28/08/2025
Location -
Date- 28-8-2025
Ganpati Bappa Visarjan 1/2 Day.
गणपति विसर्जन डेढ़ दिन में करने का कोई एक निश्चित कारण नहीं है, बल्कि यह भक्तों की व्यक्तिगत आस्था, व्यस्तता और पारंपरिक मान्यताओं पर निर्भर करता है। कुछ भक्त जल्दी विसर्जन करते हैं ताकि वे अनंत चतुर्दशी तक इंतजार न कर सकें, जबकि कुछ लोग कम समय में गणेश जी को विदाई देना शुभ मानते हैं। यह प्रथा भक्तों को अपने घर के साथ-साथ देवताओं के साथ उनके निवास स्थान पर भी लौटने की प्रक्रिया को पूरा करने का एक तरीका है।
डेढ़ दिन में विसर्जन के कारण:
व्यक्तिगत मान्यताएँ:
कुछ लोगों की यह मान्यता होती है कि कम दिनों में विसर्जन करना शुभ होता है, और वे अपनी आस्था के अनुसार ऐसा करते हैं।
व्यस्तता:
गणेश चतुर्थी पर बहुत से भक्त भगवान गणेश की स्थापना करते हैं और उनकी पूजा-अर्चना करते हैं। लेकिन, व्यक्तिगत या अन्य व्यस्तताओं के कारण अनंत चतुर्दशी तक इंतजार करना संभव नहीं हो पाता है।
भक्ति का प्रकार:
यह भक्तों की भक्ति और समर्पण को दर्शाता है कि वे कम समय में ही गणेश जी की सेवा करने और उन्हें विदा करने का अवसर प्राप्त करते हैं।
सकारात्मक फल:
सही विधि-विधान और शुभ मुहूर्त में बप्पा को विदा करने से भगवान गणेश मनोकामनाएँ पूर्ण करते हैं।
विसर्जन का महत्व:
पूजा का चक्र पूरा करना:
मूर्ति विसर्जन करना, पूजा के चक्र को पूरा करने का प्रतीक है और देवताओं को उनके घर वापस भेजने का एक तरीका है।
प्रकृति में समा जाना:
यह हमें याद दिलाता है कि हर किसी को एक दिन प्रकृति में ही समा जाना है, क्योंकि यह जन्म और मृत्यु के चक्र का प्रतीक है।
समर्पण और उत्सव:
देवताओं को अपने घर लाने के बाद उन्हें वापस भेजने की भावना भक्तों को गणेश जी के प्रति अपने समर्पण और उत्सव की भावना को व्यक्त करने का अवसर देती है।