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मैं जितने साल जी चुका हूँ , उससे अब कम साल मुझे जीना है। यह समझ आने के बाद मुझमें यह परिवर्तन आया है :१. किसी प्रियजन की...
06/01/2025

मैं जितने साल जी चुका हूँ , उससे अब कम साल मुझे जीना है। यह समझ आने के बाद मुझमें यह परिवर्तन आया है :

१. किसी प्रियजन की विदाई से अब मैं रोना छोड़ चुका हूँ क्योंकि आज नहीं तो कल मेरी बारी है।

२. उसी प्रकार ,अगर मेरी विदाई अचानक हो जाती है , तो मेरे बाद लोगों का क्या होगा , यह सोचना भी छोड़ दिया है क्योंकि मेरे जाने के बाद कोई भूखा नहीं रहेगा और मेरी संपत्ति को कोई छोड़ने या दान करने की ज़रूरत नहीं है।

३. सामने वाले व्यक्ति के पैसे , पावर और पोजीशन से अब मैं डरता नहीं हूँ।

४. खुद के लिए सबसे अधिक समय निकालता हूँ। मान लिया है कि दुनिया मेरे कंधों पर टिकी नहीं है। मेरे बिना कुछ रुकने वाला नहीं है।

५. छोटे व्यापारियों और फेरीवालों के साथ मोल-भाव करना बंद कर दिया है। कभी-कभी जानता हूँ कि मैं ठगा जा रहा हूँ , फिर भी हँसते-मुस्कुराते चला जाता हूँ।

६. कबाड़ उठाने वालों को फटी या खाली तेल की डिब्बी वैसे ही दे देता हूँ , पच्चीस-पचास रुपये खर्च करता हूँl जब उनके चेहरे पर लाखों मिलने की खुशी देखता हूँ तो खुश हो जाता हूँ।

७. सड़क पर व्यापार करने वालों से कभी-कभी बेकार की चीज़ भी खरीद लेता हूँ।

८. बुजुर्गों और बच्चों की एक ही बात कितनी बार सुन लेता हूँ। कहने की आदत छोड़ दी है कि उन्होंने यह बात कई बार कही है।

९. गलत व्यक्ति के साथ बहस करने की बजाय मानसिक शांति बनाए रखना पसंद करता हूँ।

१०. लोगों के अच्छे काम या विचारों की खुले दिल से प्रशंसा करता हूँ। ऐसा करने से मिलने वाले आनंद का मजा लेता हूँ।

११. ब्रांडेड कपड़ों , मोबाइल या अन्य किसी ब्रांडेड चीज़ से व्यक्तित्व का मूल्यांकन करना छोड़ दिया है। व्यक्तित्व विचारों से निखरता है , ब्रांडेड चीज़ों से नहीं , यह समझ गया हूँ।

१२. मैं ऐसे लोगों से दूरी बनाए रखता हूँ जो अपनी बुरी आदतों और जड़ मान्यताओं को मुझ पर थोपने की कोशिश करते हैं। अब उन्हें सुधारने की कोशिश नहीं करता क्योंकि कई लोगों ने यह पहले ही कर दिया है।

१३. जब कोई मुझे जीवन की दौड़ में पीछे छोड़ने के लिए चालें खेलता है , तो मैं शांत रहकर उसे रास्ता दे देता हूँ। आखिरकार , ना तो मैं जीवन की प्रतिस्पर्धा में हूँ , ना ही मेरा कोई प्रतिद्वंद्वी है।

१४. मैं वही करता हूँ जिससे मुझे आनंद आता है। लोग क्या सोचेंगे या कहेंगे , इसकी चिंता छोड़ दी है। चार लोगों को खुश रखने के लिए अपना मन मारना छोड़ दिया है।

१५. फाइव स्टार होटल में रहने की बजाय प्रकृति के करीब जाना पसंद करता हूँ। जंक फूड की बजाय बाजरे की रोटी और आलू की सब्जी में संतोष पाता हूँ।

१६. अपने ऊपर हजारों रुपये खर्च करने की बजाय किसी जरूरतमंद के हाथ में पाँच सौ हजार रुपये देने का आनंद लेना सीख गया हूँ। और हर किसी की मदद पहले भी करता था और अब भी करता हूँ।

१७. गलत के सामने सही साबित करने की बजाय मौन रहना पसंद करने लगा हूँ। बोलने की बजाय चुप रहना पसंद करने लगा हूँ। खुद से प्यार करने लगा हूँ।

१८. मैं बस इस दुनिया का यात्री हूँl मैं अपने साथ केवल वह प्रेम , आदर और मानवता ही ले जा सकूंगा जो मैंने बाँटी हैl यह मैंने स्वीकार कर लिया है।

१९. मेरा शरीर मेरे माता-पिता का दिया हुआ हैl आत्मा परम कृपालु प्रकृति का दान है और नाम फॉइबा का दिया हुआ है... जब मेरा अपना कुछ भी नहीं है , तो लाभ-हानि की क्या गणना ?

२०. अपनी सभी प्रकार की कठिनाइयाँ या दुख लोगों को कहना छोड़ दिया है , क्योंकि मुझे समझ आ गया है कि जो समझता है उसे कहना नहीं पड़ता और जिसे कहना पड़ता है वह समझता ही नहीं।

२१. अब अपने आनंद में ही मस्त रहता हूँ क्योंकि मेरे किसी भी सुख या दुख के लिए केवल मैं ही जिम्मेदार हूँl यह मुझे समझ आ गया है।

२२. हर पल को जीना सीख गया हूँ क्योंकि अब समझ आ गया है कि जीवन बहुत ही अमूल्य हैl यहाँ कुछ भी स्थायी नहीं हैl कुछ भी कभी भी हो सकता है , ये दिन भी बीत जाएँगे।

२३. आंतरिक आनंद के लिए मानव सेवा , जीव दया और प्रकृति की सेवा में डूब गया हूँl मुझे समझ आया है कि अनंत का मार्ग इन्हीं से मिलता है।

२४. प्रकृति और देवी-देवताओं की गोद में रहने लगा हूँl मुझे समझ आया है कि अंत में उन्हीं की गोद में समा जाना है।

देर से ही सही , लेकिन समझ आ गया हैl शायद मुझे जीना आ गया हैl

21/03/2024
Our life depends on our thoughts.
19/03/2024

Our life depends on our thoughts.

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