LAMHE the moments

LAMHE the moments writer, urdu and hindi poetry, digital creator

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28/06/2025

05/06/2025

बात ऐसी है ऐसा था पहलेदर्द होने पे रोता था पहलेजैसे चाहे वो खेला करता थामैं किसी का खिलौना था पहलेतुझपे कितना भरोसा करता...
05/02/2025

बात ऐसी है ऐसा था पहले
दर्द होने पे रोता था पहले

जैसे चाहे वो खेला करता था
मैं किसी का खिलौना था पहले

तुझपे कितना भरोसा करता था
ख़ुद पे कितना भरोसा था पहले

आख़िरी रास्ते पे चलने को
पैर उसने उठाया था पहले

अब तो तस्वीर तक नहीं बनती
मैं तो पैकर बनाता था पहले

रौशनी आई जब जला कोई
सबकी आँखों पे पर्दा था पहले

गिनती पीछे से की गई वरना
मेरा नंबर तो पहला था पहले

"हिमांशी बाबरा"
#शायराना #गजल

अपने हर हर लफ़्ज़ का ख़ुद आइना हो जाऊँगा उस को छोटा कह के मैं कैसे बड़ा हो जाऊँगा तुम गिराने में लगे थे तुम ने सोचा ही न...
04/02/2025

अपने हर हर लफ़्ज़ का ख़ुद आइना हो जाऊँगा
उस को छोटा कह के मैं कैसे बड़ा हो जाऊँगा

तुम गिराने में लगे थे तुम ने सोचा ही नहीं
मैं गिरा तो मसअला बन कर खड़ा हो जाऊँगा

मुझ को चलने दो अकेला है अभी मेरा सफ़र
रास्ता रोका गया तो क़ाफ़िला हो जाऊँगा

सारी दुनिया की नज़र में है मिरा अहद-ए-वफ़ा
इक तिरे कहने से क्या मैं बेवफ़ा हो जाऊँगा
"वसीम बरेलवी"
#गजल #शायराना #शायर

02/02/2025

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