18/07/2024
```मोहनदास करमचंद गांधी```👇
*"मैंने इमाम हुसैन से सीखा की मज़लूमियत में किस तरह जीत हासिल की जा सकती है। इस्लाम की बढ़ोतरी तलवार पर निर्भर नहीं करती बल्कि इमाम हुसैन के बलिदान का एक नतीजा है जो एक महान संत थे।"*
```रबिन्द्रनाथ टैगौर```👇
*"इन्साफ़ और सच्चाई को ज़िंदा रखने के लिए, फौजों या हथियारों की ज़रुरत नहीं होती है। कुर्बानियां देकर भी फ़तह (जीत) हासिल की जा सकती है, जैसे की इमाम हुसैन ने कर्बला में किया।*
*"इमाम हुसैन मानवता के नेता हैं"*
*"इमाम हुसैन ठन्डे दिलों को जोश दिलाते रहेंगे।" "इमाम हुसैन का बलिदान अध्यात्मिक मुक्ति को इंगित करता है।"*
```पंडित जवाहरलाल नेहरु```👇
*"इमाम हुसैन की क़ुर्बानी तमाम गिरोहों और सारे समाज के लिए है, और यह क़ुर्बानी इंसानियत की भलाई की एक अनमोल मिसाल है।"*
```डॉ. राजेंद्र प्रसाद```👇
*"इमाम हुसैन की कुर्बानी किसी एक मुल्क या कौम तक सिमित नहीं है, बल्कि यह लोगों में भाईचारे का एक असीमित राज्य है।"*
```डॉ. राधाकृष्णन```👇
*"अगरचे इमाम हुसैन ने सदियों पहले अपनी शहादत दी, लेकिन इनकी इनकी पाक रूह आज भी लोगों के दिलों पर राज करती है।"*
```स्वामी शंकराचार्य```👇
*"यह इमाम हुसैन की कुर्बानियों का नतीजा है कि आज इस्लाम का नाम बाक़ी है नहीं तो आज इस्लाम का नाम लेने वाला पुरी दुनिया में कोई भी नहीं होता"*
```श्रीमती सरोजिनी नायडू```👇
*"मैं मुसलमानों को इसलिए मुबारकबाद पेश करना चाहती हूँ की यह उनकी खुशकिस्मती है कि उनके बीच दुनिया की सब से बड़ी हस्ती इमाम हुसैन पैदा हुए जो संपूर्ण रूप से दुनिया भर के तमाम जाती और समूह के दिलों पर राज किया और करता है।"*
```एडवर्ड ब्राउन```👇
*"कर्बला में खूनी सहरा की याद जहां अल्लाह के रसूल का नवासा प्यास के मारे ज़मीन पर गिरा और जिसके चारों तरफ सगे सम्बन्धियों के लाशें थीं यह इस बात को समझने के लिए काफी है की दुश्मनों की दीवानगी अपने चरम सीमा पर थी, और यह सब से बड़ा ग़म (शोक) है जहाँ भावनाओं और आत्मा पर इस तरह नियंत्रण था की इमाम हुसैन को किसी भी प्रकार का दर्द, ख़तरा और किसी भी प्रिये की मौत ने उन के क़दम को नहीं डगमगाया।"*
```डॉ के शेल्ड्रेक```👇
*"इस बहादुर और निडर लोगों में सभी औरतें और बच्चे इस बात को अच्छी तरह से जानते और समझते थे की दुश्मन की फौजों ने इनका घेरा किया हुआ है, और दुश्मन सिर्फ लड़ने के लिए नहीं बल्कि इनको क़त्ल करने के लिए तैयार हैं। जलती रेत, तपता सूरज और बच्चों की प्यास ने भी इन्हें एक पल के, ईन में से किसी एक व्यक्ति को भी अपना क़दम डगमगाने नहीं दिया। इमाम हुसैन अपनी एक छोटी टुकड़ी के साथ आगे बढ़े, न किसी शान के लिए, न धन के लिए, न ही किसी अधिकार और सत्ता के लिए, बल्कि वो बढ़े एक बहुत बड़ी क़ुर्बानी देने के लिए जिस में उन्होंने हर क़दम पर सारी मुश्किलों का सामना करते हुए भी अपनी अपनी सत्यता का कारनामा दिखा दिया।"*
```चार्ल्स डिकेन्स```👇
*"अगर इमाम हुसैन अपनी संसारिक इच्छाओं के लिए लड़े थे तो मुझे यह समझ नहीं आता की उन्हों ने अपनी बहन, पत्नी और बच्चों को साथ क्यों लिया। इसी कारण मै यह सोचने और कहने पर विवश हूँ के उन्हों ने पूरी तरह से सिर्फ इस्लाम के लिए अपने पुरे परिवार का बलिदान दिया ताकि इस्लाम बच जाए।"*
```अंटोनी बारा```👇
*"मानवता के वर्तमान और अतीत के इतिहास में कोई भी युद्ध ऐसा नहीं है जिसने इतनी मात्रा में सहानूभूती और प्रशंसा हासिल की है और सारी मानवजाती को इतना अधिक उपदेश व उदाहरण दिया है जितनी इमाम हुसैन की शहादत ने कर्बला के युद्ध से दी है।"*
```थॉमस कार्लाईल```👇
*"कर्बला की दुखद घटना से जो हमें सब से बड़ी सीख मिलती है वो यह है की इमाम हुसैन और इनके साथियों का अल्लाह पर अटूट विश्वास था और वोह सब मोमिन (अल्लाह से डरने वाले) थे। इमाम हुसैन ने यह दिखा दिया की सैन्य विशालता ताक़त नहीं बन सकती।"*
```रेनौल्ड निकोल्सन```👇
*”हुसैन गिरे, तीरों से छिदे हुए, इनके बहादुर सदस्य आखरी हद तक मारे-काटे जा चुके थे, मुहम्मदी परम्परा अपने अंत पर पहुँच जाती, अगर इस असाधारण शहादत और क़ुर्बानी को पेश न किया जाता। इस घटना ने पूरी बनी उमय्या को इमाम हुसैन के परिवार का दुश्मन, यज़ीद को हत्यारा और इमाम हुसैन को "शहीद" घोषित कर दिया....*