से भरा व्यक्ति दूसरों को नीचा दिखाकर ...
07/03/2025

*सम्मानित साथियों के लिए बहुत ही प्रेरणादायक सुविचार पेश कर रहे हैं।*

*👉 1, अहंकार से भरा व्यक्ति दूसरों को नीचा दिखाकर प्रसन्न होता है।*
*संस्कार से भरा व्यक्ति स्वम झुक कर दूसरों को सम्मान देकर आनंदित होता है।।*

*2,दीपक को घी तब चाहिए,*
*जब वह जल रहा हो ,*
*बुझने के बाद घी डालना व्यर्थ है।*
*इसी प्रकार इंसान की कदर*,
*समय रहते कर लीजिए,*
*वक्त जाने पर अफसोस करना व्यर्थ है।।*

*3,जहां जिसका दाना रहता है,*
*समय उसे वहां बुलाता है,।*

*कोई किसी का दिया नहीं खाता,*
* *हर व्यक्ति अपने नसीब का खाता है ।।*
*
*4,सम्मानित साथियों....*
*बदला लेने की जरूरत नहीं,*
*बस धैर्य रखो।*

*जो जैसा करेगा,*
*वैसा ही भरेगा,*
*बस वक्त आने दो।।*

*5,जिंदगी दो दिन की है,*
*एक दिन आपका हक में*
*और एक दिन आपके खिलाफ।*
*जिस दिन हक में हो,*
*गुरुर मत करना,*
*और जिस दिन हक मैं ना हो,*
*थोड़ा सबर जरूर रखना।।*

6,*शमशान की राख देखकर मन में एक ख्याल आया।*

*सिर्फ राख होने के लिए,*
*इंसान जिंदगी भर एक दूसरे से*
*कितना जलता है।।*

*7,जहाँ कद्र नहीं, वहां जाना नहीं ,*
,*जो सुनता नही ,उसे समझाना नहीं ,*
,*मौसम की तरह दोस्त बदले,*
*ऐसे दोस्त बनाना नहीं,*

*जो सत्य पर भी रूठें,*
*उसे मनाना नहीं ,*
*जीवन मे तकलीफे आये,*
*तो घबराना नही,*

*(सम्मानित साथियों मालूम नहीं हम सबके द्वारा लिखे हुए मेसेज ऑनलाइन कहा -कहा पहुंचते हैं और कोन कोन पढ़ रहा है*
*जो भी पड़ेगा कुछ %जरुर् विचार भी करेगा विचार करने भर से ही हम सबका प्रयास सफल रहेगा ।।)*
*जयभोले नाथ*
Ganga Dhar Dubey 🙏

🚩🙏 *श्री शिवाय*🙏🚩*बंधु जनों एक और सत्य से जब अवगत हुआ, ज्यादा पुराना भी इतिहास नहीं है 1946 की बात है , यानि कि 79 साल प...
06/03/2025

🚩🙏 *श्री शिवाय*🙏🚩
*बंधु जनों एक और सत्य से जब अवगत हुआ, ज्यादा पुराना भी इतिहास नहीं है 1946 की बात है , यानि कि 79 साल पहले का इतिहास......... जो हम सभी से अनछुआ रह गया, जिस जानकारी को हम सभी से बहुत दूर कर दिया गया, ऐसे वीर रस की अद्भुत प्रतिमा, महावीर गोपाल मुखर्जी (पाठा) खटीक, जब मैं इस महान चरित्र से अवगत हुआ, तो गोपाल पाठा खटीक के लिए मेरे हृदय में अपार श्रद्धा, का भाव स्फुरित हुआ, गोपाल पाठा के चरणों की धूल को अपने मस्तक पर लगाने का मन हुआ........ इस महान घटना का वृतांत आप सभी के साथ साझा करने से नहीं रह सका, क्योंकि ऐसा महान इतिहास, जिसमें हमारे धरती माता के सपूत महान वीरता से गदगद, वीरों के चरित्र से हम दूर रह जाएं, क्योंकि सत्य को तो एक दिन सामने आना ही होता है .........*
*आओ अब आपको महावीर गोपाल सिंह पाठा खटीक के महान चरित्र से अवगत करायें.........*
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🚩 *बटवारे में कलकत्ता भारत से अलग हो जाता यदि महावीर गोपाल पाठा खटीक न होते।*

🚩 *जिन्ना ने अपने डायरेक्ट एक्शन डे के लिए कोलकाता (कलकत्ता) को चुना क्योंकि वो चाहता था कि कोलकाता पाकिस्तान में हो। कोलकाता उस समय भारत का एक प्रमुख व्यापारिक शहर था, और जिन्ना कोलकाता को खोना नहीं चाहता था!*

🚩 *कोलकाता को हिंदू मुक्त बनाने का मिशन सुहरावर्दी को दिया गया था, जो बंगाल का मुख्यमंत्री था, और जिन्ना के प्रति वफादार था।*

🚩 *उस समय 1946 में कलकत्ता में 64% हिंदू और 33% मुसलमान थे।*

🚩 *सुहरावर्दी ने 16 अगस्त को अपनी योजना को अंजाम देना शुरू किया, उसके द्वारा एक हड़ताल की घोषणा की गई और सभी मुसलमानों ने अपनी दुकानें बंद कर दीं और मस्जिद में इकट्ठा हो गए। रमजान का शुक्रवार और 18वां दिन था। और नमाज के बाद हिंदुओं को कुचलने लगी मुस्लिम भीड़!*

🚩 *और जैसा कि सुहरावर्दी को उम्मीद थी, हिंदुओं ने कोई प्रतिरोध नहीं दिखाया, और आसानी से मुस्लिम भीड़ के आगे घुटने टेक दिए।*

🚩 *सुहरावर्दी ने मुस्लिम भीड़ को आश्वासन दिया कि उसने पुलिस को निर्देश दिया है कि वह उनके मिशन में आड़े न आए।*

🚩 *लोहे की छड़ों, तलवारों और अन्य खतरनाक हथियारों से लैस लाखों मुसलमानों की भीड़ कलकत्ता के कई हिस्सों और आसपास के इलाकों में फैल गई।*

🚩 *पहले मुस्लिम लीग कार्यालय के पास हथियारों और हथियारों की एक हिंदू दुकान पर हमला किया गया। उसे लूट लिया गया और जलाकर राख कर दिया गया। मालिक और उसके कर्मचारियों के सिर काट दिए गए। हिंदुओं को सब्जियों की तरह काटा गया। कई हिंदू महिलाओं और युवा लड़कियों का अपहरण कर लिया गया और उन्हें सेक्स स्लेव के रूप में ले जाया गया।*

🚩 *16 अगस्त को हजारों हिंदू मारे गए और हिंदू महिलाओं के साथ बलात्कार किया गया।*

🚩 *17 अगस्त को भी हत्याएं जारी रहीं। 600 हिंदू मजदूरों, ज्यादातर उड़ीसा से केसोराम कॉटन मिल्स लिचुबगन में सिर काट दिया गया था।*

🚩 *कोलकाता में नरसंहार का नंगा नाच चल रहा था। कोलकाता से हिन्दू भाग रहे थे, सुहरावर्दी को 19 अगस्त तक अपनी जीत का आश्वासन दिया गया था। 17 अगस्त तक हजारों हिंन्दू मारे जा चुके थे।*

🚩 *लेकिन 18 अगस्त को, एक हिन्दू ने मुस्लिम अत्याचार का विरोध करने का फैसला किया! वह एक बंगाली खटीक थे, और उनका नाम गोपाल मुखर्जी था। उनके दोस्त उन्हें पाठा कहते थे, क्योंकि वह मीट की दुकान चलाते थे।*

🚩 *वह कोलकाता के बोबाजार इलाके में मलंगा लेन में रहते थे। गोपाल उस समय 33 वर्ष के थे, और एक कट्टर राष्ट्रवादी, और सुभाष चंद्र बोस के दृढ़ अनुयायी और गांधी के अहिंसा के सिद्धांत की आलोचना करते थे।*

🚩 *गोपाल गली-गली संस्था भारत जाति वाहिनी चलाते थे। उनकी टीम में 500-700 लोग थे, सभी अच्छी तरह से प्रशिक्षित पहलवान थे।*

🚩 *18 अगस्त को गोपाल ने फैसला किया कि वे भागेंगे नहीं, और मुसलमानों पर जवाबी हमला करेंगे।*

🚩 *उन्होंने अपने पहलवानों को बुलाया, उन्हें हथियार दिए। एक मारवाड़ी व्यवसायी ने उसे वित्त देने का फैसला किया, और उसे पर्याप्त धन दिया। उनकी योजना सबसे पहले जवाबी हमलों से हिन्दू क्षेत्रों को सुरक्षित करने की थी। उनके शब्द थे "हर 1 हिन्दू के लिए 10 मुसलमानों को मार डालो!"*

🚩 *मुस्लिम लीग के पास लाखों जिहादी थे, जबकि गोपाल के पास केवल कुछ सौ लड़ाके थे, लेकिन उन्होंने एक योजना बनाई, और कोलकाता को मुस्लिम शहर बनने से बचाने के लिए अंत तक लड़ने का फैसला किया।*

🚩 *उन्होंने नियम बनाए कि मुसलमानों की तरह वे किसी भी महिला और बच्चों को नहीं छुएंगे।*

🚩 *गोपाल के पास खुद 2 पिस्टल थी जो उन्हें आजाद हिंद फौज से मिली थी। 18 अगस्त की दोपहर से, गोपाल के नेतृत्व में हिंदुओं ने वापस लड़ना शुरू कर दिया।*

🚩 *18 तारीख को जब मुसलमान हिंदुओं को मारने के लिए हिन्दू कॉलोनी में आए, तो उनका स्वागत गोपाल की टीम ने किया।*

🚩 *गोपाल की टीम ने हिन्दुओं को मारने के लिए आए हर मुस्लिम डकैत को मार डाला और 19 तारीख तक उन्होंने सभी हिन्दू उपनिवेशों को सुरक्षित कर लिया था।*

🚩 *सुहरावर्दी के लिए यह पूरी तरह से सरप्राइज था। उसने सोचा नही था कि हिन्दू इस तरह से विरोध करेंगे।*

🚩 *जब 19 अगस्त तक उन्होंने हिन्दू क्षेत्रों को सुरक्षित कर लिया था, तो उनका बदला 20 अगस्त से शुरू हो गया था।*

🚩 *उन्होंने 16 और 17 अगस्त को हिंदुओं को मारने वाले सभी जेहादियों को चिह्नित किया और 20 अगस्त को उन पर हमला किया।*

🚩 *19 तारीख तक सभी हिंदुओं तक यह संदेश पहुंचा कि गोपाल के नेतृत्व में हिन्दू मुसलमानों से लड़ रहे हैं!*

🚩 *तो 21 अगस्त तक बहुत सारे हिन्दू उनके साथ हो चुके थे, सभी मुसलमानों से बदला लेने लगे!*

🚩 *उन्होंने 2 दिनों में इतने मुसलमानों को मार डाला कि मुसलमानों की मौत हिन्दुओं की मौत से ज्यादा हो गई! 22 अगस्त तक खेल बदल चुका था! मुसलमान कोलकाता से भाग रहे थे।*

🚩 *सुहरावर्दी ने अपनी हार स्वीकार कर ली, और कांग्रेस नेताओं से अनुरोध किया कि वे गोपाल पाठा को रोकने का अनुरोध करें, जो मुसलमानों के लिए यमराज बन गए थे।*

🚩 *गोपाल इस शर्त पर तैयार हो गए कि सभी मुसलमान उन्हें अपने हथियार सौंप दें, जिसे सुहरावर्दी ने स्वीकार कर लिया।*

🚩 *कोलकाता पर कब्जा करने की जिन्ना की योजना 22 अगस्त तक चकनाचूर हो गई थी। और कोलकाता में भगवा झंडा फहरा रहा था।*

🚩 *कोलकाता के बाद गोपाल ने अपने संगठन को भंग नहीं किया और बंगाल के हिन्दुओं को बचाते रहे।*

🚩 *जब सब कुछ खत्म हो गया, जैसे ही एक फीचर फिल्म के अंत में पुलिस आती है, गांधी ने गोपाल से मुलाकात की और अहिंसा और हिंदू-मुस्लिम एकता के अपने पाठों को लेकर उनसे अपने शस्त्रों (हथियार) को आत्मसमर्पण करने के लिए कहा।*

🚩 *गोपाल के शब्द थे "गांधी ने मुझे दो बार बुलाया, मैं नहीं गया। तीसरी बार, कुछ स्थानीय कांग्रेसी नेताओं ने मुझसे कहा कि मुझे कम से कम अपने कुछ हथियार जमा करने चाहिए। मैं वहाँ से चला गया। मैंने देखा कि लोग आ रहे हैं और हथियार जमा कर रहे हैं, जो किसी के काम के नहीं थे, आउट-ऑफ-ऑर्डर पिस्टल, उस तरह की चीज!*

🚩 *तब गांधी के सचिव ने मुझसे कहा: 'गोपाल, तुम गांधीजी को हथियार क्यों नहीं सौंप देते?'*

🚩 *मैंने उत्तर दिया, 'इन भुजाओं से मैंने अपने क्षेत्र की महिलाओं को बचाया, मैंने लोगों को बचाया। मैं उन्हें सरेंडर नहीं करूंगा। मैंने कहा, महान कलकत्ता हत्याकांड के दौरान गांधी कहां था? तब वह कहां था जब हिन्दू मारे जा रहे थे? भले ही मैंने किसी को मारने के लिए कील का इस्तेमाल किया हो, मैं उस कील को भी नहीं छोड़ूंगा!*

🚩 *सुहरावर्दी ने कहा, *"जब हिन्दू वापस लड़ने का मन बनाते हैं, तो वे दुनिया में सबसे घातक हो जाते हैं!"*

🚩 *गोपाल पाठा और श्यामा प्रसाद मुखर्जी दो महान नायक थे जिन्होंने बंगाल के हिन्दुओं को जेहादी मुस्लिम डकैतों से बचाया था!*

🚩 *लेकिन इसे पढ़ने से पहले आप में से कितने लोग गोपाल पाठा के बारे में जानते थे?*

🚩 *चूंकि गोपाल ने गांधी के सिद्धांत का पालन नहीं किया, इसलिए उनका नाम इतिहास की किताबों से हटा दिया गया।*

🚩 *लेकिन वह भारत के गुमनाम हीरो हैं, जिन्होंने लाखों लोगों की जान बचाई।*

*उन्हीं की बदौलत आज कोलकाता भारत का हिस्सा है।*

*ऐसे महान शूरवीर गोपाल मुखर्जी यानि गोपाल पाठा खटीक और श्यामा प्रसाद मुखर्जी इन दो महान नायकों के कारण आज कोलकाता भारत का हिस्सा है......*

*सदैव से हिंदू के हार के मुख्य दो कारण रहे ..... 1) हिंदुओं के अंदर प्रतिकार और प्रतिरोध की भावना शून्य होती है, जब कोई उस भावना को जगाएगा तब 50 से 60% कोई जागेगा......... 2) और दूसरा मुख्य हार का कारण, गद्दार हम हिंदुओं में से ही रहते हैं, जिन्हें लोभ और लालच का शिकार बनाकर किले का द्वार अंदर से खुलवाया जाता है, हमारे अपने हिंदुओं के कारण दूसरा मुख्य कारण हमारी हार का यह है......*

*सबको भेजें भारत के इस इतिहास को 100 साल भी नहीं हुए अभी..... इतिहास की इस प्रमुख घटना की जानकारी सभी सनातनी हिंदुओं को प्राप्त होनी चाहिए।* 🕉️🙏
🚩 *हर हर महादेव*🚩
🚩🙏 *श्री शिवाय*🙏🚩
Ganga Dhar Dubey Official

तथ्य.......    के बेहद पास मालाबार हिल जहां तमाम देशों के राजदूत आवास हैं, जहां मुख्यमंत्री निवास है, वहीं पर यह एक विशा...
04/03/2025

तथ्य.......
के बेहद पास मालाबार हिल जहां तमाम देशों के राजदूत आवास हैं, जहां मुख्यमंत्री निवास है, वहीं पर यह एक विशाल बंगला है जिसे कभी कहा जाता था| यह बंगला मोहम्मद अली जिन्ना का मुंबई का निवास था..!!*
*मोहम्मद अली जिन्ना चला गया, लेकिन का #जिन्ना प्रेम देखिए और आप इसे चाहें तो गूगल पर सर्च कर सकते हैं | जिन्ना के साथ अपने व्यक्तिगत प्रेम के कारण जवाहरलाल नेहरू ने इस बंगले को शत्रु संपत्ति घोषित नहीं किया।*
*१९५५ में, एक कैबिनेट भाषण में जवाहरलाल नेहरू ने सुझाव दिया कि इसे #पाकिस्तान सरकार को दिया जाए, ताकि पाकिस्तान सरकार यहां मेरे प्रिय दोस्त जिन्ना की एक #मेमोरियल बना सके।*
*लेकिन उनके ही #कैबिनेट की मंजूरी नहीं मिल सकी क्योंकि, उस समय सिर्फ दो #मंत्रियों को छोड़कर पूरा #मंत्रिमंडल इसके खिलाफ था | फिर #नेहरू को लगा की कहीं बगावत न हो जाए इसलिए वह खामोश हो गए।*
*मोहम्मद अली जिन्ना ने उस वक्त पाकिस्तान में भारत के #राजदूत श्री प्रकाश के जरिए मुंबई के अपने आलीशान बंगले को पाने के लिए कई चिट्ठियां जवाहरलाल नेहरू को लिखी|*
*हालांकि भारत के विदेश मंत्री और भारतीय उच्चायोग ने सुझाव दिया कि हवेली को १९५६ में पाकिस्तान को सौंप दिया जाए, लेकिन इस सुझाव पर विचार नहीं किया गया।*
*फिर इस बंगले का असली मालिक कौन है, इस पर एक लंबा मुकदमा चला। इस मुकदमे में जिन्ना की बेटी दीना वाडिया, पाकिस्तान सरकार और भारत सरकार तीनों शामिल थे| दीना वाडिया ने यह तर्क दिया की चूंकि, मोहम्मद अली जिन्ना खोजा मुस्लिम था इसलिए इस संपत्ति को शत्रु संपत्ति घोषित नहीं किया जा सकता और इस संपत्ति पर मेरा मालिकाना हक है क्योंकि मैं उसकी बेटी हूं|*
*पाकिस्तान सरकार का यह तर्क था कि यह संपत्ति पाकिस्तान सरकार की है क्योंकि मोहम्मद अली जिन्ना पाकिस्तान के संस्थापक नागरिक थे।*
*उसके बाद मोदी सरकार आयी और मोदी सरकार ने एक शत्रु संपत्ति का विशेष एक्ट बनाकर इस बंगले का अधिग्रहण कर लिया और इसे विदेश मंत्रालय को सौंप दिया। अब यह प्रॉपर्टी विदेश मंत्रालय की संपत्ति है।*
*सोचिए, भारत की सीमा के अंदर स्थित मोहम्मद अली जिन्ना के बंगले का अधिग्रहण भी मोदी सरकार ने किया किसी कांग्रेसी सरकार में यह हिम्मत नहीं थी कि जिन्ना के बंगले का अधिग्रहण कर सके|*

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