Poet Papers

Poet Papers "Kuch khaas nahi bas apne jazbaat likhti hun,Kuch beete kisse kuch mulakaat likhti hun." ✍🏻

तनहा पड़ा हूँ कमरे में सुनाई दे रहा हूँ क्या?होंठ चटक रहे है सुख कर सदियों का भूखा हूँ क्या?धड़क रहा है दिल में कोई ज़ोर...
30/08/2024

तनहा पड़ा हूँ कमरे में
सुनाई दे रहा हूँ क्या?
होंठ चटक रहे है सुख कर
सदियों का भूखा हूँ क्या?

धड़क रहा है दिल में कोई
ज़ोरो से सुनाई पड़ रहा है
मुझे कितना कुछ दिखता है
फिर भी कहाँ दिखाई पड़ रहा है।

महसूस हो रहा हूँ मैं तुमको
अभी ज़िंदा हूँ क्या ?
कोई समझ नहीं आता मुझको
यहीं का बाशिंदा हूँ क्या?

कोई देख लो माप कर नब्ज
कितनी बाक़ी है।
कहानी पूरी हो गई कबकी
बस मिटनी बाक़ी है।

✍🏻🌻

मेरे भीतर दबा दी मैंने हर वो चीख जिसे चीख चीख कर बाहर आना था।छुपा दिया गया हर वो आंसू जिसे बिना ठहरे बस बहे चले जाना था।...
28/08/2024

मेरे भीतर दबा दी मैंने हर वो चीख
जिसे चीख चीख कर बाहर आना था।
छुपा दिया गया हर वो आंसू जिसे
बिना ठहरे बस बहे चले जाना था।

कितना दर्द ठहराया सीने में मैंने
कितना ही दर्द मुझे जकड़ता रहा।
मैं सुबकता रहा सुखी पलकों से
और तिल तिल करके मरता रहा।

मैंने खूब कहा सबसे बढ़िया हूँ
और काँच बन तड़कता रहा।
एक दिन दिल फटा और गुज़र गया
जो कुछ था अंदर धड़कता रहा।

✍🏻🌻

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आ ही गया ना आख़िर सब्र तुम्हें भीआना ही था कोई और ज़रिया ही कहाँ था।कब तक लड़ते, कब तक झगड़ते ख़ुद से कब तक चीखते दिल ही...
25/08/2024

आ ही गया ना आख़िर सब्र तुम्हें भी
आना ही था कोई और ज़रिया ही कहाँ था।

कब तक लड़ते, कब तक झगड़ते ख़ुद से
कब तक चीखते दिल ही दिल में और
कब तक ख़ुद को ख़ुद ही मनाते रहते।

कोई नहीं आया ना ख्याल पूछने?
कोई नहीं आया ना सवाल पूछने?
सबने पूछा होगा ना कैसे हो तुम?
मगर कोई नहीं आया ना दिल
का हाल पूछने?

जैसे तुम हो गये हो ना मैं भी
ठीक वैसा ही हो गया हूँ।
ख़ुद को अब ख़ुद भी समझ नहीं आता
ना जाने मैं कैसा हो गया हूँ।

आ तो गया है सब्र मगर बहुत कुछ खोना पड़ा है।
मैं जानता ही नहीं कितना अकेले रोना पड़ा है।

✍🏻🌻

04/10/2023

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Poet Papers ✍🏻

अब मैं अक्सर भूल जाता हूँ रख कर यादों को तुम्हारी।फिर जब घर से निकलता हूँ तो वो आवाज़ लगाने लगतीं है कि शायद मैं उनके बि...
25/09/2023

अब मैं अक्सर भूल जाता हूँ रख कर यादों को तुम्हारी।

फिर जब घर से निकलता हूँ तो वो आवाज़ लगाने
लगतीं है कि शायद मैं उनके बिना जा रहा हूँ

कभी किसी लड़की का हाथ थाम लेता हूँ तो मेरी शर्ट
की आगे वाली जेब से फुदक कर मेरे काँधे पर बैठ जाती है
और याद दिलाती है की ये हाथ थामने का हक़ सिर्फ़
और सिर्फ़ तुम्हारा है।

तुम तो चली गई मगर इन्हें समझाना भूल गई की
मेरी एक ज़िंदगी है जो आगे बढ़ना चाहती है
मगर नहीं बढ़ पाती।

क्यों? क्योंकि तुम्हारी यादें मेरा हाथ थामे उम्र भर चलने
को तैयार बैठी है ।

Writer ✍🏻 ❤️

सब कुछ होते हुए भी लगता है जैसे कुछ ना कुछ कहीं खो गया है..जब - जब थक हार कर खुद के साथ बैठ जाता हूँ तो खुद को बहुत हारा...
15/07/2023

सब कुछ होते हुए भी
लगता है जैसे कुछ ना कुछ
कहीं खो गया है..

जब - जब थक हार कर
खुद के साथ बैठ जाता हूँ
तो खुद को बहुत हारा हुआ
महसूस करता हूँ…

सोचता हूँ क्या ही था मेरा
जिसे मैंने खो दिया?

मगर समझ नहीं पाता ये
दुःख किस बात का है या
यूँ कहूँ के किसके लिए है…

ज़रूरी है क्या पुरानी यादों
के साथ जीना और उन्हें ना
भुला पाना?

या किसी ऐसे दुःख को अपनाते
जाना, जिसको हमने जन्म ही
नहीं दिया बस वो खुदबख़ुद
आकर बैठ गया है गौद में हमारी।

Writer: ✍🏻❤️

मैं उसे सब बता देना चाहता था...उसके रूठने से कैसे मुरझा गयी थी ज़िन्दगी उसके चले जाने से कैसे बिखर गया था मैं..कैसे उसके ...
03/07/2023

मैं उसे सब बता देना चाहता था...

उसके रूठने से कैसे
मुरझा गयी थी ज़िन्दगी
उसके चले जाने से कैसे
बिखर गया था मैं..

कैसे उसके हर कड़वे लफ्ज़
से बने ज़ख्म
मेरे दिल को आज भी कुरेद रहे है...

मगर मेरा इश्क़ उसके लिए
ज़रा भी नहीं मरता... 🥀

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तुम्हारी हर ख़लिश हर अदा याद आती है की गयी रातों में हर बात याद आती है कौन सी मुलाक़ात है जो भुला सकूँ ऐ यार जब भी आँखे ...
13/06/2023

तुम्हारी हर ख़लिश
हर अदा याद आती है
की गयी रातों में
हर बात याद आती है

कौन सी मुलाक़ात है
जो भुला सकूँ ऐ यार
जब भी आँखे मीचूँ
मुलाक़ात याद आती है

कितना कुछ कहा तुझसे
कितना रहा बाक़ी
लिखने बैठूँ जो कभी
कलम रूठ जाती है.. 🥀

Follow ✍🏻









होती है कुछ घटनायें ऐसी जो ताउम्र आपका पीछा नहीं छोड़ती..फिर चाहे आप गहरे से गहरासमुंदर तर आओ या ऊँचे से ऊँचा पहाड़ चढ़ ...
13/04/2023

होती है कुछ घटनायें ऐसी
जो ताउम्र आपका पीछा
नहीं छोड़ती..

फिर चाहे आप गहरे से गहरा
समुंदर तर आओ
या ऊँचे से ऊँचा पहाड़ चढ़ आओ
वो घटनायें ख़ालीपन में
लौटते ही आपको गले लगाने
लगती है..

जितनी दूर उनसे भागने की
कोशिश की जाती है
उतना क़रीब वो बैठी नज़र
आती है..

कभी यूँही सड़क चलते
कभी किसी के साथ हो कर
कभी किसी गाने की धुन पर
कभी किसी अच्छी कहानी के
दुःख भरे पन्ने पर..

वो घटनायें आपको और
उन घटनाओं को आप ढूँढ ही
लेते है और फिर निकल पड़ते है
दुनिया से लड़ने किसी छोटे
बच्चे की तरह भीतर ही भीतर
सुबकते हुए.. ❤️🌻

✍🏻

.

तुमने बहुत वक्त लगा दिया है आने मेंअब कुछ भी पहले जैसा होना नामुमकिन है..एक कोशिश भी नहीं की तुमने कुछ पहले जैसा करने की...
27/03/2023

तुमने बहुत वक्त
लगा दिया है आने में
अब कुछ भी पहले जैसा
होना नामुमकिन है..

एक कोशिश भी नहीं
की तुमने कुछ पहले
जैसा करने की या
इस बिखरे हुए को यहीं
रोकने की समेटने की..

बहुत यकीन था मुझे
तुम पर की तुम कुछ भी
बिखरने नहीं दोगे और
लगा कर मुझे गले सब
कर दोगे पहले की तरह
हमेशा जैसे तुम कीया
करते थे..

मगर इस दफा तुम्हारा
फैसला बदल चुका था
और कब तुम्हारा आना
जाने में तब्दील हो गया
मुझे पता ही नहीं चला।

✍🏻🌻



खोए हुए रास्तों की तरह एक दिन हम सब भी कहीं खो जाएँगे।अच्छे भले मन में पले रिश्ते पल भर में हवा हो जाएँगे।खो जाएँगे वो स...
24/03/2023

खोए हुए रास्तों की तरह
एक दिन हम सब भी
कहीं खो जाएँगे।

अच्छे भले मन में पले रिश्ते
पल भर में हवा हो जाएँगे।

खो जाएँगे वो सभी दुःख
जिनके लिए हम जागे है
खो जाएगी हर वो गली
जिसके पीछे हम भागे है।

ना रहेगा किसी का मोह
ना किसी का आना रहेगा
ना यादें रहेंगी उनकी
ना उनका ठिकाना रहेगा।

जो भूल गए है हमें
फिर हम भी उन्हें भूल जाएँगे
ना रहेंगे हम
ना इश्क़ में धोखे खाएँगे ।

✍🏻🌻


















तुमने इश्क़ कह कर इश्क़ को,ख़त्म कर दिया मुझ में । ✍🏻🌻
26/12/2022

तुमने इश्क़ कह कर
इश्क़ को,
ख़त्म कर दिया मुझ में ।

✍🏻🌻

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