15/07/2025
इन बच्चों ने दुनिया को बता दिया –सपनों को पूरी करने के लिए ब्रांडेड चीज़ें नहीं, बस जज़्बा चाहिए। ना बैग नया था, ना कपड़े – लेकिन हौसले सबसे ताज़ा थे।
जब कोई कहे कि "पढ़ाई महंगी है",
तो इन्हें देखना…
जिनके पास कुछ भी नहीं था – लेकिन मंज़िल सबकुछ थी।
💔 गरीबी ने जितना रोका… शिक्षा ने उतना आगे बढ़ाया।
और आज ये बच्चे उस हर बच्चे की उम्मीद हैं…
जो झोंपड़ी से निकलकर किताबों की रौशनी ढूंढ रहे हैं।
🙏 सलाम उन माँ-बाप को भी,
जिन्होंने खुद भूखा रहकर भी बच्चों को स्कूल भेजा।