10/04/2024
जय बिहार
भारत भूमि के पूर्वी हिस्से में बसा प्राचीन प्रदेश बिहार
इस पावन धरती पे जन्म दे के, विधाता , तूने किया बड़ा उपकार
इस प्रदेश का है स्वर्णिम इतिहास पैदा हुए यहाँ कई ज्ञानी व् गुणवान
ज्ञान विज्ञान और कला संस्कृति हर क्षेत्र में स्थापित किए अनेकों कीर्तिमान
महावीर और गौतम ने अहिंसा का मार्ग दिखाया
गुरु गोविन्द जी ने अन्याय का प्रतिकार सिखाया
शुन्य का अविष्कार कर आर्यभट्ट ने बढ़ाया खगोलशास्त्र का मान
विक्रमशिला और नालंदा की परंपरा थी विद्यादान
कूटनीति के पितामह कहलाये चाणक्य
तर्क और दर्शन के धरोहर हैं गार्गी और याज्ञवल्क्य
मंडन मिश्र और भारती के ज्ञान को सदा नमस्कार
पत्नी ने अपनी इच्छाशक्ति से जीत में बदली पति की हार
इस भूमि ने कर्मवीरों का सदा मान बढ़ाया
चम्पारण ने गाँधी को महात्मा बनाया
वीर कुंवर सिंह ने भरी थी आज़ादी की हुंकार
राजेंद्र प्रसाद ने अभावों के बीच भी पाया विद्यवता का उपहार
जयप्रकाश ने सम्पूर्णक्रांति का बिगुल बजाया
दिनकर की कलम ने सोई चेतना को जगाया
कलम चलती रही तो पृष्ठ कम पड़ जायेंगे
वाल्मीकि और विद्यापति जैसे संत अनुल्लेखित रह जायेंगे
स्वर्णिम परम्परों का है यहाँ अटूट चलन
डुबते सूरज को भी यहाँ करते लोग नमन
संसाधनों के आभाव में कौशल के पलायन का बढ़ गया चलन है
बिहारी कहीं भी रहे दिल तो उसका जन्मभूमि में ही मगन है
गौरव कान्त