18/08/2025
चरथावल से उठी एक नई शुरुआत
आज चरथावल विधानसभा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक पहल का बीजारोपण हुआ। इस पहल का केंद्र था विधायक पंकज मलिक जी का आवास, जहाँ समाजसेवी एवं क्रांतिकारी विचारधारा के प्रेरक शाह आलम भारतीय ने अपनी मुहिम “गर्व से कहो – हम भारतीय हैं” की जानकारी दी।
इस मुहिम का उद्देश्य अत्यंत स्पष्ट है—
भारत जैसे विविधताओं से भरे देश में जाति, धर्म, भाषा, क्षेत्र और लिंग के आधार पर होने वाले भेदभाव को समाप्त करना। क्योंकि जब शुरुआत में हम किसी से मिलते हैं और जब अंत में हमें पहचाना जाता है, तो सबसे पहले और आख़िर में हमारी पहचान भारतीय की ही होती है।
मुहिम का संदेश
यह मुहिम इस बात पर बल देती है कि—
न कोई बड़ा है, न कोई छोटा; न कोई ऊँच, न कोई नीच।
न कोई सिर्फ़ हिंदू है, न सिर्फ़ मुसलमान; न कोई सिर्फ़ जाट है, न सिर्फ़ गुर्जर; न कोई उत्तर भारतीय है, न दक्षिण भारतीय।
हमारी सबसे पहली पहचान है भारतीयता।
यही पहचान हमें जोड़ती है, यही पहचान हमें एक करती है, और यही पहचान हमें एक महान राष्ट्र बनाती है।
विधायक पंकज मलिक जी का समर्थन
जब शाह आलम भारतीय जी ने विधायक पंकज मलिक जी को इस मुहिम के बारे में विस्तार से बताया, तो उन्होंने न केवल इसे गंभीरता से सुना बल्कि खुले दिल से इसका स्वागत किया। उन्होंने कहा—
> “ऐसी पहल आज के समाज की सबसे बड़ी ज़रूरत है। यदि हम भेदभाव की दीवारें गिराकर भारतीयता को अपनाते हैं तो समाज में सद्भाव, समानता और भाईचारा मज़बूत होगा। मैं इस मुहिम का पूर्ण समर्थन करता हूँ और इसके लिए शाह आलम भारतीय जी को हार्दिक बधाई देता हूँ।”
समाज में असर
इस पहल का असर सिर्फ़ चरथावल तक सीमित नहीं रहेगा। यह संदेश हर उस दिल तक पहुँचेगा, जो किसी न किसी रूप में भेदभाव की पीड़ा से गुज़रा है। यह मुहिम युवाओं को एक नई सोच देगी—
राजनीति से ऊपर उठकर इंसानियत को चुनना।
पहचान की राजनीति छोड़कर भारतीयता की राजनीति को अपनाना।
विभाजन से हटकर एकता की राह पर चलना।
अंतिम संदेश
शाह आलम भारतीय जी का यह संदेश समाज की आत्मा को झकझोरता है—
> “जाति, धर्म, भाषा, क्षेत्र या लिंग – ये सब हमारी विविधताएँ हैं, लेकिन हमारी असली पहचान है भारतीय। हमें गर्व से कहना होगा – हम भारतीय हैं। यही पहचान हमें एकजुट रखेगी और यही पहचान हमें आगे बढ़ाएगी।”
शाह आलम भारतीय,
बैरम खान उर्फ बिल्ला,
नईम त्यागी
आयन चौधरी